Exclusive: दिल्ली के मोस्ट वांटेड छेनू और अफसर को मंडोली जेल के अंदर मौत की नींद सुलाने की कौन रच रहा साजिश?

Exclusive: अफसर की पत्नी ने जेल के दो डिप्टी जेलर जय सिंह नागर और विनय ठाकुर पर दोनों बंदियों की हत्या की साजिश रचने का सनसनीखेज आरोप लगाया है...

Update: 2022-03-21 02:14 GMT

(दिल्ली के मोस्ट वांटेड अफसर व छेनू मंडोली में मकोका के तहत बंद हैं)

Exclusive : दिल्ली की तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बन्द कुख्यात गैंगस्टर छेनू पहलवान और अफसर के परिजनों ने जेल प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है। आरोपों में कहा गया है कि जेल प्रशासन इन दोनों कुख्यातों की जेल के भीतर हत्या करवाने की साजिश कर रहा है। इसके लिए अफसर के परिजनों ने जेल के दो डिप्टी जेलरों पर संगीन आरोप मढ़े हैं।

अफसर की बीवी ने एक यूट्यूब चैनल से बात करते हुए कहा कि एक दिन जेल से अफसर का फ़ोन आया था। इस फ़ोन काल मे उसने बताया कि जेल प्रशाशन उसकी हत्या की साजिश रच रहा है। जेल के भीतर अलार्म बजवाया जा रहा है। इसके साथ ही अफसर ने दिल्ली के मोस्ट वांटेड छेनू पहलवान (Most Wanted Chhenu Pahalwan) की हत्या की साजिश की बात कही है। अफसर की बीवी ने इस बातचीत की कॉल रिकॉर्डिंग (Call Recording) तक होने का दावा किया है।

बता दें कि दिल्ली के यह दोनों कुख्यात पिछले सात सालों से दिल्ली की अलग-अलग जेलों में सजा काट रहे हैं। इस समय यह मकोका के तहत मंडोली नम्बर 15 की हाई सिक्योरिटी जेल में बन्द हैं। अफसर की पत्नी ने जेल के दो डिप्टी जेलर जय सिंह नागर और विनय ठाकुर पर दोनों बंदियों की हत्या की साजिश रचने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।

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जेल में सुरक्षा के इतने कड़े इंतजामात होते हैं फिर हत्या कैसे? के सवाल पर अफसर की पत्नी कहती है कि, बीते समय जेल नंबर तीन में अंकित गुर्जर की हत्या हुई। मुन्ना बजरंगी की हत्या हो गई। आपको उंगलियों पर गिनवा सकती हूँ कि जेल के भीतर अब तक कितनी हत्याए हो चुकी हैं। सुरक्षा देने वाले ही जब मारने लगें फिर किस बात की सुरक्षा?

इस वीडियो की बाबत हमने मंडोली जेल के एक अफसर से बात की। जिसने नाम न छापने की शर्त पर जनज्वार को बताया कि, 'मंडोली की हाई सिक्योरिटी जेल नंबर 15 में अफसर और छेनू पहलवान दोनो बंद हैं। दोनो दिल्ली के बड़े गैंगस्टरों में शामिल हैं। पिछले दिन तलाशी के दौरान कुख्यात नीरज बवाना गैंग के सदस्यों के पास मोबाइल पकड़े गये थे। जिसके बाद सभी को वार्निंग दी गई थी।'

इसके बाद हमने डिप्टी जेलर विनय ठाकुर को फोन किया। विनय ठाकुर ने बताया कि, 'जेल नंबर 15 में कुछ मोबाइल पकड़े गये थे। हमने वार्निंग दी थी कि जिसके पास भी मोबाइल हो वह प्रशासन को सौंप दे, अन्यथा सर्चिंग में पाया जाएगा तो सजा मिलेगी। दोनो बदमाश बेहद शातिर हैं। ये लोग हमारी सर्चिंग और मोबाइल पकड़े जाने से पहले ही खुद के बचाव का रास्ता तलाशने की जुगत भिड़ा रहे हैं। यह जो आरोप दोनो ने लगाया है वह बिल्कुल निराधार है।'

जेल के भीतर की गतिविधियों को करीब से जानने वाले हमारे एक सूत्र ने बताया कि, जेल में सजा काटने वाले नामी-गिरामी गैगस्टर्स जेल प्रशासन से अक्सर आंख-मिचौली वाला खेल खेलते रहते हैं। कभी जेल प्रशासन तो कभी बदमाश एक दूसरे के इशारों पर नाचते हैं। नशा, मोबाइल इत्यादि यहां आम बात है। गैगस्टर्स अपने बचाव के लिए अपने परिवार या फिर किसी अन्य के जरिए अदालतों में रिट लगवा देते हैं। कि यदि किसी तरह की कोई बात हो तो उनकी सुनवाई पहले की जा सके।  

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