Charity : धार्मिक संस्थानों को सबसे अधिक दान करते हैं भारतीय, भिखारियों को केवल 12 फीसदी, स्टडी से हुआ खुलासा

Charity : एक निजी यूनिवर्सिटी के अध्ययन में यह रोचक खुलासा भी हुआ है कि भारतीय सबसे अधिक दान धार्मिक संस्थानों को देते हैं, भारतीय परिवारों ने साल 2021-22 में 23.7 हजार करोड़ रुपये दान देने में खर्च किए हैं...

Update: 2022-09-20 08:15 GMT

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Charity : एक निजी यूनिवर्सिटी के अध्ययन में यह रोचक खुलासा भी हुआ है कि भारतीय सबसे अधिक दान धार्मिक संस्थानों को देते हैं। भारतीय परिवारों ने साल 2021-22 में 23.7 हजार करोड़ रुपये दान देने में खर्च किए हैं। इस मामले में दूसरा नंबर भिखारियों का है। बता दें कि अशोक विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।

81 हजार लोगों का सर्वेक्षण

जानकारी के लिए आपको बता दें कि ये अध्ययन अशोका यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सोशल इंपैक्ट एंड फिलैन्थ्रॉपी और वर्ल्ड पैनल डिवीजन ऑफ कांतार ने हाऊ इंडिया गिव्स, 2020-21 शीर्षक से प्रकाशित की है। जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयों ने ज्यादातर दान नकद दिया। इसमें 18 प्रदेशों के 81 हजार लोगों को शामिल किया गया।

धार्मिक संगठनों को सबसे अधिक दान

स्टडी में खुलासा हुआ है कि दान देने में भारतीयों को सबसे ज्यादा प्रेरणा उनकी धार्मिक आस्था से मिलती है। उसके बाद आता है आर्थिक संकट में फंसे किसी शख्स की मदद करने की प्रेरणा और उसके बाद पारिवारिक परंपरा। अध्ययन के मुताबिक औसत दान राशि में पहला स्थाल दक्षिण भारत और दूसरा पश्चिम भारत का है। हालांकि दान की संख्या के मामले में पूर्वी और उत्तरी भारत में आगे हैं।

भिखारियों को केवल 12 फीसदी दान

स्टडी के अनुसार धार्मिक संगठनों को दान की गई कुल नकद रकम लगभग 16.6 हजार करोड़ रुपये रही, जो कुल दान राशि का 70 फीसदी है। इसके बाद कुल दान में भिखारियों का हिस्सा है जो 12 फीसदी या 2.9 हजार करोड़ रुपये रहा। बता दें कि परिवार और मित्रों को 9 फीसदी (2 हजार करोड़ रुपये), गैर धार्मिक संस्थाओं को 5 फीसदी (1.1 हजार करोड़ रुपये) और घरेलू कर्मचारियों को 4 फीसदी (1 हजार करोड़ रुपये) दान मिला।

ग्रामीण भारत दान में शहरी भारत से आगे

कुल धार्मिक दान का 27 प्रतिशत हिस्सा इस राय के आधार पर दिया गया। दान किसे देना है इसमें परिवार और दोस्तों की राय सबसे महत्वपूर्ण होती है। यह भी दिलचस्प है कि दान देने वाले परिवारों की संख्या के मामले में ग्रामीण भारत शहरी भारत से आगे रहा है। इस सर्वेक्षण में स्वत: अपने मन से दान की बड़ी घटनाओं की बात सामने नहीं आई है।

बड़ा दान दिया गया रिश्तेदारों को

अधिक राशि का दान, जिसमें 10 हजार रुपये से ऊपर, 5 से 10 हजार रुपये के बीच और 1001 से 5000 रुपये के बीच की राशि शामिल है वो ज्यादातर परिवार, दोस्तों और घरेलू कर्मचारियों को दिया गया। सबसे कम नकद दान (100 रुपय या कम) भिखारियों के हिस्से है। धार्मिक और गैर धार्मिक संस्थाओं की स्थिति इस मामले में भिखारियों से कुछ बेहतर रही जिन्हें 101 रुपये से लेकर 300 रुपये और 301 रुपये से लेकर 500 रुपये तक का दान मिला। बता दें कि धार्मिक संगठनों को मिलने वाले दान में स्थिति और त्योहारों का असर पड़ता है।

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