कर्नाटक में 'चक्का जाम' आंशिक रूप से सफल, दिल्ली सीमा पहुंचा किसानों का दल
राज्य भर में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित किए गए और किसी भी तरह की अवांछित घटना सामने नहीं आई। भारतीय किसान यूनियन के तत्वावधान में 40 से अधिक किसान यूनियन पिछले साल लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बेंगलुरू। राष्ट्रीय किसान यूनियनों के साथ एकजुटता दिखाते हुए कर्नाटक किसान संगठनों ने राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध करने में यहां आंशिक रूप से सफलता पाई। किसान संगठनों ने शनिवार को तीन कृषि कानूनों के विरोध में कुछ राज्यों को छोड़कर पूरे देश में चक्का जाम का आह्वान किया था। मार्ग अवरुद्ध होने की वजह से मैसूरु-बेंगलुरु राजमार्ग पर ट्रैफिक पर असर पड़ा। जबकि राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के गढ़ रहे तटीय क्षेत्र को छोड़कर, किसानों ने राज्य भर में वाहनों को रोकने में आंशिक रूप से सफलता पाई।
राज्य भर में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित किए गए और किसी भी तरह की अवांछित घटना सामने नहीं आई। भारतीय किसान यूनियन के तत्वावधान में 40 से अधिक किसान यूनियन पिछले साल लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान राष्ट्रव्यापी 'चक्का जाम' के हिस्से के रूप में बेंगलुरु में कुछ सड़कों को अस्थायी रूप से अवरुद्ध करने में सफल रहे। इससे मामूली ट्रैफिक जाम हो गया। बेंगलुरु में, मैसूर बैंक सर्कल, सदलहल्ली गेट, देवनहल्ली रोड, येलहंका न्यू पुलिस स्टेशन सर्कल में किसानों ने हरे झंडों के साथ इकट्ठा होकर यातायात में व्यवधान उत्पन्न किया।
पुलिस ने यातायात में बाधा डाल रहे कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया। इस बीच, कर्नाटक के किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को दिल्ली के पास गाजीपुर की सीमा पर चल रहे प्रदर्शन स्थल तक पहुंचा और किसानों के साथ एकजुटता दिखाई।
किसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर के नेतृत्व में किसानों के दल ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की। कोडिहल्ली ने प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित किया और तीनों कृषि कानूनों के निरस्त होने तक उन्हें समर्थन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने घोषणा की कि कर्नाटक के लगभग 4,000 किसान 6 फरवरी के बाद दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।