Dhanbad Judge Murder Case : सीबीआई कोर्ट ने दोनों दोषियों को सुनाई ताउम्र कैद की सजा, परिजन करेंगे फैसले के खिलाफ अपील
Dhanbad Judge Murder Case : धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में अभियोजन पक्ष ने दोनों दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी।
Dhanbad Judge Murder Case : झारखंड ( Jharkhand ) के धनबाद ( Dhanbad ) में जज उत्तम आनंद ( Judge uttam anand ) की 12 माह पहले हुई हत्या मामले में सीबीआई कोर्ट ( CBI Court ) ने एक दिन पहले यानि 8 जुलाई को दोषी ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को आजीवन उम्र कैद ( life imprisonment ) की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को ताउम्र के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की कोर्ट ने 28 जुलाई को दोनों को धारा 302 और 201 के तहत दोषी करार दिया था।
28 जुलाई 2021 को हुई थी जज उत्तम आनंद की हत्या
बता दें 28 जुलाई 2021 की सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले जज उत्तम आनंद को पीछे से ऑटो चालक ने टक्कर मार कर उनकी हत्या कर दी थी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया था। झारखंड हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में सीबीआई ने मामले की जांच की थी। अदालत ने इस केस में जल्द सुनवाई की और 12 माह में दोनों दोषियों को कैद सजा सुना दी।
फांसी की सजा मिले
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने दोनों दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी। वहीं बचाव पक्ष ने सजा कम देने की बात कही थी। मृत जज के परिजनों ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि दोषियों को कम से कम फांसी की सजा मिलनी चाहिए। यह उनके परिवार की क्षति है जिसकी पूर्ति नहीं की जा सकती।
जज उत्तम आनंद की हत्या मामले में सीबीआई ने आरोपी ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा के खिलाफ 20 अक्टूबर 2021 को चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में 169 गवाहों बनाए गए थे। इनमें से 58 गवाहों के बयान कोर्ट के समक्ष कराए गए। कोर्ट ने पांच माह में केस की त्वरित सुनवाई पूरी कर ली। इस मामले के दो आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा के खिलाफ 2 फरवरी 2022 को कोर्ट में आरोप का तय गया था। 7 मार्च 2022 को इस मामले में पहले गवाह की गवाही हुई थी।
दरअसल, पिछले साल 28 जुलाई को जज उत्तम आनंद को एक ऑटो ने उस वक्त टक्कर मार दी थी जब वह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। उस वक्त उनकी मौत हो गई थी। इस मामले का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद यह माना गया था कि ऑटो से जान बूझकर टक्कर मारकर उनकी हत्या की गई। इस मामले में पुलिस ने ऑटो चालक लखन और उसके सहयोगी राहुल को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान दोनों आरोपियों का दो बार नार्को टेस्ट भी कराया गया था। सीबीआई ने बीते वर्ष 20 अक्टूबर को आईपीसी की धारा 302ए, 201 और 34 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी।
पीड़ित पक्ष ने रखी ये दलीलें
Dhanbad Judge Murder Case : मुकदमे के दौरानए अभियोजन पक्ष ने कहा था कि इस वारदात का मकसद जज का मोबाइल फोन छीनना था और यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसके लिए आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी ठहराया जाना चाहिए। दूसरी ओर बचाव पक्ष ने दलील दी थी कि इस घटना को जान बूझकर अंजाम नहीं दिया गया था। इसलिए मर्डर का चार्ज नहीं लगाया जा सकता है।