Child Pornography को रोकने में आप दे सकते हैं CBI का साथ, देखिये पूरी लिस्ट कहीं आपका शहर भी तो नहीं शामिल
Child Pornography : देशभर में चाइल्ड पोर्नोग्राफी में बेतहाशा बढ़ोतरी ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। खासकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के पोर्नोग्राफी एजेंसियों के जुड़े होने की सूचना ने प्रशासनिक एजेंसियों को चौंका दिया है। इसके दुष्प्रभाव को देखते हुए सरकार ने जांच एजेंसियों का सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है।
Child Pornography : राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI ) द्वारा चाइल्ड पोर्नोग्राफी ( Child Pornography ) के खिलाफ जारी छापेमारी से हड़कंप की स्थिति है। सीबीआई की टीमों ने 14 राज्यों के 77 शहरों में छापेमारी की और 83 लोगों को हिरासत में लेकर 14 नवंबर को 23 अलग-अलग केस दर्ज किए हैं। छापेमारी में सीबीआई को कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डेटा मिले हैं। छापेमारी का मकसद चाइल्ड पोर्नोग्राफी ( Child Pornography ) महामारी या एक नई संकट पैदा करे, उससे पहले उसे नियंत्रित करना है। सवाल यह है कि अचानक बड़े पैमाने पर इसके खिलाफ रेड की जरूरत क्यों पड़ी और इस मुहिम में भारतीय नागरिक क्या सहयोग कर सकते हैं। साथ ही इस बात को भी जानने की जरूरत है कि कहीं आपका शहर भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी का अड्डा नहीं है। अगर है तो क्या करें?
चाइल्ड पोर्नोग्राफी ( Child Pornography ) : प्रमुख राज्य और शहर
उत्तर प्रदेश : जालौन, मऊ, चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, सिद्धार्थनगर, मुरादाबाद, नोएडा, झांसी, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर।
गुजरात : जूनागढ़, भावनगर, जामनगर।
पंजाब : संगरूर, मलेरकोटला, होशियारपुर, पटियाला।
हरियाणा : यमुनानगर, पानीपत, सिरसा, हिसार।
ओडिशा : भद्रक, जाजापुर, ढेंकनाल।
तमिलनाडु : तिरुवलुरे, कोयंबटूर, नमक्कल, सेलम और तिरुवन्नामलाई।
राजस्थान : अजमेर, जयपुर, झुंझुनू और नागौर
मध्य प्रदेश : ग्वालियर।
महाराष्ट्र : जलगाँव, सलवाड़ और धुले।
छत्तीसगढ़ : कोरबा।
हिमाचल प्रदेश : सोलन।
बिहार : पटना, सीवान।
दिल्ली और आंध्र प्रदेश के कई शहर भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी से ग्रसित पाए गए हैं।
कैसे दें CBI का साथ
पांच दिन पहले यानि 12 नवंबर को सीबीआई ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में कई सौ फीसदी की बढ़ों के बाद विशेष इकाई स्थापित करने की घोषणा की है। इस इकाई को प्रभावी बनाने के लिए अलग से ढांचा विकसित करने की भी योजना है। अभी सीबीआई ने इसके लिए अपनी वेबसाइट पर अलग से नंबर या अधिकारी का डिटेल जारी नहीं किया है। फिलहाल आप चाइल्ड पोर्नोग्राफी ( Child Pornography ) को रोकने के लिए सीबीआई की सहायता करना चाहते है कि ऐसा कर सकत हैं। आप प्लॉट नंबर 5-बी, सीजीओ कॉम्प्लेक्स, लोधी रोड नई दिल्ली पहुंचकर इस जरूर जानकारी सीबीआई अधिकारियों को मुहैया करा सकते हैं। या देशभर में सीबीआई की शाखाओं पर मौजूद अधिकारियों को इसकी सूचना दे सकत है। या घर बैठे आप सीबीआई को 011-24302700 और 011-24362755 पर जानकारी दे सकते हैं।
जानिए स्पेशल सेल चाइल्ड पोर्नोग्राफी का क्षेत्राधिकार
केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI ) ने 12 नवंबर 2021 को राष्ट्रीय राजधानी में एक ऑनलाइन बाल यौन शोषण और शोषण रोकथाम इकाई की स्थापना की। नई इकाई ऑनलाइन बाल यौन शोषण और शोषण से संबंधित सूचना के प्रकाशन और प्रसारण के संबंध में जानकारी एकत्र और प्रसारित करेगी। ऐसे अपराधों की जांच भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के प्रावधानों के तहत आएगी। इकाई का क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र पूरे भारत में होगा।
क्यों पड़ी सख्त एक्शन की जरूरत
दरअसल, नैशनल क्राइम रिकॉर्डस ब्यूरों ( NCRB ) के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 2019 के मुकाबले 2020 में बच्चों के अश्लील विडियो बनाने उनका शोषण करने के मामलों में 400 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। छापेमारी में सीबीआई को बड़ी तादाद में आपत्तिजनक दस्तावेज और डेटा भी मिले हैं।
ओडिशा में सीबीआई अधिकारी को पीटा
चिंता की बात तो यह है कि ओडिशा में छापेमारी के दौरान सीबीआई अधिकारी की जमकर पिटाई की गई। इसमें सीबीआई के कई लोग घायल हो गए। ओडिशा के ढेंकनाल जिले में सीबीआई की छापेमारी के दौरान कुछ लोगों ने अधिकारियों पर हमला कर दिया। उनकी जमकर पिटाई की। जुबुली नायक नाम के शख्स के घर पर हुई इस घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया।
व्हाट्सऐप पर फलफूल रहा है पोर्नोग्राफी का धंधा
वेबसाइट्स पर बैन होने के बाद चाइल्ड पोर्नोग्राफी का अवैध कारोबार वाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से फलफूल रहा है। कई हैकर्स भी बच्चों की नादानी का फायदा उठाकर उन्हें अपना शिकार बना रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित लगभग 18.4 मिलियन रिपोर्ट पाई गई हैं जिसमें बच्चों को सेक्सुअली अब्यूज करते हुए लगभग 45 मिलियन फोटो और विडियो सम्मिलित थे।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी ( Child Pornography ) से जुड़े परेशान करने वाले Facts :
लॉकडाउन में हुआ चाइल्ड पॉर्नोग्राफी भारी इजाफा
इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड ने पाया कि लॉकडाउन में भारत में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के कंजप्शन में 95% तक बढ़ोतरी हुई। देश के बड़े शहरों में 'चाइल्ड पोर्न, 'सेक्सी चाइल्ड' और 'टीन सेक्स वीडियो' नाम से इंटरनेट सर्च में बढ़ोतरी हुई थी। बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इसपर गूगल, फेसबुक और वॉट्सऐप को नोटिस भेजकर जवाब भी मांगा था।
जनवरी में मिले 25 हजार रिपोर्टस
भारत ने पिछले साल अमेरिका स्थित नॉन-प्रॉफिट संगठन नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन (NCMEC) से टाईअप किया था। NCMEC को नागरिकों, सर्विस प्रोवाइडर और सॉफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्राफी कंटेंट के बारे में पता चलता है। इस साल जनवरी तक भारत को चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (CSAM) के मामलों की 25,000 रिपोर्ट्स मिल चुकी थीं।
CSAM सबसे ज्यादा भारत में
अप्रैल 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन चाइल्ड सेक्शुअल अब्यूज मैटीरियल (CSAM) सबसे ज्यादा भारत से पाया गया। इस ग्लोबल लिस्ट में, टॉप चार देशों में से तीन दक्षिण एशिया से थे। पहले पर भारत - 11.7%, दूसरे पर पाकिस्तान - 6.8%, तीसरे पर बांग्लादेश - 3.3%।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर NCRB के आंकड़े
जनवरी में आए NCRB के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2018 में पॉक्सो एक्ट के तहत 39,827 मामले दर्ज किए गए। यानी हर दिन करीब 109 मामले। 2017 के आंकड़ों 32,608 केस सामने आए थे। यानि 2018 में करीब 22% का उछाल आया। इसमें रेप के करीब 21,605 मामले थे जिसमें से 21,401 मामले लड़कियों के रेप और 204 लड़कों के रेप के थे।
चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को लेकर भारत में क्या है कानून?
चाइल्ड पॉर्नोग्राफी और इससे जुड़े अपराध भारत में पॉक्सो एक्ट के तहत आते हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए पिछले साल सरकार ने इसकी परिभाषा में बदलाव किया। केंद्रीय कैबिनेट ने पॉक्सो एक्ट में संशोधन कर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी अपराध के दायरे को बढ़ाया। संशोधन के मुताबिक किसी बच्चे को शामिल करते हुए sexually explicit conduct का कोई भी विजुअल डिपिक्शन जिसमें तस्वीर, वीडियो, डिजिटल या कंप्यूटर से बनाई गई फोटो का इस्तेमाल हो, तो उसे चाइल्ड पॉर्नोग्राफी माना जाएगा।