लखनऊ के पानी में मिला कोरोना वायरस, क्या पानी से भी फैल रहा कोरोना

एसजीपीजीआई के माइक्रोलॉजी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर उज्जवला घोषाल बताती हैं कि कुछ समय पहले पीजीआई के मरीजों का अध्ययन किया गया था उस वक्त पाया गया था कि मल(स्टूल) में मौजूद वायरस पानी में पहुंच सकता है।

Update: 2021-05-26 02:50 GMT

लखनऊ के पानी में मिला कोरोना वायरस 

जनज्वार ब्यूरो। एसजीपीजीआई की रिसर्च के अनुसार लखनऊ में सीवेज के पानी में कोरोना वायरस पाया गया है। आपको बता दें लखनऊ में पानी में कोरोना वायरस की जांच के लिए तीन जगह से सैंपल लिये गये थे। इन तीन सैंपल में से एक सैंपल में कोरोना का वायरस मिला है। पानी में फैला वायरस हमें प्रभावित कर सकता है या नहीं और अगर प्रभावित कर सकता है तो कितना व किस तरह? इस सम्बंध में व्यापक अध्ययन किया जा रहा है। जिसके परिणाम आने वाकी हैं।

आपको बता दें विभिन्न नदियों में शव बहाये जाने के बाद आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ ने देशभर में अध्ययन करने की योजना बनाई है। इसके तहत देश भर में 8 सेंटर बनाए गए हैं। उत्तर प्रदेश का सेंटर लखनऊ एसजीपीजीआई को बनाया गया है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कोरोना के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। ऐसे में लखनऊ के सीवेज का सैंपल लिया गया। इसके अंतर्गत रूपपुर खदरा, घंटाघर व मछली मुहाल के सीवेज से सैंपल लिये गये। इन तीनों सीवेज का पानी गोमती नदी में गिरता है । गोमती नदी के पानी का शोधन करके दोबारा उपयोग में भी लाया जाता है। इन तीनों सैंपल में से रूपपुर खदरा के सैंपल में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। यह रिपोर्ट 19 मई को सामने आई है।

संक्रमित के मल के द्वारा पानी में पहुँच सकता है वायरस

एसजीपीजीआई के माइक्रोलॉजी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर उज्जवला घोषाल बताती हैं कि कुछ समय पहले पीजीआई के मरीजों का अध्ययन किया गया था। उस वक्त पाया गया था कि मल (स्टूल) में मौजूद वायरस पानी में पहुंच सकता है। ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि कोरोना से पीड़ित तमाम मरीजों के मल से सीवेज तक कोरोना का वायरस पहुँच गया हो। कई अन्य शोध पत्रों में भी यह बात सामने आई है कि 50 फ़ीसदी मरीजों के मल से वायरस सीवेज तक पहुँच जाते हैं।

पानी से इंसानों में संक्रमण होता है या नहीं

डॉ उज्ज्वला घोषाल कहती है कि सीवेज के द्वारा नदियों तक पानी पहुंचता है। नदियों का पानी मनुष्यों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में आम लोगों के लिए यह कितना नुकसान दायक होगा इस पर अध्ययन किया जा रहा है। संभव है कि भविष्य में इस पर विस्तार से अध्ययन किया जाए तो पानी के जरिए संक्रमण फैलने की स्थिति साफ होगी, अभी इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता।

आपको बता दें कि लखनऊ से पहले मुंबई के पानी में भी कोरोना वायरस मिलने की पुष्टि हो चुकी है। 

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