Char Dham Yatra : GMVN के रीजनल मैनेजर की बद्रीनाथ में मौत, यमुनोत्री में एक तीर्थयात्री की हार्ट अटैक से गई जान, आज दोपहर तक तीन मौतें

Char Dham Yatra : चारधाम यात्रा के महज दस दिनों में ही मौतों का यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है, आने वाले समय में मानसून सक्रिय होने के बाद ऑल वेदर रोड के कारण अस्तित्व में आए भूस्खलन जोन और प्राकृतिक विपदाएं चारधाम के लिए आने वाले रिकॉर्ड तोड़ यात्रियों की संख्या को देखते हुए पहले से ही चिंता का विषय बनी हुई हैं....

Update: 2022-05-13 11:18 GMT

Char Dham Yatra : GMVN के रीजनल मैनेजर की बद्रीनाथ में मौत, यमुनोत्री में एक तीर्थयात्री की हार्ट अटैक से गई जान, आज दोपहर तक तीन मौतें

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Char Dham Yatra : ऊंचाई वाले तीर्थ स्थानों पर ऑक्सीजन की कमी (Oxyzen Shortage) के चलते हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि राज्य सरकार (Govt.Of Uttarakhand) अब भी बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लम्बे-चौड़े दावे कर रही है। लेकिन हो रही मौतों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दावों की जमीनी सच्चाई क्या है। छः महीने तक चलने वाली इस चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) के शुरुआती दस दिनों में ही मौतों का यह आंकड़ा ढाई दर्जन पहुंच गया है।

शुक्रवार को भी राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी व एक तीर्थ यात्री सहित तीन मौतों की खबर आई है। बदरीनाथ धाम में हार्ट अटैक से गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के रीजनल मैनेजर पान सिंह बिष्ट की मौत हो गई। अधिकारी के शव को पोस्टमार्टम के लिए जोशीमठ भेजा गया है। जबकि गुरुवार देर रात को यमुनोत्री धाम से लौट रहे एक तीर्थ यात्री की हार्ट अटैक से तो दूसरे तीर्थयात्री की घोड़े से गिरने की वजह से मौत हो गई। गुरुवार को यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) से दर्शन कर लौट रहे तीर्थ यात्री प्रकाश चंद को राम मंदिर के समीप सांस लेने में तकलीफ हुई। उन्हें उपचार के लिए जानकी चट्टी लाया गया। यहां चिकित्सकों ने प्रकाश चंद को मृत घोषित कर दिया।

वहीं बंदेलीगाड़ पुल के समीप घोड़े से गिरकर तीर्थयात्री बाबू प्रसाद निवासी चंपारण बिहार चोटिल हो गया। जिसे उपचार के लिए जानकी चट्टी लाया गया। यहां चिकित्सकों ने इसे मृत घोषित कर दिया। थाना बड़कोट प्रभारी निरीक्षक गजेंद्र बहुगुणा ने बताया कि शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है।

बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट 8 मई को खुले थे। उत्तराखंड में शुक्रवार को बदरीनाथ धाम में हुई जीएमवीएन के रीजनल मैनेजर की मौत के साथ पांच दिन में धाम में मरने वालों की संख्या 6 पहुंच गई है। जबकि चारधाम यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों की मौत का आंकड़ा 30 से अधिक पहुंच गया है। चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) में आने वाले तीर्थ यात्रियों की मौतों को देखते हुए पीएमओ (PMO) स्तर से इस बाबत रिपोर्ट मांगी जा चुकी है। जिसका जवाब राज्य सरकार की ओर से दिया जा चुका है। पीएमओ के दखल के बाद राज्य सरकार की ओर से चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक बार फिर बड़े दावे किए गए थे। लेकिन मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा।

तीर्थ यात्रियों की ज्यादातर मौतें हार्ट अटैक की वजह से होना बताई जा रही है। मैदानी क्षेत्रों से अचानक इतनी ऊंचाई पर आ जाने के कारण होने वाली ऑक्सीजन की कमी को शरीर को एडजस्ट करने में दिक्कत होती है। जो हृदय रोगियों के लिए बेहद घातक सिद्ध हो रही है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यात्रा पर आने वाले दस फीसदी तीर्थ यात्रियों में ऑक्सीजन की कमी की दिक्कत दिख रही है। हो रही इन मौतों में एक चौंकाने वाली बात यह है कि मरने वालों में 30 साल के युवाओं से लेकर 75 साल तक के बुजुर्ग तक शामिल हैं। इसका मतलब यह है कि इसे केवल बुजुर्ग यात्रियों की समस्या नहीं समझा जा सकता।

स्वास्थ्य विभाग (Health Dept.of Uttarakhand) के आंकड़ों के अनुसार, केदारनाथ (Kedarnath) में अब तक 11 श्रद्धालुओं, बद्रीनाथ में 6, गंगोत्री में 3 और यमुनोत्री में 11 श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो 30 से 40 साल उम्र के 3 श्रद्धालुओं की जान गई है। इसी तरह 40 से अधिक और 50 तक की उम्र वाले 4 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवाई है। 50 से 60 साल तक की उम्र वाले 9 श्रद्धालुओं की जान गई है। जबकि 76 साल तक के 13 मरीजों की जान गई है। सबसे ज्यादा मौतें यमुनोत्री पैदल मार्ग और केदारनाथ में हो चुकी हैं।

दो को छोड़कर बाकी यह सभी मौतें हार्ट अटैक की वजह से ही होना बताई जा रही हैं। केवल दो मौतें ही ऐसी हैं, जिन्हे हादसे में हुई मौत का दर्जा दिया जा सकता है।

कुल मिलाकर चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra 2022) के महज दस दिनों में ही मौतों का यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है। आने वाले समय में मानसून सक्रिय होने के बाद ऑल वेदर रोड के कारण अस्तित्व में आए भूस्खलन जोन और प्राकृतिक विपदाएं चारधाम के लिए आने वाले रिकॉर्ड तोड़ यात्रियों की संख्या को देखते हुए पहले से ही चिंता का विषय बनी हुई हैं।

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