CMIE की रिपोर्ट : अगस्त में ही 15 लाख लोगों की गई नौकरियां, GDP और GST में वृद्धि का फूटा भांडा
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी की एक रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है। जिसके मुताबिक, जुलाई में लगभग 399.38 मिलियन लोगों के पास रोजगार था। जोकि अगस्त के महीने में घटकर 397.78 मिलियन पर पहुंच गई है...
जनज्वार। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Govt.) द्वारा देश के विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ से भारत के युवाओं पर भयंकर बेरोजगारी का खतरा मंडरा रहा है। बीते साल आई कोरोना महामारी के दौरान ही लाखों की तादाद में लोगों के रोजगार छिन चुके हैं।
इस बीच बड़ी खबर सामने आई है कि अगस्त के महीने में ही लगभग 15 लाख लोगों की नौकरी (Job) जा चुकी है। खबर के मुताबिक, देश में इस वक्त कारोबार की स्थिति काफी सुस्त चल रही है। जिसके चलते अगस्त के महीने में 15 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हुए हैं।
इससे संबंधित सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (CMIE) की एक रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है। जिसके मुताबिक, जुलाई में लगभग 399.38 मिलियन लोगों के पास रोजगार था। जोकि अगस्त के महीने में घटकर 397.78 मिलियन पर पहुंच गई है।
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश (Urmilesh) ने मोदी सरकार पर तंजीय अंदाज में निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि सिर्फ अगस्त महीने में 15 लाख लोगों के रोजगार छिने हैं। बेरोजगारी में भारत हर महीने नये-नये रिकार्ड बना रहा है। चलिये, गाय को 'राष्ट्रीय पशु' बनाकर देखें! शायद कुछ 'किरपा' बरसे!
गौरतलब है कि, कोरोना महामारी (Covid-19) के दौर में देश की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। जिसकी वजह से ज्यादातर कारोबार आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। हालांकि मोदी सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी में लगभग 20 फ़ीसदी का उछाल आने का दावा कर रही है।
लेकिन जिस तरह से देश में भयंकर बेरोजगारी (Unemployment) फैल रही है। वो देश के युवाओं के लिए काफी खतरनाक है। भारत में बढ़ रही बेरोजगारी पर विपक्षी दलों द्वारा मोदी सरकार को बीते काफी समय से चेताया जा रहा है।
यहां तक कि संसद के अंदर भी कांग्रेस समेत देश के सभी विपक्षी दलों ने एकजुट आकर मोदी सरकार को देश में बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की थी। लेकिन सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने को भी तैयार नहीं है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार इस समस्या को नजरअंदाज कर देश के लोगों को झूठे दावे परोसने का काम कर रही है।
15 लाख लोगों की गई नौकरियां
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय बेरोजगारी दर अगस्त में 1.37% बढ़कर 8.32% हो गई। यह जुलाई में 6.95% थी। अगस्त में शहरी बेरोजगारी दर 1.5% के इजाफे के साथ 9.78% पर पहुंच गई। वहीं ग्रामीण बेरोजगारी दर 1.3% की वृद्धि के साथ 7.64% हो गई। देश में कार्यरत लोगों की संख्या अगस्त में 39.77 करोड़ रही, जो जुलाई में 39.93 करोड़ थी। एक महीने में लगभग 16 लाख लोग बेरोजगार हो गए। इसमें सबसे बड़ी संख्या ग्रामीण इलाकों की रही। आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो इससे लोगों की जेब में पैसा नहीं जाएगा। इससे त्योहारों के सीजन में भी एफएमसीजी उत्पादों की खपत में बढ़ोतरी नहीं होगी।
जीडीपी और जीएसटी की वृद्धि
एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, नोएडा के अध्यक्ष सुरेंद्र नाहटा ने बताया कि केंद्र सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर के उद्योगों की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। जबकि देश के लगभग 12 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने में यही क्षेत्र सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। उद्योगों को लगभग 80 फीसदी श्रमिकों के सहारे काम करना पड़ रहा है, जबकि इसी दौरान मांग में बढ़ोतरी न होने से कंपनियां अपनी क्षमता से कम उत्पादन कर रही हैं।
मजे की बात है कि बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी के बाद भी सरकार का जीएसटी कलेक्शन रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहा है। उत्पादन में कमी होने के बाद भी सकल जीएसटी संग्रह में वृद्धि के विरोधाभास के पीछे सरकार की 'वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी' बताई जा रही है। इस योजना में व्यापारी अपने पिछले दस वर्षों तक का टैक्स देय राशि बिना ब्याज चुकाए अदा कर मामला रफा-दफा कर सकते हैं। इससे बड़ी संख्या में व्यापारी अपना पुराना बकाया खत्म कर रहे हैं जिसके कारण सकल जीएसटी कलेक्शन बढ़ा हुआ दिख रहा है।