Dehradun Road Accident : हादसों का गुरुवार: चार ट्रैकर्स सहित 9 की मौत, लापता तीन पोर्टर्स के शव बरामद

Dehradun Road Accident : भारत-चीन सीमा पर उत्तरकाशी जिले में लापता तीन पोर्टरों के शव बरामद कर लिए गए हैं। पोर्टर आईटीबीपी गश्ती दल के साथ 15 अक्टूबर को सीमा पर रूटीन गश्त के लिए गए थे।

Update: 2021-10-21 08:42 GMT

(लापता तीनों पोर्टर्स के शव बरामद)

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Dehradun Road Accident। दुर्घटनाओं के लिहाज से गुरुवार की सुबह उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के लिए मनहूस साबित हुई। जिले के चकराता इलाके (Chakrata Area) में कार खाई में गिरने से एक ही परिवार के पांच लोग और बागेश्वर जिले में ट्रैकिंग पर गए एक ग्रुप के चार सदस्यों की मौत हो गई है। दूसरी तरफ आईटीबीपी की टुकड़ी के साथ गश्त पर गए लापता तीन पोर्टर्स की लाशें बरामद कर ली गई हैं।

देहरादून (Dehradun) जिले के चकराता स्थित त्यूनी क्षेत्र में कार के खाई में गिरने का हादसा गुरुवार को तड़के बानपुर रोड पर हुआ। इस कार में एक ही परिवार के पांच लोग सवार थे और किसी निजी काम से जा रहे थे। हादसे में सभी पांच लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में एक महिला, तीन पुरुष और एक बच्चा शामिल है। सूचना पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम राहत-बचाव कार्य कर रही है। इससे पहले बुधवार को पिथौरागढ़ में एक कार खाई में गिर गई थी। उस हादसे में भी पांच लोगों की मौत हुई थी।

जबकि बागेश्वर (Bageshwar) जिले में सुन्दरढूंगा की साहसिक यात्रा (माउंटेन ट्रैकिंग) पर गए पर्यटकों के एक ग्रुप के चार सदस्यों की मौत हो गई है। दल में शामिल दो लोग लापता हैं। उन्हें खोजने के हेलीकाप्टर अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा पिण्डारी ग्लेशियर गए 34 पर्यटक द्वाली में सुरक्षित हैं। उन्हें भी आज रेस्क्यू किया जाएगा। कपकोट के एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया है कि सुन्दरढूंगा वेली की तरफ भी एसडीआरएफ की टीम रवाना कर दी गई है। मेडिकल टीम भी भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि द्वाली में 8 विदेशी और 10 देशी समेत 34 लोग फंसे हुए हैं। जबकि 20 लोग कफनी ग्लेशियर की तरफ हैं। सुन्दरढूंगा से लौटे नेपाली सुरेंद्र पुत्र हरक सिंह ने बताया कि 4 पर्यटकों की मौत हो गई है। 2 लापता हैं और एक घायल समेत 4 लोग खाती गांव वापस लौट आए हैं।

भारत-चीन सीमा (India China Border) पर उत्तरकाशी जिले में लापता तीन पोर्टरों के शव बरामद कर लिए गए हैं। पोर्टर आईटीबीपी गश्ती दल के साथ 15 अक्टूबर को सीमा पर रूटीन गश्त के लिए गए थे। पोर्टरों के शव आइटीबीपी की नीला पानी चौकी से डेढ़ किलोमीटर दूर सीमा की ओर बर्फ में दबे मिले। शवों के बरामद होने की सूचना आईटीबीपी प्रशासन ने हर्षिल थाने में दी है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि शवों को उत्तरकाशी लाया जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। जबकि ट्रैकिंग पर गए आठ पर्यटकों सहित ग्यारह सदस्यीय दल का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। इनकी तलाश जारी है।

जिन पोर्टर्स के शव बरामद किए गए हैं वह बीती 15 अक्टूबर को उत्तरकाशी जिले में आईटीबीपी की टीम चार पोर्टरों के साथ नियमित गश्ती के लिए भारत चीन सीमा पर स्थित नीला पानी चौकी से सीमा के लिए रवाना हुई थी। वापसी के दौरान बर्फबारी के चलते पोर्टर राजेंद्र सिंह पुत्र बृजमोहन निवासी स्यूणा, सिरोर तहसील भटवाड़ी, संजय सिंह पुत्र दिलबर सिंह निवासी चिवां, नाल्ड तहसील भटवाड़ी व दिनेश चौहान पुत्र भारत सिंह चौहान निवासी भटवाड़ी गश्ती टीम से बिछड़ गए थे। चौथा पोर्टर गश्ती टीम के साथ नीलापानी चौकी लौट गया था।

इन तीन पोर्टरों की तलाश में 18 अक्टूबर को पांच अन्य पोर्टर भेजे गए। लापता पोर्टरों की खोजबीन की जा रही थी। आईटीबीपी (ITBP) के द्वितीय कमान अधिकारी नेहाल सिंह भंडारी ने बताया कि लापता चल रहे तीनों पोर्टरों के बुधवार शाम को शव बरामद कर लिए गए हैं। भंडारी ने बताया कि पोर्टर रास्ता भटक गए थे। जिस स्थान पर शव मिले हैं वह स्थान चौकी से मात्र डेढ किमी दूर है। तीनों के शव को नेलांग पोस्ट पर पहुंचाया गया है। साथ ही आइटीबीपी की ओर से इन पोर्टरों के परिजनों को सूचना दे दी गई।

उत्तरकाशी जिले के हर्षिल से लम्खागा पास होते हुए छितकुल हिमाचल की ट्रेकिंग के लिए गए आठ पर्यटकों समेत ग्यारह लापता लोगों से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। हेलिकाप्टर से इनकी तलाश में एसडीआरएफ (SDRF) की टीम लगाई गई है। पश्चिम बंगाल व अन्य स्थानों के आठ पर्यटकों का दल मोरी सांकरी की ट्रेकिंग एजेंसी के माध्यम से ग्यारह अक्तूबर को हर्षिल से रवाना हुआ था। इस दल में तीन कुकिंग स्टाफ और छह पोर्टर भी शामिल थे। पोर्टर पर्यटकों का सामान छोड़कर 18 अक्तूबर को छितकुल पहुंचे। वहीं, आठ पर्यटक और तीन कूकिंग स्टाफ के सदस्यों का कोई पता नहीं चल पाया है।

संभावना जताई जा रही थी कि उन्नीस अक्तूबर तक पर्यटक और कुकिंग स्टाफ छितकुल पहुंच जाएंगे। लेकिन बुधवार सुबह तक पर्यटक दल और कुकिंग स्टाफ का कोई पता नहीं चला पाया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि हर्षिल से लंबखागा छितकुल गए पर्यटकों के रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ की टीम हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर रही है।

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