मरी हुई बहन का चेहरा दिखाने के बदले अस्पताल ने वसूले 25 हजार रुपए : पंडित छन्नूलाल की बेटी

छन्नूलाल की छोटी बेटी ने बताया कि दीदी को 24 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय डेढ़ लाख रूपये जमा करवाए गए थे, उसके बाद भी अस्पताल वाले उनसे चार लाख रूपये की मांग कर रहे थे....

Update: 2021-05-22 13:45 GMT

(पंडित छन्नूलाल की छोटी बेटी ने अस्पताल को लेकर बड़ा खुलासा किया, देश-प्रदेश का नाम रोशन करने वाले पंडित जी के साथ यह घटना शर्मनाक है)

जनज्वार, वाराणसी। 'मां गंगा ने बुलाया है' कहकर जब पीएम मोदी बनारस से चुनाव लड़े थे तब देश की धरोहरों में से एक पण्डित छन्नूलाल मिश्रा उनके प्रस्तावक बने थे। और आज यह बेहद शर्म का विषय हैं कि मोदी के प्रस्तावक रहे पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्रा को अस्पताल में अपनी ही बेटी का चेहरा देखने के लिए 25 हजार रूपये चुकाने पड़े।

पण्डित छन्नूलाल मिश्रा की बड़ी बेटी संगीता की मौत के बाद मैदागिन के एक निजी अस्पताल में कर्मचारियों ने पण्डित जी को बेटी का चेहरा दिखाने की एवज में 25 हजार रूपये ले लिए। यह खुलासा छन्नूलाल मिश्रा की छोटी बेटी नम्रता मिश्रा ने शुक्रवार 21 मई को गैबी स्थित अपने घर पर पत्रकारों से बातचीत में किया। 

नम्रता ने बताया कि अस्पताल में 29 अप्रैल की आधी रात निधन की सूचना मिली थी। परिवार के लोग आनन-फानन में अस्पताल पहुँचे तो उन्हें बाहर ही कई घण्टों तक इंतजार करवाया गया। संगीता मिश्रा के शव को किट में पैक करने से पहले जब परिजनो ने अंतिम बार चेहरा देखना चाहा तो अस्पताल के कर्मचारियों ने उनसे 25 हजार रूपयों की डिमांड रखी। परिजनो के पास उस वक्त इतने रूपये नहीं थे।

पंडित जी की छोटी बेटी का आरोप है कि उन्होने तुरंत एटीएम जाकर उन्हें रूपये निकलवाकर कर्मचारियों को दिए। उन्होने बताया कि दीदी को 24 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय डेढ़ लाख रूपये जमा करवाए गए थे। उसके बाद भी अस्पताल वाले उनसे चार लाख रूपये की मांग कर रहे थे। 

परिवार का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने 24 अप्रैल से लेकर 29 अप्रैल तक निधन से पहले तक का सीसीटीवी फुटेज मांगने पर भी नहीं दिया। फुटेज देने में अस्पताल प्रबंधन आनाकानी क्यों कर रहा है? इन 6 दिनो में दीदी का क्या इलाज हुआ कौन से टेस्ट कराए गए इसका कोई विवरण तक नहीं दिया गया है।

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