Dharma Sansad पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, हिमाचल और उत्तराखंड सरकार को लगाई फटकार, अब भड़काऊ भाषण पर नपेंगे वरिष्ठ अधिकारी
Dharma Sansad : वरिष्ठ अधिवक्तार कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने ऊना में होने वाली धर्म संसद के बारे में वहां के डीएम और एसपी को इस बारे में लिखा था, पर उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया।
Dharma Sansad : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ) के ऊना में धर्म संसद ( Una Dharm Sansad ) और इसमें आपत्तिजनक बयानबाजी को लेकर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने भाजपा नेतृत्व वाली सरकार से इस बाबत एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि सरकार हलफनामा दायर कर बताए कि ऐसे मामलो में सुप्रीम कोर्ट के पहले निर्देशों का पालन करने के लिए उनकी ओर से क्या कदम उठाए गए हैं।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद ( Dharam Sansad ) के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने ऊना में होने वाली धर्म संसद के बारे में वहां के SP और कलेक्टर को इस बारे में लिखा था, पर उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया।
भड़काऊ भाषण पर लगाम न लगने पर नपेंगे वरिष्ठ अधिकारी
वहीं रुड़की में बुधवार को होने वाली धर्मसंसद के बारे में उत्तराखंड सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि उनकी ओर से सुनिश्चित किया गया है इस धर्म संसद के दौरान कोई अप्रिय बयानबाजी नहीं होंगी। अगर भड़काऊ भाषण पर लगाम नहीं लगी तो उच्च अधिकारी जिम्मेदार होंगे। शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव से हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
उत्तराखंड ( Uttarakhand )सरकार के अधिवक्ता ने अदालत ने 2 मिनट का समय अपना रखने के लिए मांगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको आगे की तारीख दी गई है। उत्तराखंड सरकार ने कहा कि हमने एफआईआर दर्ज करने सहित सभी कदम अदालत के फैसले के मुताबिक उठाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई और कहा कि इस तरह से आप तर्क नहीं दे सकते हैं। आप संविधान से बंधे हुए हैं।
बता दें कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर 2021 को धर्म संसद ( Dharam Sansad ) आयोजित हुई थी। हिंदू साधु-संतों के विवादित भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इन वायरल वीडियो के आधार पर कई लोगों ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ 23 दिसंबर को हरिद्वार शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया था। उसके बाद रायपुर धर्म संसद में भी विवादित बयान दिए गए थे।