Delhi riots : शाहरुख पठान की ओर से कोर्ट में दलील, केवल डराने के इरादे से की थी हवाई फायरिंग
Delhi riots : शाहरुख पठान की वकील ने कोर्ट में दलील दी कि '26 सेकेंड के वीडियो में दहिया के पास पुलिस कांस्टेबल को मारने या फिर घायल करने का पर्याप्त अवसर था लेकिन उसने केवल डराने की कोशिश की।'
Delhi riots : पिछले साल फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों (Delhi Riots) के दौरान पुलिस के एक हेड कांस्टेबल पर कथित तौर पर बंदूक तानने वाले आरोपी शाहरुख खान की आज कोर्ट में सुनवाई हुई। आरोपी शाहरुख पठान की ओर से कोर्ट में दलील दी गई की उसने गोली नहीं चलाई और वह केवल कॉन्स्टेबल को डराना चाहता था। बता दें कि पिछले साल राजधानी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर बंदूक तानते हुए शाहरुख पठान की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। इस मामले में शाहरुख पठान को पुलिस द्वारा 3 मार्च 2020 में गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके बाद से शाहरुख तिहाड़ जेल में बंद है।
शाहरुख की वकील की दलील
दिल्ली दंगों में आरोपित शाहरुख खान की आज गुरुवार 18 नवंबर को सुनवाई हुई। कोर्ट में सुनवाई के दौरान शाहरुख की वकील मेनका गुरुस्वामी ने अपनी ओर से कोर्ट के सामने कई दलीलें रखी। मेनका गुरुस्वामी ने कोर्ट में घटना के समय का एक 26 सेकेंड का वीडियो भी चलाया। वीडियो चलाने के बाद मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि 'आरोपी ने 2 गोलियां चलाई थी। जिसमें एक हवाई फायरिंग थी और दूसरी गोली सीधी चलाई थी। जिसके बाद पुलिस कांस्टेबल दीपक दहिया से तीखी नोकझोंक हुई और फिर शाहरुख वापस लौट गया।'
बंदूक ऊपर नहीं, सीधी है
मेनका गुरुस्वामी की इस दलील के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने वकील को वीडियो फिर से चलाने के लिए कहा फिर वीडियो चलाए जाने के बाद जज ने हवा में गोली चलाने से ठीक पहले शाहरुख की बंदूक की स्थिति की ओर इशारा किया। जज ने कहा कि 'उसके बंदूक की स्थिति को देखें। वह ऊपर की ओर नहीं है बल्कि सीधा है। जब वह निशाना लगा रहा था तो बंदूक सीधी थी।'
वकील ने कहा कि दोनों में से किसी ने भी हेड कांस्टेबल को निशाना नहीं बनाया। शाहरुख़ के बचाव में वकील ने आगे कहा कि 'मामला दहिया पर आधारित है। वह संभावित शिकार है और उस पर गोली नहीं चलाई जाती है। पहली गोली हवा में और दूसरी दाईं ओर चलाई गई।' आगे मेनका गुरुस्वामी ने कोर्ट के सामने दलील रखी, 'अगर आरोपी उसे गोली मारना चाहता, तो उसने ऐसा किया होता लेकिन ऐसा इरादा नहीं था। आरोपी पलटा और फिर भाग गया। क्या इनमें से कोई भी उसे गोली मारने के इरादे को दर्शाता है। केवल डराने की मंशा थी।'
नागरिक की ओर से पुलिस को डराना आपत्तिजनक है
शाहरुख पठान की वकील ने कोर्ट में दलील दी कि '26 सेकेंड के वीडियो में दहिया के पास पुलिस कांस्टेबल को मारने या फिर घायल करने का पर्याप्त अवसर था लेकिन उसने केवल डराने की कोशिश की।' आगे वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि 'एक नागरिक की ओर से पुलिस अधिकारी को डराना आपत्तिजनक है लेकिन यहां आईपीसी की धारा 307 के तहत केस नहीं बनता है क्योंकि उसका मारने का कोई इरादा नहीं था। आज सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अनुज हांडा पेश हुए थे। वहीं पुलिस की ओर से पेश हुए स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अनुज हांडा ने कहा कि 'आरोपी ने पुलिस वाले पर स्पष्ट रूप से बंदूक तान दी थी।'