Delhi Riots 2020 : 'हिंदुत्व समर्थकों के खिलाफ खुलकर कहीं थीं काफी बातें, इसलिए घसीटा जा रहा मुझे', हाईकोर्ट से नोटिस मिलने पर बोले बॉम्बे HC के पूर्व जज

Delhi Riots 2020 : दिल्ली दंगों के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज को भी नोटिस भेजा गया है....

Update: 2022-03-01 12:27 GMT

(दिल्ली दंगों के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज को भेजा नोटिस)

Delhi Riots 2020 : साल 2020 के दंगों के मामले में हाईकोर्ट ने बाम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के पूर्व जज बी.जी. कोलसे पाटिल (BG Kolse Patil) को भी नोटिस भेजा है। जस्टिस कोलसे पाटिल ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण कदम बताया है और कहा कि उन्हें केवल इस वजह से मामले में घसीटा जा रहा है क्योंकि सीएए विरोधी प्रदर्शन के बाद उन्होंने हिंदुत्व समर्थकों के खिलाफ काफी बातें खुलकर कहीं थीं। हाईकोर्ट ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को दिल्ली दंगों के मामले में नोटिस भेजा है।

खबरों के मुताबिक पाटिल ने कहा कि इससे पहले दिल्ली दंगे से जुड़ी फैक्ट फाइंडिंग कमिटी (Fact Finding Committie) ने उन्हें बुलाया था। वो वहां गए और हेमंत करकरे वाला तरीका अपनाया। करकरे मानते थे कोई मुस्लिम दूसरे मुलमान को चोट नहीं पहुंचा स कता। वो उसकी प्रॉपर्टी को आग के हवाले नहीं कर सकता। पाटिल का कहना था कि सीएए प्रदर्शन के बाद वो दिल्ली गए थे। तब उन्होंने खुलकर धरना दे रही महिलाओं की सराहना की थी। 

बता दें कि जस्टिस कोलसे पाटिल सभी विवादास्पद मामलों पर खुलकर बोलते रहे हैं, चाहे वह भीमा कोरेगांव मामले हो या जज लोया की मौत का मामला। सुप्रीम कोर्ट ने जब जज लोया की मौत के मामले में जांच की मांग के लिए दायर जनहित याचिका को खारिज किया तो जस्टिस पाटिल ने जज लोया की मौत को संदिग्ध बताया था और कहा था कि उन्हें यह जानकारी मिली थी कि जज लोया को इस मामले में सरकार के पक्ष में फैसला देने के लिए सौ करोड़ रुपये ऑफर किए गए थे।

जज लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा याचिका खारिज करने पर पाटिल ने हा था कि उन्हें लगता था कि भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में आज का दिन सबसे बुरे दिन के तौर पर याद किया जाएगा। सारे दस्तावेज हैं, कम से कम उनकी जांच होनी चाहिए थी। मांग क्या थी कि इस मौत की जांच हो। 

जस्टिस बीजी कोलसे पाटिल पहले टीचर थे। नौकरी के दौरान ही उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की और 1985 में बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बने। सेवानिवृत्त होने से पहले ही उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था और इसके बाद सामाजिक सेवा में जुट गए। फिलहाल वो जनता दल सेकुलर के महाराष्ट्र सचिव हैं।

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