Chhath Puja 2021 : खरना के दिन खाई जाती है गुड़ से बनी खीर और पूरी, जानिए इसके फायदे

Chhath Puja 2021: ठंड की शुरुआत हो चुकी हैं। लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। व्रत करने से शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। ऐसे में गुड़ से बनी खीर और रोटी आपके शरीर को शक्ति प्रदान कर सकता है।

Update: 2021-11-09 02:56 GMT

Chhath Puja 2021: आज खरना है और आज के दिन गुड की खीर और पूरी खाने की परंपरा है। 

Chhath Puja 2021 : इस बार 10 नवंबर को छठ पूजा है। चार दिन तक चलने वाले इस त्योहर में तरह—तरह के पकवान बनते हैं। आज खरना है और पवित्रता का पूरी तरह से ख्याल रखते हुए छठी मैया के लिए खास पकवान बनते हैं। छठी मैया गुड़ से बनी खीर और पूरी खाती हैं। उसके बाद भक्त खीर और पूरी को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। खीर और पूरी के कई फायदे होते हैं। आप भी जानिए खीर और पूरी से बनने वाले इस प्रसाद के फायदे।

क्या कहती हैं एक्सपर्ट?

डायटीशियन डॉ. भावना गांधी का कहना है कि खरना के दिन व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम में गुड़ की खीर और रोटी प्रसाद में चढ़ाती हैं। इसके बाद वही खीर और रोटी खाकर अगले 36 घंटे तक के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। सवाल यह है कि आखिर गुड़ की खीर और रोटी खाने का रिवाज क्यों है और इसका वैज्ञानिक आधार क्या है? दरअसल, ठंड की शुरुआत हो चुकी हैं। लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। व्रत करने से शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। ऐसे में गुड़ से बनी खीर और रोटी आपके शरीर को शक्ति प्रदान कर सकता है।

आयरन से भरपूर है गुड़ का खीर, शरीर में बनी रहती है गर्मी

गुड़ से तैयार खीर आयरन से भरपूर होता है। व्रत शुरू करने से पहले गुड़ का खीर खाने से आपके शरीर को आयरन मिलता है। आयरन आपके शरीर को एनर्जी प्रदान करता है। गुड़ से तैयार खीर और रोटी का सेवन करने से शरीर में गर्मी आती है। गुड़ की तासीर गर्म होती है। ऐसे में जब आप व्रत शुरू करने से पहले गुड़ से बनी खीर खाने से आपके शरीर को गर्मी मिलती है। इससे छठ व्रत में अर्घ्य देने के लिए आपको शक्ति मिलती है। अर्घ्य देने के लिए आपको छठ पर्व में पानी में खड़ा होना होता है। इस स्थिति में शरीर को अधिक गर्मी की आवश्यकता होती है। इसलिए गुड़ का खीर आपके लिए काफी लाभकारी साबित हो सकता है। खरना में हम गुड़ की खीर के साथ रोटी का भी सेवन करते हैं। रोटी या पूरी के सेवन से आपको शरीर को कार्बोहाइट्रेड मिलता है जो आपको व्रत रखने के लिए एनर्जी प्रदान कर सकता है।

इसे खाने से नहीं लगती है भूख

शाम के वक्त खरना में गुड़ की खीर और रोटी खाने से आपके शरीर को भरपूर रूप से कार्बोहाइड्रेट और आयरन मिलता है। चोकर वाले आंटे की रोटी या पूरी खाने से शरीर को भरपूर रूप से फाइबर भी मिलता है, जिससे आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। इससे आपको भूख कम लगती है। खीर में मौजूद गुड़, दूध और चावल आपके शरीर को कई तरह के पोषक तत्व जैसे- कार्बोहाइड्रेट, आयरन, प्रोटीन और कैल्शियम प्रदान करती है। इन पोषक तत्वों से आपके शरीर की एनर्जी बनी रहती है, जिससे आपको व्रत में कमजोरी का अनुभव नहीं होता है। खीर के साथ हम रोटी भी लेते हैं, जिसमें पानी को अवशोषित करने की क्षमता होती है।

सुपाच्य पदार्थ है खीर और पूरी

गुड़ की खीर और रोटी एक ऐसा आहार है, जिसे आसानी से पचाया जा सकता है। खरना में पूरे दिनभर भूखे रहने पर अगर आप अचानक से हैवी खाते हैं, तो कुपच हो सकता है। ऐसे में गुड़ की खीर और रोटी आपके लिए काफी अच्छा होता है। इसे पचाने में आसानी होती है। यह अगले दिन व्रत के लिए यह आपके शरीर को शक्ति देता है।

सर्दी-जुकाम और गले में खराश से करता है बचाव

व्रती को पानी में खड़े होकर अर्घ्य देना होता है। ऐसी स्थिति में आपको सर्दी-जुकाम, उल्टी जैसी परेशानी हो सकती है। इन सभी परेशानियों से बचाने में गुड़ की खीर मददगार हो सकती है। क्योंकि गुड़ की तासीर गर्म होती है, जो आपके शरीर को लंबे समय तक गर्म रखती गै। इससे आपको पानी में खड़े होने की शक्ति मिलती है। साथ ही गले में खराश होने की संभावना काफी हद तक कम होती है। इससे आपकी इम्यूनिटी भी बूस्ट हो सकती है। डायटीशियन डॉ. भावना गांधी का कहना है कि पौराणिक परंपराओं में मौजूद यह चीजें स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होती हैँ। वैज्ञानिक दृष्टि से भी हम कह सकते हैं कि गुड़ की खीर और रोटी का सेवन करने से आपके शरीर को व्रत के लिए शक्ति मिलती है।

आज खरना है

बता दें कि बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में दिवाली के बाद से लोगों को छठ का इंतजार रहता है। इस त्योहार को धूम-धाम से मनाया जाता है। 8 नबंवर से चार दिवसीय पूजा की शुरुआत हो चुकी है। पहले दिन नहाय-खाय से इसकी शुरुआत होती है। दूसरे दिन 9 नबंवर खरना होता है, जिसमें व्रती पूरे दिन व्रत करती हैं और शाम को गुड़ से बनी खीर और रोटी का सेवन करती है, जिसके बाद फिर से 36 घंटे का व्रत रखा जाता है।

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