Delhi University News : दिल्ली विश्वविद्यालय में खुलेगी 'गौशाला', कॉलेज के छात्रों को मिलेगा शुद्ध दूध और दही

.Delhi University News : इस साल हंसराज कॉलेज के बायो में एक नया और अनोखा विभाग जुड़ा है, यह गाय संरक्षण अनुसंधान केंद्र है, इसका नाम स्वामी दयानंद सरस्वती गौ संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र का गया है, अभी केंद्र को एक गाय के साथ शुरू किया गया है...

Update: 2022-01-28 08:00 GMT

दिल्ली विश्वविद्यालय में खुलेगी गौशाला

Delhi University News : आईटी को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रमुख संस्थानों में से एक के रूप में जाना जाता है। जो सरकार के राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के तहत कॉलेजों में 14वें स्थान पर है लेकिन इस साल हंसराज कॉलेज के बायो में एक नया और अनोखा विभाग जुड़ा है, जो पहले ही चर्चा में आ गया है। बता दें कि यह गाय संरक्षण अनुसंधान केंद्र है। इसका नाम स्वामी दयानंद सरस्वती गौ संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र का गया है। बता दें कि अभी केंद्र को एक गाय के साथ शुरू किया गया है और प्रिंसिपल डॉ रमा का कहना है कि 'यदि सोच उपयोगी और फायदेमंद साबित हुआ तो इसका विस्तार किया जाएगा।'

छात्रों को मिलेगा शुद्ध दूध और घी

'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के अनुसार प्राचार्य का कहना है कि 'केंद्र सिर्फ गाय के विभिन्न पहलुओं पर शोध नहीं करेगा। यह छात्रों के लिए शुद्ध दूध और घी भी प्रदान करेगा और परिसर में आयोजित मासिक हवन (प्रार्थना अनुष्ठान) का काम भी करेगा।' इसके साथ ही प्राचार्य ने बताया कि 'हमारा एक डीएवी ट्रस्ट कॉलेज है, इसका आधार आर्य समाज है। उस परंपरा के हम हर महीने के पहले दिन हवन करते हैं जिसमें सभी शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मचारी और छात्र शामिल हो सकते हैं। उस हवन के दौरान, हम उन सभी लोगों का अभिनंदन करते हैं, जिनका उस महीने जन्मदिन होता है। इसके लिए हमें हर महीने बाजार में जाकर आग पर चढ़ाने के लिए जरूरी चीजें जैसे शुद्ध घी भी खरीदना पड़ता है। हम इसमें अब आत्मनिर्भर हो सकते हैं।'

गाय के विभिन्न पहलुओं पर शोध

वर्तमान में गाय केंद्र पुरुष छात्रावास के लिए कॉलेज गेट के पास स्थित एक बाड़े में है, लेकिन अभी और गाय आना बाकी है। साथ ही प्राचार्य ने कहा कि 'कॉलेज एक गोबर गैस प्लांट पर काम कर रहा है, जिसे केंद्र का सहयोग मिल सकता है। इसके अलावा हम गाय के विभिन्न पहलुओं पर शोध कर सकते हैं। एक और विचार यहां है कि जब छात्रावास खुलेगा तो छात्रों को शुद्ध दूध और शुद्ध नहीं मिल सकता है।'

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों को यकीन नहीं है कि डीयू के अन्य कॉलेजों में भी ऐसी ही पहल मौजूद है या नहीं। इस संबंध में रजिस्ट्रार विकास गुप्ता का कहना है कि 'मुझे इस विशेष परियोजना के बारे में पता भी नहीं था। या कॉलेज के स्तर पर एक पहल होनी चाहिए लेकिन सब लोग परिसर पर ही निर्भर नहीं है।'

एसएसआई ने लगाया आरोप

'इंडियन एक्सप्रेस' में प्रकाशित खबर के अनुसार सीपीआई (एम) के स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएसआई) की हंसराज कॉलेज इकाई ने आरोप लगाया है कि एक महिला छात्रावास के लिए निर्धारित भूमि पर गाय केंद्र स्थापित किया गया है। कॉलेज में वर्तमान में केवल एक पुरुष छात्रावास है।

महिला छात्रावास की जगह बना है गौशाला

बता दें कि एएसआई द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि 'एसएफआई महिला छात्रावास की जगह पर गौशाला निर्माण की बिना शर्त निंदा और विरोध करता है। महिला छात्रावास का काम वर्षों से रुका हुआ है। हमें यह घृणित लगता है कि हमारा कॉलेज प्रशासन संघर्षरत छात्राओं के बजाय गायों के 'संरक्षण और पदोन्नति' को प्राथमिकता देता है, जिनके हितों को इस तरह के बेतुके फैसले के लिए दरकिनार किया जा रहा है।'

प्रिंसिपल ने आरोपों से किया इनकार

बता दें के प्रिंसिपल डॉ रमा ने एसएसआई के इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि 'सबसे पहले वह एक क्षेत्र एक छात्रावास की हमारी योजना के लिए बहुत छोटा है, जिसमें कम से कम 100 छात्रों का समायोजित किया जाएगा। वह स्थान छात्रावास के लिए आरक्षित नहीं है। हम छात्रावास के निर्माण के लिए कई औपचारिकताओं से गुजर रहे हैं और कॉलेज के मास्टरप्लान पर फिर से काम कर रहे हैं। जिसे नगर निगम द्वारा अनुमोदित करने की आवश्यकता होगी।'

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