कानपुर सड़क हादसे में मृतकों की संख्या हुई 19, सांसद भोले सिंह पर आरोप लगाकर BJP पदाधिकारी ने दिया इस्तीफा

8 जून की रात भारत गैस एजेंसी के सामने विपरीत दिशा से आ रही सवारियों से भरी टेंपो में मां पीतांबरा ट्रैवल्स की डबल डेकर एसी बस टकरा गई थी। टक्कर इतनी भीषण थी कि टेंपो के परखच्चे उड़ गए। हादसे में अबतक 19 की मौत हो चुकी है...

Update: 2021-06-09 09:02 GMT

कानपुर के सचेंडी सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या पहुँची 19. गांव में पसरा मातम का माहौल.

जनज्वार, कानपुर। यूपी के कानपुर स्थित सचेंडी सड़क हादसे में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले प्रशासन द्वारा 17 लोगों के मरने की पुष्टि कर दी गई थी।  17 लोगों ने मंगलवार रात ही दम तोड़ दिया था, जबकि दो और युवकों अनिल और अंकित ने बुधवार को हैलट अस्पताल में दम तोड़ दिया।

बताते चलें कि सचेंडी के किसान नगर में मंगलवार 8 जून की रात भारत गैस एजेंसी के सामने विपरीत दिशा से आ रही सवारियों से भरी टेंपो में मां पीतांबरा ट्रैवल्स की डबल डेकर एसी बस टकरा गई थी। टक्कर इतनी भीषण थी कि टेंपो के परखच्चे उड़ गए। हादसे में अबतक 19 की मौत हो चुकी है। दोनो मृतक अनिल व अंकित गांव लालेपुर के ही हैं।

इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतक परिजनो को दो-दो लाख रूपये तो घायलों को 50-50 हजार रूपये आर्थिक मदद देने का एलान किया था। जिसके ठीक थोड़ी देर बाद योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर मृतकों के परिजनो को आर्थिक मदद की बात कही है। वहीं मृतकों के परिजनो का कहना है कि उन्हें 10 लाख रूपये दिए जाएं।

घटना से आहत भाजपा पदाधिकारी ने दिया स्तीफा

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इसके साथ ही कानपुर देहात के एक भाजपा पदाधिकारी ने सांसद देवेंद्र सिंह भोले को कहीं ना कहीं हादसे का जिम्मेदार बताते हुए पार्टी से स्तीफा दे दिया है। उसने लिखा है कि #Resign सचेंडी हाइवे पर हुई घटना में 17 लोगो की जान इसलिए चली गई क्योंकि 500 मीटर जाने के लिए लोगो को 5 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है और लोग जल्दबाजी में उल्टी साइड चलने व डिवाइडर से बाईक फदाकर निकलते हैं सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है,मैंने अपनों को भी खोया है।


वर्ष 1998 से आज तक पूरी निष्ठा और ईमानदारी से पार्टी की सेवा की है पार्टी में मंडल महामंत्री रहा, 2019 में शोशल मीडिया लोकसभा संयोजक का दायित्व रहा, वर्ष 2016 में भारतीय जनता पार्टी जिला संयोजक आईटी विभाग कानपुर ग्रामीण कि महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली लेकिन इस घटना से मन बहुत दुःखी है। शायद अंडरपास होता तो बेगुनाह लोगों की जान बच जाती।

सांसद देवेन्द्र सिंह भोले जी के अथक प्रयासों से उम्मीद जगी थी और चुनाव से पहले इसका शिलान्यास भी हुआ था लेकिन धीरे-धीरे उम्मीद टूट गई इसलिए आज मैं भाजपा आईटी विभाग जिला संयोजक पद से इस्तीफा देने की घोषणा करता हूं, और उम्मीद करता हूं कि भाजपा संगठन के वरिष्ठजन, जनप्रतिनिधि काल के गाल में भेजने वाली समस्या का समाधान करेंगे।'

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