चीनी कंपनियों ने पीएम रिलीफ फंड में किए करोड़ों के दान, इधर भक्त कहते हैं बहिष्कार करो

चीनी कंपनियों के खिलाफ भारत में गुस्सा चरम पर है। गलवान घाटी झड़प के बाद चीन के प्रति गुस्सा बढा है...

Update: 2020-06-28 08:59 GMT

जनज्वार। एक ओर चीनी कंपनियों ने पीएम रिलीफ फंड में पैसे दान किए हैं दूसरी ओर उन चीनी कंपनियों के बहिष्कार की बात कही जाती है। चीन के प्रति गुस्सा कोरोना संक्रमण फैलने और उसके बाद 15 जून को लद्दाख के गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद बढा है।

कोरोना संक्रमण के फैलने के बाद से इस बार होली में उसके यहां केे निर्मित पिचकारी व अन्य चीजों का बहिष्कार किया गया था और गलवान घाटी झड़प हुई है तो बहिष्कार का और विस्तार हुआ है और उसके हर तरह के उत्पादों का विरोध व बहिष्कार करने की बात कही गई है।

विरोध करने वालों में सत्ताधारी भाजपा के समर्थक वर्ग, उसके सहयोगी संगठन व स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठन शामिल हैं। वहीं, चीनी कंपनियों ने कोविद19 संकट को लेकर पीएम केयर फंड व कुछ मुख्यमंत्रियों के राहत कोष में दान भी दिया है।

इकोनाॅमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जियोमी ने पीएम रिलीफ फंड में 10 करोड़ रुपये का योगदान दिया था। इसके अलावा उसने कुछ मुख्यमंत्रियों के राहत कोष में भी पैसे दिए थे। रिपोर्ट के अनुसार, कोविद19 संकट के दौरान उसने कुल 15 करोड़ का योगदान दिया। वहीं, इस रिपोर्ट के अनुसार, ओप्पो ने एक करोड़ रुपये पीएम व सीएम रिलीफ फंड में देने का बात कही थी। एमआइ डाॅट काॅम ने 20 हजार वंचित परिवारों के लिए हाइजिन किट उपलब्ध करवाने के लिए एक करोड़ जुटाने की बता कही थी। ये सभी चीनी मोबाइल कंपनियां हैं। 

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