मोदी सरकार और पार्टी लाइन के उलट BJP सांसद वरुण गांधी उतरे किसानों के पक्ष में, बोले-वे हमारे खून उनका दर्द समझें

भाजपा सांसद वरुण गांधी किसानों के पक्ष में आवाज उठाते दिखे, रविवार को बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने किसानों का दर्द समझने की अपील की है और कहा है कि वे अपने ही खून हैं और हमें उनका दर्द समझना होगा..

Update: 2021-09-06 06:16 GMT

(BJP सांसद वरुण गांधी सरकार और पार्टी लाइन के उलट किसानों के पक्ष में उतर गए हैं)

जनज्वार। तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों को अब बीजेपी के अंदर से भी समर्थन मिलने लगा है। उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत के बीच मोदी सरकार और बीजेपी के स्टैंड के उलट उसी पार्टी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने किसानों के पक्ष में बयान दे दिया है। यही नहीं बल्कि, पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी वरुण गांधी के बयान को रीट्वीट किया है, इसे उनके बयान के समर्थन के तौर पर माना जा रहा है। बता दें कि एक ओर जहां बीजेपी और मोदी सरकार कृषि कानूनों को डिफेंड कर रही है, वहीं किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं और काला कानून बताकर इसकी वापसी की मांग पर टिके हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के जीआईसी मैदान में किसान महापंचायत के बीच प्रदर्शनकारी किसानों को भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी का साथ मिला है। भले ही केंद्र सरकार और पार्टी कृषि कानूनों की वापसी को नकार रहे हैं, मगर भाजपा सांसद वरुण गांधी किसानों के पक्ष में आवाज उठाते दिखे। रविवार को बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने किसानों का दर्द समझने की अपील की है और कहा है कि वे अपने ही खून हैं और हमें उनका दर्द समझना होगा। 

पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा, 'मुजफ्फरनगर में आज प्रदर्शन के लिए लाखों किसान जुटे हैं। वो हमारा ही खून हैं। हमें उनके साथ फिर से सम्मानजनक तरीके से जुड़ने की जरूरत है। उनका दर्द समझें, उनका नजरिया देखें और जमीन तक पहुंचने के लिए उनके साथ काम करें।' वरुण ने इसके साथ ही एक वीडियो भी ट्वीट किया है, जो किसान महापंचायत का लग रहा है।

वरुण गांधी के इस ट्वीट को भाजपा के ही एक और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी रीट्वीट किया है। सुब्रमण्यम स्वामी बीजेपी के राज्यसभा सांसद हैं लेकिन केंद्र की मोदी सरकार के कई फैसलों को लेकर वे पार्टी लाइन सेअलग राय देते रहे हैं। हालांकि, बीजेपी ने वरुण गांधी की टिप्पणी पर अबतक आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है।

एक तरह से उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले किसानों के आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी चुनावी नफा-नुकसान पर बंटी हुई नजर आ रही है। जहां एक ओर पार्टी के कुछ नेताओं को लगता है कि तीन कृषि कानूनों को लेकर अड़े अन्नदाताओं के मुद्दे चुनावी संभावनाओं पर असर नहीं डाल पाएंगे। वहीं, इसके उलट पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी का विचार इस मुद्दे पर अलहदा है।

वहीं, वरुण गांधी के इस बयान और बीजेपी के विधायक के एक बयान को कोट कर राष्ट्रीय लोकदल नेता जयंत चौधरी ने भी तंज किया है। जयंत ने कहा, "वरुण भाई ने जो कहा है, मैं उसकी प्रशंसा करता हूं लेकिन देखिए उत्तर प्रदेश के खुर्जा से भाजपा विधायक क्या टिप्पणी कर रहे हैं। गहन जांच की जरूरत है, लेकिन विजेंद्र को कम से कम अपने आंखों की जांच करवानी चाहिए या वह अपने विधानसभा क्षेत्र के कुछ गांवों में जाकर इस बेतुके बयान को दोहरा सकते हैं।''

रालोद नेता भाजपा विधायक के उस ट्वीट का हवाला दे रहे थे जिसमें उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों की राष्ट्रवादी साख पर सवाल उठाया था हालांकि, बाद में उन्होंने इस ट्वीट को हटा दिया था।

बता दें कि किसान महापंचायत के मंच से ही किसान नेता राकेश टिकैत ने एलान किया है कि जब तक कानूनों की वापसी नहीं होती, तब तक किसानों की भी घर वापसी नहीं होगी। मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में किसान कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए इकट्ठा हुए। देशभर से किसानों का जत्था इसमें हिस्सा लेने के लिए पहुंचा है और कहा गया है कि किसान महापंचायत में देश के विभिन्न हिस्सों से 300 किसान संगठनों के लोग शामिल हुए हैं। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने एक तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि कश्मीर से लेकर केरल तक के 20 लाख किसान इस महापंचायत में पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, "किसानों ने मुजफ्फरनगर पहुंच कर तानाशाह सरकार को एक बार फिर सर्टिफिकेट दे दिया, जिन्हें वह मुठ्ठी भर किसान कहती है...वे पूरे देश के किसान हैं।"

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