Citizenship News : 2021 में हर रोज 440 लोगों ने छोड़ा भारत, क्या मोदी सरकार में असुरक्षित होता जा रहा है इंडिया

Citizenship News : क्या भारत की एक लोकतांत्रिक राष्ट्र की छवि को पिछले कुछ सालों के दौरान धक्का लगा है?

Update: 2022-07-20 07:13 GMT

Citizenship News : 2021 में हर रोज 440 लोगों ने छोड़ा भारत, क्या मोदी सरकार में असुरक्षित होता जा रहा है भारत

Citizenship News : मोदी सरकार ( Modi Government ) ने नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले नॉन-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता ( Indian Citizenship ) देने का प्रावधान किया था। इसका असर यह हुआ कि कुछ हिंदू, ईसाई और सिख अल्पसंख्यक अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भारत आये आए, लेकिन दूसरा पक्ष ये भी है कि साल 2021 में रोज 440 से ज्यादा लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ ( Left Indian citizenship )  विदेश चले गए। यानि जितने लोग बाहर से भारत आये उससे ज्यादा भारतीय देश छोड़कर दूसरे देशों की नागरिकता ( Citizenship ) ग्रहण कर चुके हैं।

तो क्या इसे ये माना जाए कि भारत की एक लोकतांत्रिक राष्ट्र की छवि को पिछले कुछ सालों के दौरान धक्का लगा है। क्या मोदी सरकार ( Modi Government ) में भारत में रहना असुरक्षित ( unsafe India )  हो गया है। खासकर अल्पसंख्यक समुदायों के लिए। अगर हम इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ( EIU ) 2020 की में 'लोकतंत्र सूचकांक' पर नजर फरमाएं तो ये सवाल वाजिब से लगते हैं। ईआईयू 2020 में कहा गया है कि अब भारत 'खोटे लोकतंत्र' की जमात में शामिल होता जा रहा है।

पते की बात यह है कि इस सूचकांक के मुताबिक भारत ( India ) का पतन पीएम मोदी और भाजपा के राजनीतिक उत्कर्ष के साथ-साथ हुआ है। 2014 में भारत 7.92 अंकों के साथ 27वें नंबर पर था। पिछले साल वह 6.61 अंकों के साथ लुढ़ककर 53वें नंबर पर पहुंच गया। यानि भारत में असहमति के स्वर को निरंतर दबाए जाने, दंडवत मीडिया के उभार, हां-में-हां मिलने वाली न्यायपालिका और संसदीय संवाद के प्रति केंद्र सरकार की उपेक्षा ने भारत में लोकतंत्र को फिसलन की राह पर धकेल दिया है।

क्या कहते हैं मोदी सरकार के आंकड़े

मोदी सरकार ने 19 जुलाई को लोकसभा को जानकारी दी है कि गुजिश्ता तीन सालों में देश के लगभग 3,92,643 नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है। इनमें से सबसे ज्यादा भारतीयों को अमेरिका ने अपने यहां शरण दी है। यह जानकारी लोकसभा में सांसद हाजी फजलुर रहमान के सवाल के लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा ने सदन को दी। सदस्य ने साल 2019 से चालू वर्ष के दौरान नागरिकता छोड़ने वाले भारतीय नागरिकों की सूचना मांगी थी।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2019 से 2021 के दौरान नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की तादाद 3,92,643 थी। 2019 में 1,44,017, 2020 में 85,256 भारतीयों और साल 2021 में 1,63,370 नागरिकों अपना देश और यहां की नागरिकता छोड़ी है। 2019 से 2021 के बीच 1,70,795 भारतीयों को अमेरिका ने अपने देश में नागरिकता दी है। इसमें साल 2019 में 61,683 भारतीयों, साल 2020 में 30,828 भारतीयों और साल 2021 में 78,284 भारतीयों को अमेरिका ने नागरिकता दी है।

भारतीयों ने अन्य देशों का भी किया रुख

भारत छोड़कर अमेरिका में बसने के अलावा इंडियन नागरिकों ने कुछ और देशों की ओर भी रुख किया। इनमें अस्ट्रेलिया में तीन सालों में 58,391, कनाडा में 64,071 , ब्रिटेन में 35,435, जर्मनी में 6,690 , इटली में 12,131, न्यूजीलैंड में 8,882 और पाकिस्तान में 48 भारतीयों नागरिकों ने नागरिकता स्वीकार की है।

48 भारतीयों का पाक नागरिकता स्वीकार करना चौंकाने वाली बात

संसद को इस बात की जानकारी देने के क्रम में सरकार ने ऐसा कोई कारण नहीं बताया है कि इतने भारी संख्या में लोगों ने अपना देश क्यों छोड़ रहे हैं। बेहतर जिंदगी और रोजगार की तलाश में लोग दुनिया के विकसित देशों का रुख करते हैं, लेकिन यह हैरतअंगेज हैं कि 48 भारतीयों ने देश छोड़कर पाकिस्तान की नागरिकता क्यों स्वीकार की है?

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