Communal Violence : सुप्रीम कोर्ट का याची को जवाब, हमसे वो मत मांगिए जो हम दे न सकें

Communal Violence : सुप्रीम कोर्ट ने रामनवमी के अवसर पर देश के अलग-अलग शहरों में घटित सांप्रदायिक हिंसा की जांच पूर्व सीजेआई से कराने की मांग को खारिज किया।

Update: 2022-04-26 06:04 GMT

Jahangirpuri Demolition : जहांगीरपुरी में अभी नहीं चलेगा बुल्डोजर, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद होगा तोड़फोड़ पर फैसला

Communal Violence  : सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने मंगलवार को देश के कई राज्यों में रामनवमी ( Ram navmi ) और हनुमान जयंती ( Hanuman Jayanthi  )के अवसर पर घटित सांप्रदायिक हिंसा ( m Communal Violence )  की जांच पूर्व सीजेआई से कराने वाली जनहित याचिका ( PIL ) को खारिज कर दिया है। जस्टिस एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है। अधिवक्ता विशाल तिवारी ने रामनवमी और हनुमान जयंती पर देश के अलग-अलग शहरों में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर अपनी याचिका में गंभीर चिंता जाहिर की थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश से इसकी जांच कराने की मांग की थी।

याची अधिवक्ता विशाल तिवारी ने रामनवमी के दौरान राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल में हुई झड़पों की जांच कराने का निर्देश देने की मांग की थी।मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में 'बुलडोजर जस्टिस' की मनमानी कार्रवाई की जांच के लिए एक समान समिति गठित करने का निर्देश देने की भी मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि इस तरह की कार्रवाई पूरी तरह से भेदभावपूर्ण है और लोकतंत्र और कानून के शासन की धारणा में अनुरूप नहीं है। बता दें कि रामनवमी की शोभा यात्रा के दौरान देश के छह राज्यों में भारी बवाल हुआ था। गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में शोभा यात्रा पर उपद्रवियों ने पथराव किया था। इससे हिंसा भड़क उठी। गुजरात में एक की मौत हो गई। दिल्ली के जेएनयू कैंपस में पूजा के दौरान नॉनवेज खाने को लेकर हंगामा हुआ था। वहीं हनुमान जयंती के दौरान दिल्ली जहांगीरपुरी में हिंसक घटनाएं हुईं थी।  

(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रू-ब-रू कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।

हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।

सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आयें और जनज्वार को आर्थिक सहयोग दें।)

Tags:    

Similar News