योजनाओं के लाभ की पहुँच प्रवासी समेत सभी मजदूरों तक सुनिश्चित करे केंद्र, सरकार को फटकार लगाते हुये सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि योजनाओं का लाभ जल्दी से जल्दी जरूरतमंदों तक पहुंचना चाहियें। योजनाओं का लाभ जल्दी तभी पहुंच सकेगा जब प्रवासी मजदूरों की पहचान की जायेगी तथा शीघ्रता से उनका पंजीकरण किया जायेगा।
जनज्वार ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर आज 24 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने केंद्र सरकार से लेबर रजिस्ट्रेशन स्कीम के बारे में जवाब मांगा है। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुये सरकार द्वारा धीमी गति से किये जा रहे प्रयासों से असंतुष्टि जताई है। अदालत ने कहा कि धीमी गति से चल रही प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण की प्रक्रिया में तेज़ी लाने की ज़रूरत है।
आपको बता दे आज सर्वोच्च न्यायालय में प्रवासी मजदूरों से सम्बंधित दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई है। इन याचिकाओं में केंद्र तथा राज्यों को 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वालों लोगों को परिवार को 4 लाख रूपये की अनुग्रह राशि देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समान नीति अपनाने का निर्देश देने हेतु अनुरोध किया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि योजनाओं का लाभ जल्दी से जल्दी जरूरतमंदों तक पहुंचना चाहियें। योजनाओं का लाभ जल्दी तभी पहुंच सकेगा जब प्रवासी मजदूरों की पहचान की जायेगी तथा शीघ्रता से उनका पंजीकरण किया जायेगा। सरकार यह सुनिश्चित करें कि योजनाओं का फायदा प्रवासी श्रमिकों सहित सभी लाभार्थियों तक पहुंचे। न्यायालय ने केंद्र को इस सम्पूर्ण प्रक्रिया की निगरानी करने का आदेश दिया है।
एक समान नीति के बिना नही मिल पायेगा लाभ-
मृत्यु प्रमाण पत्र या आधिकारिक दस्तावेज को लेकर समान नीति होने पर ही मृतक के परिजन योजना के तहत लाभ ले सकते हैं। जब तक कोई आधिकारिक दस्तावेज या मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति नहीं होगी जिसमें कहा गया हो कि मृत्यु का कारण कोविड ही था तब तक मृतक के परिवार वाले ऐसी किसी भी योजना के तहत मुआवजे का दावा नहीं कर पाएंगे। पीठ ने केंद्र को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश देते हुए मामले की आगे की सुनवाई के लिए 11 जून की तारीख तय की है।
श्रमिक पंजीकरण योजना-
केंद्र सरकार द्वारा श्रमिक पंजीकरण योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत सभी राज्यों से उन राज्य के श्रमिकों का पंजीकरण करने को कहा गया है। इस योजना का उद्देश्य श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ सभी श्रमिकों तक पहुंचाना है। देश के विभिन्न राज्यों की सरकार ने श्रमिक पंजीकरण शुरू कर दिया है। श्रमिक पंजीकरण आवेदन करने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु 60 वर्ष है। राज्यों द्वारा जारी की गयी वेबसाइट के द्वारा श्रमिक अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। एक परिवार से एक ही सदस्य का श्रमिक कार्ड बन सकता है। जिन श्रमिकों ने 12 महीने में 90 दिन श्रमिक के रूप में कार्य किया है वह इस योजना के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।