अलगाववादी नेता गिलानी का शव पाकिस्तानी झंडे में लपेटने पर UAPA के तहत मामला दर्ज

अधिकारियों के मुताबिक बडगाम पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने उस वीडियो का भी संज्ञान लिया है जिसमें गिलानी का शव पाकिस्तानी झंडे में लिपटा दिखा था....;

Update: 2021-09-05 15:48 GMT
अलगाववादी नेता गिलानी का शव पाकिस्तानी झंडे में लपेटने पर UAPA के तहत मामला दर्ज

(लंबी बीमारी के बाद सैयद अली शाह गिलानी की 1 सितंबर को हो गयी थी मौत)

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जनज्वार। जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Gilani) की बुधवार 1 सितंबर को मौत के बाद उनके शव को कथित तौर पर पाकिस्तानी झंडे (Pakistani Flag) में लपेटने और राष्ट्र विरोधी नारेबाजी करने के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों के मुताबिक बडगाम पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ यूएपीए (UAPA) और आईपीसी (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने उस वीडियो का भी संज्ञान लिया है जिसमें गिलानी का शव पाकिस्तानी झंडे में लिपटा दिखा था। हालांकि जैसे ही पुलिस शव को अपने कब्जे में लेने के लिए आगे बढ़ी, अलगाववादी नेता के सहयोगियों ने झंडा हटा दिया।

गिलानी लंबी समय से बीमार थे। उनका 91 वर्ष की उम्र में निधन हुआ। शव को पास की एक मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक गिलानी की मौत के बाद उनके आवास पर मौजूद औरतों की कथित तौर पर पुलिस कर्मचारियों से झड़प हो गई थी, जब वे अंदर घुस गए थे और कथित तौर पर गिलानी के शव को उनके परिवार से छीन लिया था और उनके दो बेटों सहित परिवार की अनुपस्थिति में दफना दिया था।

रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कहा है कि उन्होंने शव को छीना नहीं, बल्कि परिवार को कब्रिस्तान ले जाने में मदद की, जो निवास से तीन सौ मीटर की दूरी पर है। 

गिलानी की मौत के बाद शुक्रवार 3 अगस्त को इंटरनेट सेवाओं पर घाटी में पाबंदी लगा दी गई थी। इसके अलावा इलाके में लोगों को एकत्रित होने पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। हालांकि शुक्रवार की रात को इंटरनेट सेवाएं फिर से बहाल की गईं लेकिन शनिवार को फिर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।

गिलानी की मौत पर घाटी में शनिवार को बाजार पूरी तरह से बंद रहे। इसके साथ ही सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहा है। इससे पहले इसी साल जून माह में गिलानी के करीबी हुर्रियत नेता मोहम्मद अशरफ सहरई की जम्मू जेल में हिरासत में मौत हो गई थी उन्हें पीएसए के तहत हिरासत में रखा गया था।

पुलिस ने सहरई के बेटों और अंतिम संस्कार में शामिल कुछ लोगों के खिलाफ भी कथित तौर पर राषट्रविरोधी नारे लगाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद उनके बेटों को हिरासत में ले लिया था।

कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने आम जनता से अपील की थी कि घाटी में शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के उद्देश्य से विशेष रूप से सीमा पार से राष्ट्रविरोदी तत्वों द्वारा दुर्भावनापूर्ण फैलाई जा रही अफवाहों पर कोई ध्यान नहीं देना चाहिए।

पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण रही और बडकाम के नरकारा इलाके में एक मामलू पथराव को छोड़कर कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

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