DGGI का शिकंजा : इत्र कारोबारी की संपत्ति को नहीं माना टर्नओवर, 52 करोड़ टैक्स देकर बच नहीं सकते पीयूष जैन

डीजीजीआई ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन से 197 करोड़ रुपए की नकदी जब्त की है। इसके अलावा चंदन की 600 किलो लकड़ी और 200 से ज्यादा जाली इनवाइस भी जैन के ठिकानों से मिले हैं।

Update: 2021-12-31 04:05 GMT

लखनऊ। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय ( DGGI ) ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन ( Perfume Trader Piyush Jain ) को बड़ा झटका दिया है। डीजीजीआई ने पीयूष जैन की संपत्ति को टर्नओवर मानने से इनकार (  Turnover not considered property ) कर दिया है। डीजीआई के इस रुख से साफ है कि पीयूष जैन 52 करोड़ रुपए जीएसटी ( GST ) टैक्स चुका खुद को आरोपमुक्त नहीं कर सकते। ऐसा इस​लिए कि उनकी ओर से बकाया कर चुकाए जाने का प्रस्ताव को जीएसटी महानिदेशालय खारिज कर दिया है।

डीजीजीआई के अतिरिक्त निदेशक जाकिर हुसैन ने बताया कि जब्त सोना डीआरआई को सौंप दिया है। चंदन की 600 किलो लकड़ी जब्त की है। दो सौ से ज्यादा जाली इनवाइस मिले हैं। इन सबूतों का जांच के बाद कर व जुर्माने की रकम तय होगी।

डीजीजीआई ने अवफवाह पर लगाया विराम

दूसरी तरफ ओडोकेम इंडस्ट्रीज, कन्नौज के मालिक पीयूष जैन के खिलाफ जारी मामले में डीजीजीआई की जांच में अब तक 197.47 करोड़ रुपए नकद, 23 किलो सोना व अन्य कीमती व आपत्तिजनक वस्तुएं मिली हैं। डीजीजीआई ने बताया कि नकदी को भारतीय स्टेट बैंक के पास केस संपत्ति के तौर पर सुरक्षित रखा गया है। कर देनदारियों का हिसाब-किताब का अनुमान लगाया जा रहा है। दरअसल, चर्चा यह थी कि विभाग ने जब्त रकम को टर्नओवर मानते हुए आरोपी को कर बकाया के रूप में 52 करोड़ रुपए जमा करने की इजाजत दी है।

जमानत की अर्जी दाखिल करने की तैयारी

बता दें कि अपराध को स्वीकार करने और सुबूतों के आधार पर पीयूष जैन को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 132 व 67 के तहत 26 दिसंबर को गिरफ्तार किया था।  उसके बाद 27 दिसंबर को अदालत ने जैन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पीयूष जैन के अधिवक्ता सुधीर मालवीय ने बताया कि एक जनवरी को अदालतों के खुलते ही जमानत की अर्जी लगाई जाएगी।

पान मसाला कंपनी और ट्रांसपोर्टर के बीच गठजोड़ की जांच शुरू

इत्र कारोबारी जैन के कानपुर और कन्नौज स्थित आवासों से मिली 197 करोड़ की नकदी को सीज कर डीजीजीआई ने शिखर पान मसाला के मालिक प्रदीप अग्रवाल, ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन से उसके रिश्तों की जांच शुरू कर दी है। बीते वर्षों के दौरान इनके बीच हुए कारोबार की जानकारी जुटाई जा रही है। एजेंसी यह पता कर रही है कि इनके बीच कितने साल से कारोबार चल रहा है, ट्रांसपोर्टर की इसमें क्या भूमिका है, कितने ट्रकों से कर चोरी या कैश इधर-उधर किया जा रहा था?

3 ठिकानों पर एक साथ मारा गया था छापा

डीजीजीआई ( महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस ) अहमदाबाद की टीम ने 22 दिसंबर को तीनों के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। कंपाउंड, पान मसाला और ट्रांसपोर्ट का एक-दूसरे से सीधा संबंध है। इस कारोबार में सबसे ज्यादा कर चोरी की संभावना होती है। इस मामले में भी बड़े पैमाने पर कर चोरी पकड़ी है।

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