Chhattisgarh News : पति की मौत के बाद ससुराल से निकाली गई महिला को है भरण-पोषण का दावा करने का हक - हाईकोर्ट
Chhattisgarh News : अभी तक हिंदू विवाह अधिनियम में पति की मौत के बाद उसकी विधवा का भरण पोषण को लेकर स्पष्ट प्रावधान नहीं था।
Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ( Chhattisgarh High Court ) ने घर से निकाली गई विधवा बहू के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस फैसले के मुताबिक पति की मौत होने पर विधवा की जिम्मेदारी कौन उठाएगा, का रास्ता साफ हो गया है। भारत में पहले यह स्पष्ट नहीं था कि यदि पति की असमय मृत्यु हो जाए और विधवा महिला को ससुराल से निकाल दिया जाए तो उसकी जिम्मेदारी और भरण पोषण की जवाबदेही किस पर होगी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब विधवा महिला अपने ससुर और ससुरालवालों पर भरण पोषण ( widow claim maintenance ) के लिए दावा कर सकती है।
फैमिली कोर्ट के आदेश को ठहराया सही
अभी तक हिंदू विवाह अधिनियम में इस बात को लेकर स्पष्ट प्रावधान नहीं था। इसे लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ( Chhattisgarh High Court ) ने महत्वपूर्ण आदेश दिया है। जस्टिस गौतम भादुड़ी की डिवीजन बेंच ने कहा कि अगर पति की मौत के बाद ससुर अपनी बहू को घर से निकाल देता है तो उसे कानूनी रूप से भरण-पोषण का हकदार होगा। इसके लिए विधवा महिला ( widow claim maintenance ) दावा कर सकती हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है।
महिला ने किया था भरण-पोषण का दावा
दरअसल, कोरबा की रहने वाली युवती का विवाह 14 साल पहले जांजगीर-चांपा निवासी युवक से हुआ था। विवाह के बाद 2012 में महिला के पति की असमय मृत्यु हो गई। इसके बाद उसके ससुर और ससुराल वालों ने उसे घर निकाल दिया। महिला अपने मायके में रहने लगी। इस दौरान विधवा महिला ने 2015 में जांजगीर-चांपा फैमिली कोर्ट में परिवाद दायर की। इसमें उसने ससुर और ससुराल पक्ष से भरण पोषण राशि देने की मांग की। फैमिली कोर्ट ने महिला के पक्ष में फैसला देते हुए ससुर को आदेशित किया कि विधवा बहू को भरण पोषण राशि दे।
ससुराल वालों ने दी थी फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती
विधवा महिला के पक्ष में फैमिली कोर्ट के फैसले को ससुराल वालों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याची पक्ष ने फैमिली कोर्ट के आदेश को अवैधानिक बताया। साथ ही दावा किया कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत कोई भी महिला अपने पति से भरण पोषण के लिए दावा कर सकती है, लेकिन उसकी मौत के बाद ससुरालवालों पर दावा नहीं कर सकती इसलिए फैमिली कोर्ट के आदेश को खारिज किया जाए।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ( Chhattisgarh High Court ) की डिवीजन बेंच ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत महिला के पति की मौत के बाद बहू की परवरिश की जिम्मेदारी ससुर और ससुरालवालों पर होती है। ऐसे में बहू से विवाद होने या उसे घर से बाहर निकालने पर उसके भरण पोषण की जिम्मेदारी ससुरालवालों की है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि पति की मौत के बाद विधवा महिला अपने ससुर या ससुरालवालों पर भरण पोषण के लिए दावा ( widow claim maintenance ) कर सकती है।