पश्चिम बंगाल के मालदा में गंगा में मालवाहक जहाज डूबा, 10 लोग लापता, कई कार्गाे ट्रक डूबे
दुर्घटना का आरंभिक कारण जहाज पर अधिक वजह व तेज बहाव को माना जा रहा है। हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि मामले की जांच के बाद ही इस संबंध में स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है...
जनज्वार। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में गंगा नदी में एक मालवाहक जहाज डूब गया जिसमें 22 लोग डूब गए। हालांकि 12 लोगों को बाद में सुरक्षित बचा लिया गया लेकिन 10 लोग अब भी लापता है। घटना सोमवार, 23 नवंबर शाम साढे सात बजे की है। प्रभात खबर अखबार की खबर के अनुसार, हादसे में गंगा में डूबी 16 चक्के के एक वाहन के ड्राइवर ने बताया है कि लांच पर छोटी-बड़ी 18 गाड़ियां सवार थी। घटना मालदा जिले माणिकचक घाट की है।
दुर्घटना के बाद आसपास के इलाके में हंगामा मच गया। घटना की सूचना के बाद मालदा के डीएम राजर्षि मित्रा एवं एसपी आलोक राजोरिया माणिकचक पहुंचे। राहत एवं बचाव कार्य में आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को लगाया गया।
यह विशाल मालवाहक झारखंड के राजमहल से गंगा पार कर मालदा के माणिकचक घाट आ रहा था। हादसे से बचाये गये 16 चक्के के वाहन के ड्राइवर देवेन सिंह ने घटना के बारे में बताते हुआ कि करीब 18 छोटे बड़े वाहन जहाज पर लदे थे। लांच में 10 लाॅरी थी और प्रत्येक लाॅरी रेत व पत्थरों से लदी थी। शायद इस कारण जहाज का वजन अधिक हो गया था। हालांकि तेज बहाव के कारण भी दुर्घटना की आशंका जतायी जा रही है। जैसे ही मालवाहक जहाज माणिकचक घाट पर पहुंचा दुर्घटनाग्रस्त हो गया और लाॅरी एक-एक कर गंगा में डूबने लगी। जो लोग तैरना जानता थे उनमें कुछ ने तैर कर जान बचायी।
बताया जा रहा है कि मालवाहक जहाज पर कार्गाे ड्राइवरों के अतिरिक्त 12 यात्री भी सवार थे। हालांकि यह भी 22 यात्रियों के सवार होने की भी बात कही जा रही है।
डीएम राजर्षि मित्रा ने कहा है कि लांच डूबने की घटना में शुरू में ही यह पता चल गया कि आठ कार्गाे लाॅरी डूब गई है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में 12 लोगों को बचा लिया गया है और पूरे मामले की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वे जहाज पर सवार लोगों की चीख पुकार सुनकर बचाव के लिए पहुंचे और कुछ लोगों को अपनी आंखों के सामने पानी में डूबते देखा है।