Delhi News : बच्चा बेचने के गिरोह में आईवीएफ क्लिनिक था शामिल, बाप ने किया 5 दिन के नवजात का सौदा तो ये हुआ बड़ा खुलासा
Delhi News: आरोपियों में से एक बच्चे का पिता है। उसने आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण अपने ही बेटे का सौदा कर दिया था।
Delhi News: दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) ने रोहिणी इलाके से नवजात को पैसों के लिए बेचने वाले तस्कर गिरोह ( Child Trafficking ) का पर्दाफाश किया है। बुधवार यानि 6 अप्रैल को बच्चा तस्करी के मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें चार महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों में एक नवजात बच्चे का पिता भी है। इस रैकेट के टारगेट पर नि:संतान दंपत्ति होते थे। दिल्ली पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान रोहिणी के बलजीत विहार निवासी 30 वर्षीय इकरत, 50 वर्षीय मोहम्मद सद्दान, कंझावला निवासी 28 वर्षीय रेणु तथा गाजियाबाद की 30 वर्षीय मोनी बेगम, 46 वर्षीय रेखा और 36 साल का योगेश के रूप में हुई है।
आरोपी 2 महिला IVF क्लिनिक में है एडवाइजर
जिन छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया उनमें से दो महिलाएं आईवीएफ क्लिनिक ( IVF Clinic ) में एडवाइजर के रूप में काम करती हैं। वहीं से निसंतान जोड़ों के संबंध में जानकारी हासिल किया जाता था। आरोपियों के पास से 5 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। इस रैकेट का पता प्रेम नगर से अगवा पांच दिन के नवजात बच्चे की तलाश के दौरान हुआ। रोहिणी पुलिस ने अगवा मासूम को भी बरामद कर लिया है।
पिता ने आर्थिक तंगी के कारण बच्चे का किया सौदा
बच्चा तस्कर गिरोह ( child trafficking gang ) में शामिल आरोपियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपियों में से एक बच्चे का पिता है। उसने आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण अपने ही बेटे का सौदा कर दिया था। डीसीपी प्रणव तायल के अनुसार अतिरिक्त डीसीपी बिस्मा काजी की देखरेख में यह केस वर्कआउट हुआ है।
सीसीटीवी फुटेज से खुला राज
बता दें कि एक अप्रैल, 2022 की शाम को अपराह्न तीन बजकर 36 मिनट पर पांच दिन के एक बच्चे के लापता होने की सूचना मिली थी। जब पुलिस ने बच्चे की मां से बात की तो उन्होंने बताया कि दिन में ग्यारह बजे वह बेटे के साथ सो गई थी। दोपहर करीब साढ़े बारह बजे जब उसकी आंख खुली तो बच्चा गायब मिला।
इसके बाद सीसीटीवी फुटेज के जरिए जब पुलिस ने मामले की छानबीन की तो बच्चे को ले जा रही एक महिला दिखी। पुलिस को इस मामले में महिला का पीछा कर रही परवीन की भतीजी इकरत पर शक हुआ। फिर उसकी संदिग्ध हरकत को देखकर पुलिस ने उससे पूछताछ की। पूछताछ के दौरान इकरत ने अपहरण में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। बच्चे को लेकर भाग रही महिला की पहचान रेणु के रूप में हुई है। इसके बाद पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों को भी इकरत और रेणु से मिली सूचना के आधार पर पकड़ लिया।
IVF क्लिनिक ने तस्करों को दिए 50-50 हजार रुपए
इकरत ने सख्ती से पूछताछ के दौरान जांच में जुटी दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) की टीम को बताया कि नवजात को चोरी करने के लिए उसने उम्मत प्रवीण को नशे की दवा दी। इसके बाद बच्चे को चोरी कर वह रेणु और मोनी के साथ मिलकर नोएडा एक्सटेंशन स्थित आइवीएफ क्लीनिक ( IVF Clinic ) पर ले गई। वहां बच्चा योगेश, सोनम व रेखा के हवाले कर दिया। बच्चे के बदले में इकरत, रेणु व मोनी को 50-50 हजार रुपए दिए गए। वहीं सद्दान को एक लाख रुपए दिए गए। इसके बाद पुलिस ने क्लीनिक कर्मी योगेश के कहने पर हरियाणा के फरीदाबाद से नवजात को बरामद कर लिया और असली मां को सौंप दिया।
बच्चे को बेचने के लिए इकरत बनी नवजात की मां
इस मामले में ताजा अपडेट यह है कि फराज नामक व्यक्ति ने इस बच्चे को कानूनी रूप से गोद लेने की इच्छा जाहिर की थी। फराज के सामने इकरत ने खुद को नवजात की मां व रेणु ने बुआ बताया था। इन लोगों ने नवजात को गोद लेने के लिए नकली दस्तावेज तैयार करने का भी प्रयास किया था।