चक्रवाती तूफान 'यास' भारत में दस्तक देने को तैयार, उड़ीसा समेत कई राज्य होंगे प्रभावित

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक सत्यनारायण प्रधान के अनुसार एनडीआरएफ की 109 टीमें प्रभावित होने वाले 6 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में भेजी गई हैं। उड़ीसा में 52 टीम व पश्चिम बंगाल में 35 टीम भेजी गई हैं।

Update: 2021-05-25 02:57 GMT

बंगाल की खाड़ी में यास तूफान की सेटेलाइट द्वारा ली गयी तस्वीर । 

जनज्वार ब्यूरो, दिल्ली। तौकते तूफान के बाद अब यास चक्रवाती तूफान भारत के राज्यों में दस्तक देने के लिए तैयार है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब दबाव वाले क्षेत्र में बदल गया है। यह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में 26 मई को पश्चिम बंगाल तथा उड़ीसा के तटों को पार करेगा। आईएमडी के अनुसार 26 मई की सुबह तक यह पश्चिम बंगाल और उत्तर उड़ीसा के तटों के समीप उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी पहुंचेगा। उन्होंने बताया इसके 26 मई की शाम तक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान के तौर पर पारादीप और सागर द्वीपों के बीच उत्तर ओडिशा-पश्चिम बंगाल पार करने की संभावना है। इस चक्रवात के कारण 155 से लेकर 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी।

चक्रवाती तूफान यास को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की थी। इसमें उन्होंने राज्य सरकारों एवं केंद्र सरकार की एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने समुद्री गतिविधियों में शामिल लोगों को समय से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि बिजली आपूर्ति व संचार नेटवर्क बाधित होने पर उसे तेजी से दुरुस्त किया जाए।

कल 24 मई को भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने तूफान से प्रभावित होने वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग की थी। गृह मंत्री अमित शाह ने आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और अंडमान निकोबार दीप समूह के उपराज्यपाल के साथ तूफान के मद्देनजर तैयारियों का आँकलन करने के लिए समीक्षा बैठक की। उन्होंने गृह मंत्रालय में 24 घंटे 7 दिन चलने वाले नियंत्रण कक्ष की जानकारी देते हुए कहा कि यहां कभी भी संपर्क किया जा सकता है। चक्रवात के संभावित असर को देखते हुए कोविड-19 के सभी अस्पतालों, टीका-केंद्रों और अन्य जगहों पर पहले से बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था कर लेने को कहा गया है।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल एनडीआरएफ के महानिदेशक सत्यनारायण प्रधान के अनुसार एनडीआरएफ की 109 टीमें प्रभावित होने वाले 6 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में भेजी गई हैं। उड़ीसा में 52 टीम व पश्चिम बंगाल में 35 टीम भेजी गई हैं।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यह तूफान कल 26 मई तक भारत के राज्यों की सीमा में प्रवेश करेगा। इस तूफान में उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है। कोलकाता बंदरगाह में जहाजों की आवाजाही को निलंबित कर दिया गया है। उड़ीसा सरकार ने चक्रवाती तूफान यास के दस्तक देने के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे बालासोर जिले में बचाव कर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी को रवाना किया है। समुद्र तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

उड़ीसा राज्य सरकार के अनुसार राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल एनडीआरएफ की 22 टीम, ओडिशा आपदा मोचन बल ओडीआरएएफ की 50 टीम, दमकल सेवा के लिये 150 कर्मी और पेड़ काटने वाली 35 टीम को खतरे वाले जिलों में तैनात किया है। राज्य ने एनडीआरएफ की 30 अतिरिक्त टीम की भी मांग की थी। अब उड़ीसा में एनडीआरएफ की 52 टीमें हैं।

तूफान के चलते 26 और 27 मई को असम, सिक्किम, मेघालय में भारी बारिश तथा 28 मई को बिहार में मध्यम से भारी बारिश का अनुमान है।

मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के 27 जिलों में तूफान की चेतावनी दी है। इन 27 जिलों के डीएम को अलर्ट किया गया है। तूफान का असर 28 मई से पहले बिहार व पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिखेगा। इसका असर वाराणसी व आसपास के जिलों के साथ गोरखपुर, प्रयागराज और लखनऊ तक दिख सकता है। जैसे-जैसे यह पश्चिम की ओर बढ़ेगा इसका असर कम होता जायेगा।

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