10 हजार करोड़ के घोटाले का CAG की रिपोर्ट में खुला राज, कांग्रेस ने मांगा फडणवीस का इस्तीफा

2019 में महाराष्ट्र सरकार ने टैंकर से लोगों को पानी उपलब्ध कराने में ही 9000 करोड़ रुपए फूंक डाले, सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि योजना का ठेकेदारों ने खास फायदा उठाया, जबकि किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिला......

Update: 2020-09-10 08:37 GMT

मुंबई। महाराष्ट्र में 10 हजार करोड़ रुपए के जलग्रहण मिशन घोटाले की आंच अब पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस तक पहुंच चुकी है। राज्य कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने फडणवीस से इस मामले में नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने और जांच का सामना करने की मांग की है।

जलग्रहण मिशन योजना की जांच सीएजी ने की है और इसकी रिपोर्ट मंगलवार को राज्य विधानसभा में रखी गई थी। योजना राज्य की पूर्ववर्ती बीजेपी-शिवसेना सरकार ने शुरू की थी और सीएजी ने पाया है कि योजना अपने लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रही।

योजना में राज्य के गांवों में भूमिगत जलस्रोतों को रिचार्ज करना था। लेकिन सीएजी ने पाया है कि 31 हजार से अधिक गांवों में भूजल का स्तर बजाय बढ़ने के और घट गया। लगभग 14 गांवों में तो भूजल का स्तर एक मीटर से भी ज्यादा घट गया।

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2019 में महाराष्ट्र सरकार ने टैंकर से लोगों को पानी उपलब्ध कराने में ही 9000 करोड़ रुपए फूंक डाले। सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि योजना का ठेकेदारों ने खास फायदा उठाया, जबकि किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिला।

अब राज्य की सत्ता में हिस्सेदार कांग्रेस ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग उठा दी है। उधर, बीजेपी ने इस रिपोर्ट को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि इसके परिणाम छोटे सैंपल पर आधारित हैं। हालांकि, सीएजी ने पाया है कि 83 गांवों में से 37 में जल संग्रहण योजना के लक्ष्य से कम हुआ। इसके कारण 37 में से 17 गांवों में सरकार को लोगों की प्यास बुझाने के लिए पानी का टैंकर मंगवाना पड़ा।

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