Dasvi Movie Review Latest : कुमार विश्वास की स्क्रिप्ट ने 'दसवीं' को इतना बोझिल बना दिया है कि देखते-देखते नींद आने लगती है
Dasvi Movie Review Latest : फिल्म के स्क्रिप्ट और डायलाग कुमार विश्वास ने लिखे हैं ऐसे में फिल्म का इतना बोझिल होना और खटकता है। जो छाप कुमार विश्वास अपनी कविताओं में छोड़ते हैं वह दसवीं की स्क्रिप्ट पर नहीं छोड़ पाए हैं...
Dasvi Movie Review Latest : अभिषेक बच्चन (Abhishek Bacchan) की फिल्म दसवीं 7 अप्रेल को नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हो चुकी है। अभिषेक के साथ इस फिल्म में निमरत कौर (Nimrat Kaur) और यामी गौतम (Yami Gautam) मुख्य भूमिका हैं। दसवीं में अभिषेक बच्चन, निमरत और एसपी की भूमिका में यामी गौतम ने बढ़िया एक्टिंग की है, पर फिल्म देखकर यही महसूस होता है कि कुछ कमी रह गयी है।
फिल्म के निर्देश तुषार जलोटा (Tushar Jalota) ने विषय तो अच्छा चुना था फिल्म बनाने के लिए पर इसकी कमजोर पटकथा के कारण फिल्म दर्शकों की उम्मीदों की कसौटी पर पास कर पाएगी इस पर संदेह गहरा गया है। फिल्म को शुरू से लेकर अंत तक निर्देशक तुषार जलोटा ने इतने साधारण तरीके से पेश किया है कि यह रोचकता पैदा ही नहीं करती। कहीं-कहीं फिल्म के कुछ दृश्य देखकर उबासी आने लगती है।
इस फिल्म के स्क्रिप्ट और डायलाग कुमार विश्वास (Kumar Vishwash ) ने लिखे हैं ऐसे में फिल्म का इतना बोझिल होना और खटकता है। जो छाप कुमार विश्वास अपनी कविताओं में छोड़ते हैं वह दसवीं की स्क्रिप्ट पर नहीं छोड़ पाए हैं। हालांकि अभिषेक, निमरत कौर और यामी गौतम अपने शानदार अभिनय से दर्शकों को बांधने की कोशिश करती फिल्म में दिखती हैं पर कमजोर पटकथा और सुस्त प्रजेंटेशन ने बेड़ा गर्क कर दिया है।
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि फिल्म दसवीं में भले ही अभिषेक बच्चन का किरदार दसवीं पास कर जाता है पर निर्देशक तुषार जलोटा वास्तविकता में अपनी परीक्षा पास नहीं कर पाऐ हैं।
अब आते हैं फिल्म की कहानी पर। पूरी फिल्म के केन्द्र में मुख्यमंत्री गंगाराम यानी अभिषेक बच्चन हैं। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ता है, उनके जेल जाने के बाद उनकी पत्नी बिम्मो यानी निम्रत कौर सीएम कुर्सी संभालती हैं। पर मुख्यमंत्री बनते ही बिम्मो के तेवर बदल जाते हैं।
वह अपनी सीएम की कुर्सी खोना नहीं चाहती। इसके लिए वह अपने पति की राह में ही रोड़े अटकाने लगती है। उधर, जेल में गंगाराम को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्हें यामी गौतम के सख्त अनुशासन में रहना पड़ता है पर इससे बचने के लिए वे पढ़ाई का बहाना बनाते हैं क्यों कि वह सिर्फ आठवीं पास हैं। धीरे-धीरे उनका मन पढ़ाई में लगने लगता है और वो जेल के अंदर से ही दसवीं पास करने का फैसला लेते हैं।
फिल्म की कहानी भी अच्छी थी, कलाकारों का अनिभनय भी संतुष्ट करने वाला है पर इसे जिस तरह पर्दे पर उतारा गया वह लोगों को बांधकर रखने में सफल नहीं दिखता है। अब इस फिल्म के बारे में
बॉलीवुड अभिनेता और समीक्षक कमाल आर.खान ने भी ट्विटर पर अपनी राय दी है। उन्होंने फिल्म में कई कमियां निकालते हुए स्क्रिप्ट और डायलॉग रायटर मशहूर कवि कुमार विश्वास पर तंज कसा है।
कमार आर खान (KRK) ने अपनी ट्वीट में लिखा है कि फिल्म दसवीं देखी और इसे केवल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ही रिलीज होनी चाहिए। डॉक्टर कुमार विश्वास, भाई कवि हो कविता लिखो। फिल्म की स्क्रिप्ट लिखना अलग काम है, जिसका आपसे कुछ लेना-देना नहीं है। डायरेक्टर तुषार जलोटा साहब, बेहतर होता फिल्म डायरेक्ट करने से पहले डायरेक्शन की दसवीं पास कर लेते।"
उधर केआरके के ट्वीट करने के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर खिंचाई भी होने लगी है। मोहित वशिष्ट नाम के यूजर ने केआरके को जवाब देते हुए लिखा है कि ये देखो सलाह कौन दे रहा है। भाई यही मजे चाहिए इसलिए आपको फॉलो किया हुआ है। वहीं अनुपम बोरा नाम के एक यूजर ने केआरके को लिखा है कि आपकी राय मायने नहीं रखती। जनता को फिल्म दसवीं बहुत पसंद आ रही है।