लंदन में मोदी के खिलाफ हुआ प्रदर्शन, दलितों-मुस्लिमों और महिलाओं पर अत्याचार का लगाया आरोप
आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार में धार्मिक अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ हिंसा को सामान्य कर दिया गया है,धर्मनिरपेक्ष संविधान बिखर रहा है...
जनज्वार। भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 'दक्षिण एशिया एकजुटता' नामक एक प्रवासी समूह ने लंदन में प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की मांग की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लंदन के वेस्टमिंस्टर पुल पर हुए इस प्रदर्शन के दौरान देश की वर्तमान मोदी सरकार पर धार्मिक अल्पसंख्यकों, दलितों और महिलाओं पर अत्याचार के बढ़ने तथा विरोध करने वालों को जेल भेजने का आरोप लगाया गया। इसके साथ ही CAA और NRC के प्रति भी विरोध प्रकट किया गया।
विरोध प्रदर्शन करने वालों ने आरोप लगाया कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने वैश्विक महामारी के बीच बड़ी संख्या में विरोधियों को कैद किया है। दक्षिण एशिया एकजुटता समूह, जो कथित तौर पर एक भारतीय प्रवासी संगठन है, ने 15 अगस्त को लंदन में वेस्टमिंस्टर पुल पर नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की मांग को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया।
इस आयोजन की अगुवाई करने वाले समूह ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार में भारत ने धार्मिक अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ हिंसा को सामान्य कर दिया है।प्रदर्शनकारी समूह ने आरोप लगाया कि देश का धर्मनिरपेक्ष संविधान बिखर रहा है। साम्प्रदायिक और जातिगत हिंसा ने देश को जकड़ रखा है।
दक्षिण एशिया सॉलिडेरिटी के मुक्ति शाह ने कहा, "कोरोनावायरस संकट के दौरान घोर लापरवाही और कुप्रबंधन के परिणामस्वरूप हजारों राजनीतिक कैदी COVID-संक्रमित जेलों में बंद हैं और सैकड़ों हजारों लोग अपने प्रियजनों के खोने का शोक मना रहे हैं।" मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा उन्होंने अपने लिखित बयान में कहा है।
आयोजकों ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा, दलित महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा, कृषि पर कॉर्पोरेट प्रभुत्व, विरोधियों पर कार्रवाई और ईवीएम और मतपेटियों के साथ छेड़छाड़ को नरेंद्र मोदी के शासन की कुछ विशेषताओं के रूप में बताते हुए आरोप लगाए।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा, "हम भारत के लोगों के साथ एकजुटता में खड़े प्रवासी सदस्यों और दोस्तों का एक समूह, इस हिंसा, अन्याय और आपराधिक लापरवाही के मुख्य वास्तुकार नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।"
लंदन में सुबह-सुबह विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसमें पुल पर "रिजाइन मोदी" वाले विशाल बैनर लगाए गए थे। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर समूह ने एक सोशल मीडिया अभियान भी शुरू किया।
हाल के महीनों में, लंदन में CAA और NRC जैसे मुद्दों पर वर्तमान भारत सरकार के विरोध में कई प्रदर्शन हुए हैं।