Dr. Ratan Lal : DU के प्रोफेसर को मिली जमानत, ज्ञानवापी मस्जिद में पाए गए कथित शिवलिंग पर की थी टिप्पणी

Dr. Ratan Lal : सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को लेकर गिरफ्तार किए गए दिल्ली विश्वविद्याल के प्रोफेसर डॉ. रतन लाल को सुनावाई के बाद कोर्ट से जमानत मिल गई है....

Update: 2022-05-21 11:59 GMT

Dr Ratan Lal Arrest : डीयू के प्रोफेसर डॉ. रतन लाल गिरफ्तार, ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग पर की थी कथित अपमानजनक टिप्पणी

Dr. Ratan Lal : दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रतन लाल (Dr. Ratan Lal) को शनिवार को दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में पेश किया। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 'शिवलिंग' पाए जाने के दावों पर उन्होंने सोशल मीडिया कथित आपत्तिजनक पोस्ट डाली थी जिसके आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डॉ. रतन लाल को जमानत दे दी है। 

पुलिस ने प्रोफेसर रतन लाल (Dr. Ratan Lal) की रिमांड नहीं मांगी थी। पुलिस (Delhi Police) ने कहा था कि आरोपी की न्यायिक हिरासत चाहिए। एक पढ़े लिखे आदमी से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती। ये केवल सोशल मीडिया पोस्ट नहीं था बल्कि इसे यूट्यूब में भी डालने के लिए कहा जा रहा था। आरोपी आगे ऐसी गलती न करे इसके लिए पुलिस उसे नोटिस दिए बिना सीआरपीसी 41 ए के तहत गिरफ्तार कर सकती है। 

अदालत को जवाब देते हुए पुलिस ने कहा कि ऐसे दो वीडियो हैं। ऐसे में आरोपी को चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जाए। वहीं रतन लाल के वकील ने कहा कि मामले में कोई केस ही नहीं बनता है। गिरफ्तारी छोड़िए, इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज नहीं होनी चाहिए। अभी तक सोशल मीडिया पोस्ट (Ratan Lal Social Media Post) से कोई हिंसा नहीं हुई है। ऐसे में पुलिस एक्शन 153 कैसे लगा सकती है। अगर किसी व्यक्ति की सहनशक्ति कम है तो उसके लिए रतन लाल कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां हर किसी को बोलने की आजादी है। ये एफआईआर रद्द होनी चाहिए। 

प्रोफेसर की दलील सुनकर जज ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) से पूछा कि आपने इन्हें बगैर नोटिस दिए गिरफ्तार क्यों किया? इस पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि इसमें इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस हैं। अगर नोटिस जारी करते तो एक क्लिक में सारे एविडेंस डिलीट कर देते। आरोपी अंबेडकरवादी हैं। उन्हें बहुत लोग फॉलो करते हैं। अगर आप इतने शिक्षित हैं तो आपको जिम्मेदार भी होना चाहिए। आपको ऐसी पोस्ट करने से पहले सोचना चाहिए। हमें इनके खिलाफ छह शिकायतें मिली हैं।  

इधर रतन लाल के वकील ने कहा कि उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए। ये कानून का दुरुपयोग होगा। इस तरह से होगा तो जेल बुद्धिजीवियों से भर जाएगी। हालांकि पुलिस का कहना था कि अगर इन्हें जमानत दी गई तो समाज में गलत मैसेज जाएगा। अगर ये जमानत पर छूटे तो और भी लोग ऐसा करने का साहस करेंगे।  

दरअसल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वकील विनीत जिंदल ने डॉ. रतन लाल के खिलाफ सिकायत की थी और अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि रतन लाल ने हाल ही में शिवलिंग पर एक अपमानजनक और उकसाने वाला ट्वीट किया था।  

इसके बाद शुक्रवार की देर रात रतन लाल को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस के मुताबिक प्रोफेसर रतन लाल को आईपीसी (IPC) की  धारा 153 ए और 295 ए के तहत साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि अब कोर्ट ने उन्हें राहत दी है। उनसे सोशल मीडिया से पोस्ट हटाने को भी नहीं कहा गया है।

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