Cyclone Jawad: तट की ओर बढ़ रहा तूफान 'चक्रवात जवाद', रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा रहने के आसार, मचा सकता है कहर

cyclone jawad path। jawad cyclone meaning। cyclone jawad imd। cyclone jawad speed। cyclone jawad named by। jawad cyclone update in hindi। jawad cyclone landfall।

Update: 2021-12-03 17:25 GMT

Cyclone Jawad: चक्रवाती तूफान जवाद (Cyclone Jawad) को लेकर मौसम विभाग ने देशभर में अलर्ट जारी किया है. बताया जा रहा है कि इस तूफान की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे रहने के आसार हैं और तेज हवाओं की वजह से पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ सकते हैं. वहीं बताया ये भी जा रहा है कि सुबह का डीप डिप्रेशन चक्रवाती तूफान जवाद में बदल गया है और अब यह उत्तर पश्चिम दिशा में उत्तर आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ रहा है. बताया जा रहा है कि कल तक यह आगे बढ़ेगा और तेज होगा. विशाखापत्तनम चक्रवात चेतावनी केंद्र की निदेशक सुनंदा ने इसके बारे में जानकारी दी है.  उन्होंने बताया है कि इसके बाद यह उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुड़ेगा और तट के समानांतर चलेगा. यह ओडिशा में गोपालपुर और पुरी के बीच से गुजरेगा.

चक्रवाती तूफान के खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. विशाखापट्टनम में एनडीआरएफ हेड कांस्टेबल रामा राव ने कहा हम किसी भी घटना के लिए 24×7 तैयार और सतर्क हैं. मुख्य चिंता भूस्खलन और पेड़ों का उखड़ना है. ट्रैफिक की किसी भी समस्या से बचने के लिए हमें सड़कों को जल्दी से साफ करना होगा. हमारे पास बहुप्रतिभाशाली कर्मी हैं जो किसी भी स्थिति का जवाब दे सकते हैं.

वहीं, एनडीआरएफ के सब-इंस्पेक्टर सत्यनारायण ने बताया कि यदि कोई भूस्खलन होता है या पेड़ उखड़ते हैं तो हम सभी सड़कों से मलबे को साफ कर देंगे. साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में डूबने वाले किसी भी व्यक्ति को भी बचाएंगे

इससे पहले आईएमडी अमरावती निदेशक स्टेला सैमुअल ने कहा कि पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ सकता है और अगले 6 घंटों में यह एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. इसके कल शनिवार (4 दिसंबर) की सुबह तक उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तट पर पहुंचने की संभावना है.

मौसम विभाग ने लोगों को आगाह करते हुए कहा है कि किसानों से अनुरोध है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा करें. निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित जगहों पर रहना चाहिए. चक्रवाती तूफान के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहना चाहिए क्योंकि इससे भूस्खलन भी हो सकता है.

Tags:    

Similar News