Kanpur News: पिता चिल्लाता रहा बेटी को लग जाएगी साहब, लेकिन योगी की 'ठोक दो' पुलिस बरसाती रही गुंडागर्दी का डंडा...

इस तस्वीर को जिसमें एक शख्स अपनी गोद में मासूम बच्चे को लिए खड़ा है और पुलिस इस शख्स को भी उस धरने का हिस्सा मानकर अपना कहर इस शख्स के ऊपर दिखाने से बाज नहीं आ रही...

Update: 2021-12-10 06:03 GMT

(कानपुर देहात में मासूम बच्ची पर भी पुलिस को नहीं आया रहम)

Kanpur News: उत्तर प्रदेश पुलिस (UPPolice) भले ही अपनी कार्यशैली के लिए खुद की पीठ थपथपाते नजर आती हो लेकिन कानपुर देहात (Kanpur Dehat) से एक ऐसी तस्वीर निकल कर सामने आई है जिसने पुलिसिया कार्यशैली पर तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं। ताजा मामला जनपद कानपुर देहात के जिला अस्पताल का है, जहां धरने पर बैठे एक स्वास्थ्यकर्मी को योगी की 'ठोक दो' पुलिस ने बर्बरता के साथ सरेराह बेरहमी से पीट डाला।

कानपुर देहात के जिला अस्पताल की पहली तस्वीर में साफ तौर से देखा जा सकता है कि कुछ लोग ओपीडी के बाहर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कुछ सेकंड बाद ही यह तस्वीर एक युद्ध में बदल गई। सफेद कमीज में भाग रहे इस शख्स को गौर से देखिए और इसके पीछे, पीछा करती कानपुर देहात की काबिल पुलिस की दौड़ भी देखिए।

दरअसल पुलिस से भाग रहे इस शख्स का नाम रजनीश शुक्ला है और यह कानपुर देहात के स्वास्थ्य महकमे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। स्वास्थ विभाग की कुछ समस्याओं को लेकर यह शख्स अपने साथियों के साथ जिला अस्पताल के बाहर धरने पर बैठा हुआ था। लेकिन स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों ने जिले के आला पुलिस अधिकारियों से बात कर इस धरने को खत्म करने के लिए नजदीकी अकबरपुर थाने की पुलिस को बुला लिया।

स्वास्थ्यकर्मी को पीटती पुलिस

पुलिस के आते ही तस्वीरें बदल गईं। धरने पर बैठे रजनीश शुक्ला को भागते हुए देख पुलिस ने रजनीश को पीछा कर पकड़ लिया और बेरहमी के साथ मारने लगी। तस्वीरों में आप साफ़ देख सकते हैं कि कैसे पुलिस बर्बरता की पराकाष्ठा को पार कर रही है। पुलिस के इस रवैये को देखकर आप फिल्मों में दिखाई जाने वाली थर्ड डिग्री का अंदाजा लगा सकते हैं। एक इंसान को मारने के लिए पुलिस की इतनी लंबी चौड़ी फौज बुलाई गई थी कि मानो यह शख्स किसी धरने पर नहीं बल्कि किसी आतंकी संगठन का सदस्य है।

पुलिस की ऐसी मार देखकर पास में खड़े हर शख्स को हैरत हो गई लेकिन पुलिस तो पुलिस ठहरी वह भला कैसे रहम खाती। पहले इस शख्स को खींचकर पुलिस वाले मारते हुए एक चबूतरे से नीचे उतारते हैं और फिर मारते-मारते इसको जमीन पर पटक दिया जाता है, जिसके बाद आप देख सकते हैं कि कैसे यह अकबरपुर कोतवाली के कोतवाल साहब इस शख्स की छाती पर बैठकर बर्बरता की हद पार कर रहे हैं। और तो पुलिस के तमाम अधिकारी भी इस पूरे प्रकरण में मूकदर्शक बने रहे। क्या किसी धरने को या किसी प्रदर्शन का विरोध करने वाले शख्स के साथ इस तरह के व्यवहार की उम्मीद की जा सकती है।

हद तो तब पार हो गई जब पुलिसिया बर्बरता का कहर भीड़ में खड़े अस्पताल में आए हुए एक तीमारदार पर पुलिस की लाठियां बरसने लगीं। गौर से देखिए इस तस्वीर को जिसमें एक शख्स अपनी गोद में मासूम बच्चे को लिए खड़ा है और पुलिस इस शख्स को भी उस धरने का हिस्सा मानकर अपना कहर इस शख्स के ऊपर दिखाने से बाज नहीं आ रही है। किस तरीके से लगातार दरोगा जी लाठियों की बौछार कर रहे हैं और वह मासूम इस बात के लिए चिल्ला रहा है कि साहब मैं इनके साथ नहीं हूं

हद तो पुलिस ने तब पार कर दी जब अपनी गोद में बच्चे को लिए यह सब मार खाता रहा और पुलिस की बच्चे के साथ भी छीना-झपटी कैमरे में दिखाई देने लगी इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कानून और कानून का पाठ पढ़ाने वाली जनपद की पुलिस अपराधियों और आम नागरिकों को किस नजर से देखती है। जहां एक तरफ अपराधियों के हौसले जनपद में लगातार बुलंद होते जा रहे हैं तो वहीं आम जनता पुलिस की बर्बरता का शिकार बन रही है। इस पूरे घटनाक्रम में अकबरपुर तहसील के एसडीएम भी मौजूद रहे लेकिन पुलिस की बर्बरता के आगे वह भी कुछ नहीं कर सके। पुलिस लगातार लाठियों पर लाठियां बरसा रही थी और लोग मूकदर्शक बने तमाशा देखते रहे।  

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