हमारे यहां कोई प्रधानी तक जीत जाए तो खुद को PM समझता है, लेकिन छतरपुर के पल्लेदार रेवालाल की कहानी ही अलग है...

रेवालाल अब तक दो बार नगर परिषद अध्यक्ष, दो बार ही पार्षद और एक बार बिजली बोर्ड डायरेक्टर तक रह चुके हैं। बावजूद इसके वह आज भी पल्लेदारी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं...

Update: 2022-02-27 11:53 GMT

(पांच बार अहम पदों पर रहे रेवालाल आज भी पल्लेदारी करते हैं)

Madhya Pradesh News: कोई भी इंसान एक बार प्रधानी का चुनाव भी जीत जाए तो 5 साल खुद को प्रधानमंत्री से कम नहीं समझता। घर से लेकर परिवार के सदस्यों तक का हुलिया बदल जाता है। लेकिन एमपी के जिला छतरपुर (Chhatarpur MP) में रहने वाले रेवालाल की कहानी कहीं अलग है। एक-दो नहीं बल्कि पूरे पांच बार अहम जिम्मेदारियां निभा चुके रेवालाल (Rewalal) आज भी वही काम करते हैं जो उनका मूल पेशा है..पल्लेदारी। 

आपको बता दें कि रेवालाल (Rewalal) अब तक दो बार नगर परिषद अध्यक्ष, दो बार ही पार्षद और एक बार बिजली बोर्ड डायरेक्टर (Director Electricity Board) तक रह चुके हैं। बावजूद इसके वह आज भी पल्लेदारी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।

जेब में 100 रुपए डालकर लड़ा था पहला इलेक्शन

67 वर्षीय रेवालाल छतरपुर के लवकुशनगर नगरपरिषद वार्ड नंबर 7 में रहते हैं। रेवालाल बताते हैं कि वह पिछले 40 सालों से पल्लेदारी कर रहे हैं। साल 1989 में पहला चुनाव विद्युत सहकारी समिति के डायरेक्टर के लिए लड़ा। उस दौर के कई दिग्गज भी चुनावी मैदान में थे। चुनाव लड़ने के लिए उनकी पत्नी ने 100 रुपए दिए थे। इन 100 रुपयों में से उन्होंने 60 रुपए की पैंफलेट लगवाई थी, 20 रुपए की बीड़ी लोगों को पिलाई और बचे 20 रुपए पत्नी को वापस भी लौटा दिए थे। उस साल उन्हें विद्युत सहकारी समिति का डायरेक्टर चुन लिया गया था।

2 बार निर्दलीय चुने गए

रेवालाल बताते हैं कि उन्होंने अब तक लवकुशनगर नगरपरिषद के लिए कुल दो चुनाव लड़े हैं। दोनों ही बार वो निर्दलीय ही मैदान में थे, जबकि विपक्ष में कांग्रेस एवं बीजेपी जैसी दिग्गज पार्टियों के लोग थे। पहला चुनाव 1999 में लड़ा था, जिसमें 10 हजार रुपए खर्च करते हुए चुनाव जीता था। इसके बाद 2009 में एक बार फिर नगरपरिषद का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इस बार चुनाव प्रचार में कुल 70 हजार खर्च हुए थे।

पल्लेदारी करते हुए साइन की फाइलें

रेवालाल अहीरवार के काम करने का तरीका भी अनोखा था। रेवालाल जिस समय नगरपरिषद अध्यक्ष थे उस समय भी पल्लेदारी करते थे और नगर अध्यक्ष की सील जेब में रखते थे। पल्लेदारी करते समय जब भी कोई फाइल साइन करने के लिए आती वहीं पर साइन करते और पल्लेदारी के काम मे लग जाते थे।

गलत कमाई कभी नहीं

रेवालाल का कहना कि, 'गलत तरीके से पैसे कमाने का मौका कई बार आया। लेकिन मैंने कभी इस तरह से पैसे कमाने की चाह नहीं रखी। पद पर रहते हुए अपना काम ईमानदारी से किया और घर का भरण-पोषण पल्लेदारी के पैसों से किया।'

आज भी पल्लेदार हैं रेवालाल

रेवालाल आज भी लवकुशनगर में पल्लेदारी का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। परिवार में पत्नी के अलावा 4 बेटे एवं 2 बेटियां हैं। सभी बच्चों की शादी हो चुकी है। रेवालाल बताते हैं उनका मन है कि वह एक बार फिर चुनाव लड़ना चाहते हैं।

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