छत्तीसगढ़ नक्सली हमला : नेता ज़िम्मेदारियों से भाग रहे हैं और मीडिया उनके पीछे ?

रक्षामंत्री पुलिया तक का उद्घाटन कर रहे हैं, गृहमंत्री असम में चुनाव प्रचार कर रहे हैं, मुख्यमंत्री असम में कैम्प लगाकर बैठे हैं और केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान इस कदर शहीद हो रहे हैं की दृश्य देख कर दिल की धड़कनें रुक जाएं...

Update: 2021-04-05 07:40 GMT

जनज्वार ब्यूरो, रायपुर। सीआरपीएफ के डीजी रायपुर पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा है कि वह सुकमा भी जाएंगे। इसके साथ ही राष्ट्रीय विशेष सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार भी बस्तर के इलाके में कैंप कर रहे हैं। सुरक्षाबलों की टीम के साथ अगली रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में 22 से अधिक जवान शहीद हुए हैं। घायलों की संख्या को देखते हुए शहीद जवानों की संख्या बढ़ भी सकती है।  

बताया जा रहा है कि कुख्यात नक्सली हिडमा ने घेराबंदी कर जवानों पर फायरिंग की थी। शनिवार को सुबह 11 बजे से लेकर शाम चार बजे तक फायरिंग हुई थी। रात होने की वजह से लापता जवानों की तलाश कल नहीं हो पाई थी। रविवार सुबह से उस इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। उसके बाद 22 जवानों के शव मिले हैं। सुरक्षाबलों के जवान हेलिकॉप्टर से वहां ऑपरेशन चला रहे हैं। मुठभेड़ वाली जगह पर सर्च ऑपरेशन जारी है। साथ ही लापता जवानों के शव वहां से निकाले जा रहे हैं।

बीजापुर हमले के बाद नक्सलियों ने जवानों को अगवा किया है। जम्मू के रहने वाले जवान राकेश्वर सिंह मन्हास लापता हैं। उनकी पत्नी मीनू मन्हास ने अपने पति को सुरक्षित छुड़वाने की अपील की है। 

छत्तीसगढ़ में जवानो पर हमले को लेकर पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'रक्षामंत्री पुलिया तक का उद्घाटन कर रहे हैं, गृहमंत्री असम में चुनाव प्रचार कर रहे हैं, मुख्यमंत्री असम में कैम्प लगाकर बैठे हैं और केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान इस कदर शहीद हो रहे हैं की दृश्य देख कर दिल की धड़कनें रुक जाएँ। नेता ज़िम्मेदारियों से भाग रहे हैं और मीडिया उनके पीछे।'

वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर सिंह प्रधानमंत्री के नोटबंदी के दौरान की गई मन की बात में नक्सलवाद समाप्त होने की का जिक्र करते हुए लिखते हैं कि 'नोटबंदी से आतंकवाद-नक्सलवाद ख़त्म हो जाएगा। ये बहुत बड़ा झूठ था ये एक बार फिर साबित हो गया।'

ट्वीटर यूजर कुमार पवन लिखते हैं कि 'जब छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार थी तब नक्सलवाद केंद्र की कांग्रेस सरकार की वजह से खत्म नहीं हो पा रहा था, अब जब केंद्र में भाजपा सरकार है तो नक्सलवाद की ज़िम्मेदार राज्य सरकार है और केंद्र का 'केंद्रीय सुरक्षा बलों' से कोई लेना देना नहीं है। बैल बनो, गधे बनों पर भक्त मत बन जाना।'

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