छत्तीसगढ में किसानों ने मोदी के 3 कृषि कानून के खिलाफ किया जोरदार प्रदर्शन, रद्द करने की मांग

दिल्ली प्रवेश की कोशिश कर रहे किसानों के दमन के खिलाफ छत्तीसगढ के किसानों ने किसान श्रृंखला बनाकर विरोध जताया...

Update: 2020-11-27 09:07 GMT

जनज्वार। छत्तीसगढ में किसान संगठनों ने नरेंद्र मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ गुरुवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर उन्हें रद्द करने की मांग की। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति व छत्तीसगढ किसान आंदोलन के आह्वान पर किसान राज्य में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

छत्तसीगढ में किसानों ने किसान श्रृंखला का निर्माण कर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जा रहे किसानों के दमन के खिलाफ विरोध जताया।

छत्तीसगढ के कोरबा में छत्तीसगढ किसान सभा के नेतृत्व में सुराकछार गावं में किसानों ने एकजुटता दिखाते हुए मानव श्रृंखला बनायी। छत्तीसगढ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया।

किसानों के इस आंदोलन में आदिवासी एकता महासभा सहित कई दूसरे संगठन शामिल हुए हैं। किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी एकजुटता के पक्ष में नारे लगाए।

सीपीआइ-एम ने भी कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया और देशव्यापी किसान आंदोलन को सफल बनाने का संकल्प दोहराया। सीपीआइ-एम ने ठेका खेती प्रथा रद्द करने और कृषि कानून वापस लेने की मांग की। किसानों ने फसल की कीमत तय करने की भी मांग की।

आदिवासी बहुल राज्य होने के कारण यहां किसानों ने वनाधिकार का पट्टा देने की भी मांग की।

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