धर्मांतरण : केंद्र सरकार का अफसर खुद बना हिन्दू से मुसलमान, इस्लामिक सेंटर को देता था अनाथ व कमजोर बच्चों की लिस्ट
अधिकारी खुद भी धर्म बदलकर हिन्दू से मुस्लिम बना है। केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय का एक अफसर धर्म परिवर्तन के लिए बच्चों की जानकारी इस्लामिक दावा सेंटर को दे रहा था। इसका सुराग लगने पर एटीएस इस अधिकारी से पूछताछ कर रही है...
जनज्वार, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले धर्म परिवर्तन का मामला गरम है। इसी बीच इसे लेकर एक बड़ी खबर आई है। एटीएस की जांच में केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय का एक अफसर पकड़ा गया है, जो अनाथ बच्चों की लिस्ट इस्लामिक दावा सेंटर को मुहैया कराता था। फिर उन बच्चों को प्रलोभन देकर धर्म बदलवाया जाता था।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि यह अधिकारी खुद भी धर्म बदलकर हिन्दू से मुस्लिम बना है। केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय का एक अफसर धर्म परिवर्तन के लिए बच्चों की जानकारी इस्लामिक दावा सेंटर को दे रहा था। इसका सुराग लगने पर एटीएस इस अधिकारी से पूछताछ कर रही है। एटीएस ने आईएसआई के इशारे पर चल रहे धर्म परिवर्तन रैकेट की कड़ियां जोड़ते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय तक पहुंच गई है।
छानबीन में सामने आया कि मंत्रालय में तैनात एक अधिकारी शारीरिक और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की लिस्ट इस्लामिक दावा सेंटर को भेजता था। इसके आधार पर आईडीसी संचालक मौलाना उमर गौतम इन बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करता था। सेंटर लाकर उनका धर्म परिवर्तन करवा देता था।
जो परिवार बच्चों के धर्म परिवर्तन के लिए सीधे राजी नही होते थे, उन्हें स्वावलंबी बनाने का झांसा देकर नोएडा डेफ सोसायटी या उसके जैसी किसी संस्था में पहुंचा देते थे। यहां बच्चों का ब्रेनवाॅश करके उन्हें धर्म बदलने के लिए तैयार किया जाता था।
हिन्दू से मुस्लिम बने अधिकारी का खुलासा
एटीएस को आईडीसी के धर्म परिवर्तन की सूची में कुछ ऐसे बच्चों के नाम मिले जिनकी मदद के लिए उनके अभिभावकों ने बाल कल्याण मंत्रालय में आवेदन दिए थे। छानबीन हुई तो पता चला कि इन बच्चों की जानकारी मंत्रालय में तैनात उस अफसर ने ही आईडीसी को दिए थे जिसके पास आवेदन पहुंचते हैं।
एटीएस ने उस अधिकारी से पूछताछ की तो पता चला कि वह खुद मौलाना उमर गौतम की तरह ही हिन्दू से मुस्लिम बना है। यह आवेदन का मजमून पढ़कर समझ जाता था कि कौन बच्चा कितना जरूरतमंद है। उसी हिसाब से वह उनकी लिस्ट आईडीसी को देता था।
यह भी पता चला कि अधिकारी मौलाना उमर का बेहद करीबी है। दोनों कई साल से एक दूसरे से जुड़े थे। राज्य बाल आयोग हुआ सतर्क, हर अनाथ बच्चे की निगरानी कोरोना काल मे अनाथ हुए बच्चो को आर्थिक मदद और उनके संरक्षण की जिम्मेदारी उठाने की घोषणा प्रदेश सरकार ने की है। राज्य बाल आयोग ऐसे बच्चों का पता लगाकर उनकी सूची तैयार कर रहा है।
केंद्रीय बाल मंत्रालय के अधिकारी की धर्म परिवर्तन के सिंडिकेट में संलिप्तता के बाद अब राज्य बाल आयोग सतर्क हो गया है। आयोग ने इस क्षेत्र में काम कर रही सभी एनजीओ को हटा दिया है। कुछ चुनिंदा और भरोसेमंद अफसरों को बच्चों की सूची तैयार करने और उनकी लगातार निगरानी के लिए लगाया गया है।