Chhattisgarh News : खाट पर गर्भवती महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया, खराब सड़क के कारण 1 किलोमीटर चलना पड़ा पैदल, अब तक नहीं जागा प्रशासन

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में एक गर्भवती महिला को सड़क नहीं होने के कारण खाट के सहारे एंबुलेंस तक ले जाया गया। इसके बाद महिला को जैसे-तैसे अस्पताल तक पंहुचा गया

Update: 2022-08-10 12:59 GMT

Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ से मन विचलित कर देने वाली घटना सामने आई है। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में एक गर्भवती महिला को सड़क नहीं होने के कारण खाट के सहारे एंबुलेंस तक ले जाया गया। इसके बाद महिला को जैसे-तैसे अस्पताल तक पंहुचा गया। जहां महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। यह घटना प्रशासन की नाकामियों को उजागर करती है। जो सबसे परेशान करने वाली बात है वो ये है कि यहां के लोगों ने कई बार प्रशासन से सड़क बनाने की मांग की है, लेकिन अब तक यहां सड़क नहीं बनाई गई है।

यह है पूरा मामला

दरअसल छत्तीसगढ़ के कोंडागांव के वनशिरसी ग्राम पंचायत के आश्रित गांव मथनीबेड़ा में 9 महीने की गर्भवती सुंदरी पति पंडो को प्रसव पीड़ा शुरू हुई थी। परिवार ने तुरंत 102 महतारी एक्सप्रेस से संपर्क किया। एंबुलेंस लेकर ड्राइवर खेम सिंह नेताम और ईएमटी अजय निर्मल निकले भी, लेकिन जंगल के आगे रास्ता खराब और कच्चा होने के कारण वे आगे नहीं जा सके। इसके बाद एंबुलेंस को घर से लगभग एक किलोमीटर दूर रास्ते में ही खड़ा कर दिया गया और खुद पैदल गर्भवती महिला के घर पहुंचे, जिसके बाद एंबुलेंस कर्मियों ने परिवार के लोगों के साथ मिलकर खाट को लकड़ी और रस्सी के सहारे बांधकर डोली का रूप दिया और महिला को लिटाकर एंबुलेंस तक पहुंचे।

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खाट के सहारे एंबुलेंस तक पहुंची महिला

खाट के सहारे एम्बुलेंस तक पहुंचने के बाद वहां से महिला को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। CMHO टीआर कुंवर का कहना है कि सड़क खराब होने के कारण थोड़ी दिक्कत हुई, लेकिन एंबुलेंस कर्मचारियों ने अपनी सूझबूझ का परिचय दिया और हालात को संभाला। फिलहाल महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों की हालत ठीक है।

प्रशासन के विकास के दावे निकले झूठे

शासन-प्रशासन विकास के दावे तो खूब करती है, लेकिन कोंडागांव के अंदरूनी गांवों से आने वाली ये तस्वीरें आम हैं। बता दें कि अधिकांश गांवों तक पहुंच मार्ग नहीं है। कीचड़ से लतपथ कच्ची पगडंडियों पर गाड़ी चला पाना संभव नहीं है, जिसके कारण एंबुलेंस समेत अन्य वाहन यहां तक नहीं पहुंच पाते हैं। वनशिरसी ग्राम पंचायत में भी हालात हैं। यहां के लोगों ने भी कई बार प्रशासन से गुहार लगाई है। मगर अब तक यहां सड़क नहीं बन सकी है।

प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं

प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है। ऐसे में कीचड़ भरे रास्तों से पैदल चलकर निकलना ही गांववालों के लिए एकमात्र रास्ता बचता है। अगर कोई बीमार हो जाए या कोई महिला गर्भवती हो, तो उसे अस्पताल तक पहुंचाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है। तब गांववाले ऐसे ही कांवड़, खाट या डोली बनाकर मरीज को उसमें बिठाकर मुख्य सड़क तक आते हैं और हॉस्पिटल तक पहुंचाते हैं। मगर इन रास्तों को लेकर शासन-प्रशासन का रवैया हमेशा ही उपेक्षा से भरा है, यही वजह है कि आज तक यहां सड़क जैसी बुनियादी सुविधा का भी अभाव है।

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