Delhi Riots 2020 : दिल्ली दंगों के मामले में अदालत ने सुनाई पहली सजा, दोषी दिनेश यादव को 5 साल की जेल

Delhi Riots 2020 : दिल्ली की एक अदालत ने दंगों के मामले में दोषी ठहराए गए दिनेश यादव को पांच साल की सजा सुनाई है...

Update: 2022-01-20 08:12 GMT

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Delhi Riots 2020 :  राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 में हुए हिंसक दंगों के (Delhi Riots) मामले में दिल्ली की एक अदालत (Delhi's Court) ने पहली सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी दिनेश यादव  (Dinesh Yadav) को पांच साल की सजा सुनाई है। बता दें कि दिनेश को पिछले महीने एक गैरकानूनी सभा का सदस्य होने, दंगा करने, 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला के घर लूटने और जलाने में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था। उसके अपराधों के लिए अधिकतम सजा 10 साल की जेल है।

अभियोजन पक्ष की ओर से तर्क दिया गया था कि दिनेश यादव (Dinesh Yadav) दंगाइयों की भीड़ का सक्रिय सदस्य था और उसने उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी के भागीरथी विहार में महिला के घर में तोड़फोड़ व आग लगाने में भूमिका निभाई। पीड़ित बुजुर्ग महिला मनोरी ने कहा था कि लगभग 150 से 200 दंगाइयों की भीड़ ने 25 फरवरी को उसके घर पर हमला किया और कई कीमती सामान लूट लिए।

महिला ने अदालत को बताया था कि कैसे उसे अपनी जान बचाने के लिए अपने छत से कूदने के लिए मजबूर किया गया था और उसके पड़ोसी के घर में छिपना पड़ा जबकि उसके परिवार ने उसे बचाने के लिए पुलिस को बुलाया।

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए दो पुलिसकर्मियों के बयान को अहम माना। पुलिस ने बताया कि मनोरी के घर पर हमला करने वाली भीड़ में दिनेश यादव भी शामिल थे लेकिन आरोपी घर को जलाते नहीं दिखे। अदालत ने फैसला सुनाया कि यादव के भीड़ का हिस्सा होने का मतलब था कि वह उतना ही जिम्मेदार था जितना कि वास्त में घर को जलाने वाले हैं।

इस बीच कल बुधवार को दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने गोकुलपुरी इलाके में एक दुकान में तोड़फोड़ और आग लगाने के छह आरोपियों को जमानत दे दी। पुलिस ने कहा कि आग में दुकान के कर्मचारी 22 वर्षीय दिलबर नेगी की मौत हो गई थी जिसका क्षत-विक्षत शव दो दिन बाद दुकान परिसर से बरामद किया गया था।

पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने कथित तौर पर इलाके की कई अन्य दुकानों में भी तोड़फोड़ की और आग लगा दी। नागरिक संशोधन अधिनियम के समर्थकों और इसका विरोध करने वालों के बीच तनाव के बाद फरवरी 2020 में दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्सों में सांप्रदायिक झड़पें देखने को मिली थीं।  

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