Delhi News :मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करवाने के लिए संतों का एलान, किसानों की तरह ही दिल्ली में डालेंगे डेरा

Delhi News : अलग-अलग हिस्सों से आए साधु-संतों ने दिल्ली के कालकाजी मंदिर में मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन की शुरुआत की है। साधु-संतों ने यह आंदोलन मंदिरों और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करवाने के लिए कानून की मांग को लेकर किया है।

Update: 2021-11-23 10:16 GMT

Delhi News : प्रधानमंत्री द्वारा बीते शुक्रवार यानी गुरुपर्व के दिन तीनो कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की थी थी। इस फैसले के बाद अब कई पक्षों द्वारा अन्य कानून वापस लेने की मांग भी जारी है। इसके बाद से अब ट्रेड यूनियनों से लेकर साधु-संतों तक को अपनी मांगें मनवाने का मौका मिल गया है। कृषि कानूनों की वापसी के फैसले से प्रेरित होकर अब साधु-संतों ने भी आंदोलन का ऐलान कर दिया है। बता दें कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आए साधु-संतों ने दिल्ली के कालकाजी मंदिर में मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन की शुरुआत की है। साधु-संतों ने यह आंदोलन मंदिरों और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करवाने के लिए कानून की मांग को लेकर किया है। बता दें कि साधुओं ने स्पष्ट रूप से यह कहा है कि अगर किसान सरकार को झुका सकते हैं तो हम क्यों नहीं। जरूरत पड़ी तो हम दिल्ली में डेरा डालेंगे।

मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण से नाराज

अखिल भारतीय संत समिति के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में मंच से साधु-संतों ने कहा कि जब किसान दिल्ली के रास्ते को रोककर बैठ सकते हैं और सरकार से अपनी मांगें मनवा सकते हैं तो हम साधु-संत ऐसा क्यों नहीं कर सकते। मीडिया रिपोर्ट की माने तो ज्यादातर साधु-संतों का कहना है कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती हैं तो हम भी दिल्ली में डेरा डालेंगे। उधर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र कर मठ-मंदिरों पर अवैध रूप से कब्जे को लेकर अपनी नाराजगी जताई।

आंदोलन की चेतावनी

मिली जानकारी के अनुसार महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि 'जनवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में नटराज मंदिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने वाले आदेश में कहा था कि मंदिरों का संचालन और व्यवस्था भक्तों का काम है। सुप्रीम कोर्ट मंदिर के पुजारियों और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की अपील पर यह फैसला सुनाया था। जगन्नाथ मंदिर के अधिकार वाले केस में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि मंदिरों पर भक्तों द्वारा चढ़ाए गए धन को सरकारें मनमाने तरीके से खर्च करती हैं। जबकि एक भी चर्च या मस्जिद पर राज्य का नियंत्रण नहीं है।'

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मां कालिका सिद्ध पीठ कालिका जी मंदिर के महन्त सुरेंद्र नाथ अवधूत महाराज ने सरकार को चेतावनी देते हुए आंदोलन करने की धमकी दी और कहा कि सरकार को मंदिरों का प्रबंधन तुरंत साधु-संतों के हाथ में सौंप देनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो पूरे देश के साधु-संत आंदोलन करेंगे। वहीं अधिवक्ता और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने अपने ट्विटर हैंडल से इस आंदोलन के शुरू होने की सूचना दी और कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। गौरतलब है कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद ट्रेड यूनियनों ने भी लेबल लॉ के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। 

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