Diwali 2021 : एक साल में 12 करोड़ बेरोजगार और 97 प्रतिशत भारतीय हुए गरीब, कैसे मनेगी इनकी हैप्पी दिवाली
Diwali 2021 : पहले लॉकडाउन से लेकर अभी तक 12 करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं। इनमें 9 करोड़ से ज्यादा दिहाड़ी मजदूर हैं जो अलग-अलग शहरों में जाकर रोजी-रोटी जितना कमा लेते थे।
Diwali 2021। दिवाली के कुछ दिन पहले से ही लोग खरीदारी शुरू कर देते हैं। कोई धनतेरस (Dhanteras) पर ज्वेलरी खरीदता है तो कोई कार खरीदता है। कोई कुछ नहीं तो झाड़ू या बर्तन ही खरीद लेता है। लेकिन हर कोई कुछ न कुछ खरीदारी करता ही है। दिवाली जैसे त्योहारों के लिए बटुआ में पैसे होना जरुरी है लेकिन बीते एक साल से देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) डामाडोल हुई है। हर सेक्टर से बड़ी तादात में लोगों की नौकरियां चली गई हैं। जो लोग बरोजगार हैं उनके लिए दिवाली एक ऐसे संकट की तरह है जिसका सामना करने की स्थिति में वे नहीं है।
देश के बेरोजगार (Unemployement) फिलहाल दोहरी मार झेल रहे हैं। एक तो उनकी नौकरी (Jobs) चली गई और दूसरी बेतहाशा महंगाई (Inflation) बढ़ रही है। उन्हें अपनी जरूरत की चीजों को खरीदने के लिए भी सौ बार सोचना पड़ रहा है। फिर दीवाली जैसे त्योहार पर वो खरीदारी करने के लिए कैसे सोच सकते हैं। अब एक ही विकल्प बचा है कि व्हाट्सएप पर दिवाली की शुभकामानएं एक दूसरे को दें क्योकि मोबाइल डेटा के दाम बेतहाशा नहीं बढ़ाए गए हैं, वरना सरकार ने हर चीज के दाम बढ़ा दिए हैं। हालांकि समस्या बस बेरोजगारी तक सीमित नहीं है, कई दिहाड़ी मजदूर, पेशवर कामगार बेरोजगारी की वजह आत्महत्या कर रहे हैं। आप खुद अंदाजा लगाइए कि इनके घरों में दिवाली कैसे मनेगी ?
दिवाली कैसे मनाएं जब रॉकेट की तरह आसमान छू रही महंगाई
एक तरफ जहां हर सेक्टर में लोगों के हाथ से रोजगार धड़ाधड़ निकल रहा है वहीं रॉकेट की तरह महंगाई बढ़ते ही जा रही है। अब बेरोजगारों के लिए आगे कुआँ और पीछे खाई की स्थिति है। सरकार ने आज धनतेरस पर भी 35 पैसा प्रति लीटर पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए हैं। दिल्ली में पेट्रोल 110.04 रुपये और डीजल के दाम 98.42 रुपए प्रति लीटर है। वहीं घरेलू गैस के दाम 859 रुपए प्रति सिलिंडर है। भाजपा नेतृत्व की केंद्र सरकार ने दिवाली के तोहफे के रूप में 19 लीटर वाले कमर्शियल सिलिंडर पर 268 रुपए बढ़ा दिए हैं। हर चीज के बस दाम ही बढ़ रहे हैं। कुकिंग ऑयल के दामों में भी 52% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। देश की महंगाई दर 4.35+ से ज्यादा है। वहीं लोगों की सालाना आय में 5% की गिरावट आई है। यानि जिनकी सालाना आय 1.34 हजार रुपये थी उनकी सलाना आय अब 1.27 लाख रुपए हो गई है। देश की मौजूदा जीडीपी -8.0 है।
बीते एक साल में लाखों हुए बेरोज़गार
देश में बीते एक साल में रोजगार के क्षेत्र में भारी संकट आया है, पिछले लॉकडाउन के असर से अर्थव्यवस्था आज तक उबर नहीं पायी है। लोगों के हाथों से नौकरियां गयीं और साथ आमदनी भी कम हुई है। लोगों की आमदनी में 5.4% की गिरावट आई है और साथ ही महगांई आसमान छू गयी। इसका असर त्योहारों पर देखने को मिल रहा है। पिछले साल की तुलना में देखें तो लोगों ने त्योहार के समय खरीदारी कम कर दी है। उनके लिए दैनिक जरूरतों की व्यवस्था करना ही चुनौती का काम है। 2020 के अप्रैल महीने में 70 लाख लोग बेरोज़गार हुए थे।
पहले लॉकडाउन से लेकर अभी तक 12 करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं। इनमें 9 करोड़ से ज्यादा दिहाड़ी मजदूर हैं जो अलग-अलग शहरों में जाकर रोजी-रोटी जितना कमा लेते थे। 12.5 लोग जब काम पर वापस आये तो इनमें से अधिकतर को रोजगार नहीं मिला तो कई वापस अपने गांव चले गए।
सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआइई) के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान 80% प्रतिशत कामगार अपने रोजगार से हाथ धो बैठे थे। हालात इतने खराब थे कि कई लोगों को दो बार का भोजन जुटाना मुश्किल हो रहा था। कोरोना महामारी आने से पहले 40.35 करोड़ में सैलरी वाली नौकरियां की संख्या 8.5 करोड़ थी। अब इस 39 करोड़ में सैलरी वाली नौकरियों की संख्या 7.3 से 7. 4 करोड़ के बीच रह गई है। 1.35 करोड़ पेशवर लोगो की नौकरियां हाथ से निकल गई हैं, वहीं जो बचे हैं उनकी आमदनी में भारी गिरावट आई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) अपने आकलन में बताता है कि महामारी के बाद 97% भारतीय गरीबी के तरफ बढ़े हैं।