Chinese Loan App : मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में चीनी लोन ऐप्स पर बड़ी कार्रवाई, ED ने कई कंपनियों के जब्त किए 46 करोड़ रुपए

Chinese Loan App : ईडी ने बताया कि इस सप्ताह छापेमारी के बाद ईजबज, रेजरपे, कैशफ्री और पेटीएम के वर्चुअल खातों के जरिए जमा 46.67 करोड़ रुपयों को जब्त किया गया है...

Update: 2022-09-16 12:53 GMT

Chinese Loan App : मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में चीनी लोन ऐप्स पर बड़ी कार्रवाई, ED ने कई कंपनियों के जब्त किए 46 करोड़ रुपए

Chinese Loan App : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज शुक्रवार (16 सितंबर) चीनी लोन एप्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने बताया कि इस सप्ताह छापेमारी के बाद ईजबज, रेजरपे, कैशफ्री और पेटीएम के वर्चुअल खातों के जरिए जमा 46.67 करोड़ रुपयों को जब्त किया गया है।

वर्चुअल खातों के जरिए जमा किए गए थे रुपए

बता दें कि ईडी ने जानकारी दी कि ईजबज प्राइवेट लिमिटेड, पुणे के पास कुल 33.36 करोड़ रुपये, कैशफ्री पेमेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर के 1.28 करोड़ रुपये, रेजरपे सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर के 8.21 करोड़ रुपये और पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड नई दिल्ली के साथ 1.11 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं। ये पैसे वर्चुअल खातों के जरिए जमा किए गए थे। जानकारी के लिए बता दें कि 14 सितंबर को दिल्ली, मुंबई, गाजियाबाद, लखनऊ और गया में मामले से जुड़े कई परिसरों पर छापोमारी की गई थी।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई थी छापेमारी

इसमें जांच के संबंध में दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, जोधपुर और बेंगलुरु में बैंकों और भुगतान गेटवे के 16 ठिकानों को भी कवर किया गया था। जानकारी के लिए बता दें कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला अक्टूबर 2021 में नागालैंड में कोहिमा पुलिस की साइबर अपराध इकाई द्वारा दर्ज किया गया था।

जानिए क्या है पूरा मामला

HPZ Token एक ऐप बेस्ड कंपनी है। अपने यूजर्स को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के नाम पर इसने अधिक मुनाफा देने का लालच दिया था। यूजर्स से इनवेस्टमेंट का पैसा इसमें UPIs और अन्य पेमेंट गेटवे के माध्यमों से लिया गया। शुरुआत में निवेशकों को आंशिक राशि का भुगतान भी किया गया। हालांकि बाद में जालसाजों ने भुगतान रोक दिया और उनकी वेबसाइट ने भी काम करना बंद कर दिया।

ईडी की जांच में हुए कई खुलासे

आरोप के अनुसार विभिन्न भुगतान गेटवे और बैंकों के जरिए बाकी राशि को अलग-अलग व्यक्तियों और कंपनी के खातों में भेजा गया। ईडी को छापेमारी के दौरान पता चला कि यह नकली एड्रेस पर काम कर रही हैं। साथ ही जांच में पता चला है कि एचपीजेड टोकन का संचालन लिलियन टेक्नोकैब प्राइवेट लिमिटेड और शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था। इन धोखाधड़ी में शामिल विभिन्न कंपनियों के पीछे गुरुग्राम में जिलियन कंसल्टेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की संलिप्तता का ईडी को संदेह था।

इस मामले में पेटीएम ने दी सफाई

वहीं इस पूरे मामले में पेटीएम ने सफाई दी है। पेटीएम ने इन खबरों को गलत बताया है। साथ ही पेटीएम ने एक बयान जारी कर कहा कि ईडी ने हमें विशिष्ट मर्चेंट संस्थाओं के एमआईडी से कुछ राशि फ्रीज करने का निर्देश दिया है। इनमें से कोई भी फंड पेटीएम या हमारी समूह कंपनियों से संबंधित नहीं है।

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