उन्नाव : CDO व BJP नेता ने ब्लॉक चुनाव मतदान की कवरेज कर रहे पत्रकार को दौड़ाकर पीटा, मीडिया संगठनों में आक्रोश

पत्रकार कृष्णा तिवारी की पिटाई से जिले के पत्रकारों में भारी आक्रोश का माहौल है। घटना के बाद सभी पत्रकार धरने पर बैठकर मुख्य विकास अधिकारी दिव्यांशु पटेल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं...

Update: 2021-07-11 02:19 GMT

(कवरेज से नाराज CDO दिव्यांशु पटेल पत्रकार कृष्णा तिवारी की पिटाई करते हुए)

जनज्वार, उन्नाव। उत्‍तर प्रदेश के उन्‍नाव में ब्लॉक प्रमुख चुनाव का मतदान था। इस दौरान कवरेज कर रहे पत्रकार पर मुख्य विकास अधिकारी (CDO) ने अपना आपा खोते हुए हमला कर दिया। अधिकारी के हमला बोलते ही साथ चल रहे एक सफ़ेदपोस एक नेता ने भी पत्रकार के साथ मारपीट कर दी।

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पत्रकार कृष्णा तिवारी की पिटाई से जिले के पत्रकारों में भारी आक्रोश का माहौल है। घटना के बाद सभी पत्रकार धरने पर बैठकर मुख्य विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पत्रकार अपना परिचय देता रहा दूसरी तरफ मुख्य विकास अधिकारी दिव्याशु पटेल उसे पीटते रहे। इस दौरान एक स्थानीय बीजेपी (BJP) नेता ने भी पत्रकार को बेरहमी से पीटा, जिसे लेकर पत्रकारो में रोष व्याप्त है।

CDO के बाद पत्रकार पर हाथ साफ करता भाजपा नेता

घटना जनपद उन्नाव के मियागंज ब्लॉक की है। पत्रकार (Journalist) ने बताया कि, वह लगातार सीडीओ दिव्यांशु पटेल के मुख्यालय में कवरेज के लिए जाता रहता था और मुख्य विकास अधिकारी उसे पहले से अच्छी तरह जानते हैं। पत्रकार ने यह भी कहा कि, यदि कोई पुलिस सिपाही मारपीट करता तो लगता कि वो मुझे पहले से जानता नहीं, लेकिन अधिकारी तो पहले से ही परिचित हैं।

चुनावी हिंसा को लेकर प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है कहा कि 'जनता ने वोट देकर बीडीसी चुने, योगीजी के जंगलराज ने गोली, बम, पत्थर, लाठी चलाकर उन्हें धमकाया, उनका अपहरण किया, महिला सदस्यों के साथ बदतमीजी की, वोट की ताकत वाले जनतंत्र पर योगीजी का जंगलराज हावी हो गया है। उन्हें ध्यान रखना चाहिए यह देश, इसका लोकतंत्र, इसकी जनता उनसे बड़ी है।'

आक्रोशित पत्रकार धरने पर बैठे

पत्रकार की पिटाई करता भाजपा नेता और तमाशबीन पुलिस

आरोप है कि इस दौरान पत्रकार कृष्णा तिवारी का मोबाइल भी तोड़ दिया गया है। उसने बताया कि, कवरेज के दौरान उसके मोबाइल का कैमरा खुला हुआ था, लेकिन उसके बाद भी उसकी बात नहीं सुनी गयी। वहीं, इस घटना को जिले के बाकी पत्रकारों में भारी आक्रोश है और वह सीडीओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। 

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