Dehradun News : फर्जी निकला अमित शाह के नाम से नुपुर शर्मा को सिक्योरिटी देने को लिखा पत्र, देहरादून में हुआ मुकदमा दर्ज
Dehradun News : चर्चाओं का केंद्र बनी पूर्व भाजपा नेत्री नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) व कारोबारी अजय गुप्ता को अमित शाह (Amit Shah) द्वारा उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जेड सुरक्षा दिए जाने की बात फर्जी साबित हुई...
सलीम मलिक की रिपोर्ट
Dehradun News : चर्चाओं का केंद्र बनी पूर्व भाजपा नेत्री नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) व कारोबारी अजय गुप्ता को अमित शाह (Amit Shah) द्वारा उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जेड सुरक्षा दिए जाने की बात फर्जी साबित हुई। सोशल मीडिया पर घूम रहे इस पत्र को लेकर अब देहरादून के एसटीएफ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री की अपर मुख्य सचिव राधा रतूङी ने बताया कि किसी व्यक्ति को जेड सिक्योरिटी प्रदान करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कोई पत्र नहीं भेजा गया है। सोशल मीडिया में चल रहे इस फेक लैटर को गंभीरता से लेतेहुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोषी व्यक्ति पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। दूसरी तरफ पीआईबी की फेक्टचैक द्वारा भी इस पत्र को फेक पाया गया है।
बताते चलें कि सोशल मीडिया में बुधवार को नुपुर शर्मा व कारोबारी अजय गुप्ता की फैमली को जेड सिक्योरिटी सुरक्षा देने संबंधी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पत्र वायरल हो रहा था। यह पत्र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से सीएम धामी को लिखा बताया गया था। गृह मंत्रालय के लेटर हेड सरीखे कागज पर कथित अमित शाह की ओर से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संबोधित अंग्रेजी भाषा में लिखे इस पत्र की भाषा पर गौर किया जाए तो इसमें लिखा था कि श्री पुष्कर सिंह धामी, मैं राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के आपके प्रयासों और आपकी गहरी रुचि की प्रशंसा करता हूं। वर्तमान परिदृश्य में अजय गुप्ता को जेड सुरक्षा प्रदान करना भी प्रशंसनीय है।
देहरादून में नुपुर शर्मा के फैमिली हाउस के लिए उभरते खतरों का मूल्यांकन करने के लिए मैं आपको सलाह देता हूं कि उन्हें तत्काल आधार पर जेड सुरक्षा प्रदान करें। मुझे विश्वास है कि आप इस कार्य को अच्छी तरह से और कुशलता से निष्पादित करेंगे। दोनों श्री अजय गुप्ता और श्रीमती नुपुर शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक को बढ़ावा देने के प्रतीक हैं। संघ की विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए प्रतीक हैं। जो अंततः हमें हिंदू राष्ट्र बनाने को पूरा करने के लिए प्रेरित मुझे लगता है, आप इस कार्य की संवेदनशील प्रकृति को समझेंगे और अपना प्रमुख महत्व देंगे। आपको और आपकी टीम को मेरी शुभकामनाएं।
सोशल मीडिया पर इस पत्र के जारी होते ही हड़कंप मच गया। हाई प्रोफाइल लोगों के नाम इस पत्र से जुड़े होने के कारण यह पत्र देखते ही देखते सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर जगह पाने लगा। जिसके बाद दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक का सरकारी अमला सक्रिय हुआ। इस बाबत तत्काल उत्तराखंड शासन की ओर से प्रेस नोट जारी कर स्थिति स्पष्ट की गई। प्रेस नोट में कहा गया है कि एसटीएफ उत्तराखण्ड मे सोशल मीडिया इंटरवेशंन सैल कार्यरत है। जिसका उदेश्य सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की भ्रामक एंव गलत सूचना प्रसारित होने पर तत्काल प्रभाव से विश्लेषण कर वैधानिक एंव उचित कार्यवाही करना है। इस क्रम मे आज सोशल मीडिया इंटरवेशंन सैल को एक पोस्ट प्राप्त हुई। जिसमे गृह मंत्री के लैटर पैड पर एक सशंय पैदा करने वाला पत्र लिखा गया था। इस पत्र की प्रथमदृष्टया जांच के बाद प्रतीत होता है कि गृह मंत्री के पत्र का रुपांतरण कर इस प्रकार से समाज में कानून व्यवस्था बाधित करने हेतु भ्रामक सूचना प्रसारित की गयी है। इस क्रम मे एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा सुसगंत धाराओ में मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है।
कौन हैं नुपुर और अजय गुप्ता
एक टीवी डिबेट के दौरान इस्लाम धर्म के प्रवर्तक मुहम्मद के खिलाफ टिप्पणी कर चर्चाओं में आई भाजपा की पूर्व नेत्री नुपुर शर्मा इन दिनों किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। मुस्लिम कट्टरपंथियों के खासे निशाने पर नुपुर के प्रति आम मुसलमानों में भी गहरी नाराजगी है। जबकि अजय सिंह सहारनपुर उत्तर प्रदेश के कारोबारी गुप्ता बंधु से जुड़ा नाम है। गुप्ता बंधु देहरादून में भी विवादों में रहे हैं। यहां कर्जन रोड पर गुप्ता बंधुओं की कोठी है। वह अक्सर यहां आते-जाते रहते हैं। उत्तराखंड आने पर उन्हें अपने खर्चे पर जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलती थी। यही नहीं, करीब चार साल पहले आयकर विभाग ने यहां भी उनकी कोठी पर छापे मारे थे। करीब चार साल पहले दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के इस्तीफा प्रकरण के बाद सुर्खियों में आए गुप्ता बंधुओं की दून और हरिद्वार में भी संपत्तियां हैं।
अब अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद गुप्ता बंधु फिर चर्चा में हैं। उनका देहरादून से भी गहरा नाता है। उत्तराखंड आने पर उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जाती थी। इसके लिए वे हर माह छह से सात रुपये एडवांस जमा कराते थे। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में अरबों रुपये का घोटाला करने के आरोपी भारतीय मूल के राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता को दुबई से गिरफ्तार कर लिया गया है। गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के शासनकाल के दौरान हुए राजनीतिक भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। अजय गुप्ता अभी फरार हैं।