Drugs case : बिक्रम मजीठिया को सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत, सोमवार तक पंजाब पुलिस न करे गिरफ्तार
Drugs case : अकाली दल नेता और ड्रग्स केस में आरोपी मजीठिया फिलहाल फरार चल रहे हैं।
Drugs case : सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने मादक पदार्थ की तस्करी मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ( Bikram Majithia ) को गिरफ्तारी से फौरी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पंजाब पुलिस मजीठिया को सोमवार तक गिरफ्तार न करे। अकाली दल नेता और ड्रग्स केस में आरोपी मजीठिया फिलहाल फरार चल रहे हैं। अब उनकी अग्रिम जमानत अर्जी पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) में बिक्रम मजीठिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है। आरोपी के खिलाफ बदले की भावना से पंजाब सरकार कार्रवाई कर रही है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश एन.वी रमण, न्यायाधीश एएस बोपन्ना और न्यायाधीश हेमा कोहली की पीठ ने यह आदेश दिया।
इससे पहले बिक्रम मजीठिया ( Bikram Majithia ) ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से 7 दिन की मोहलत की मांगी थी। इस पर हाईकोर्ट ने उन्हें केवल 3 दिन की मोहलत दी थी। हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को आदेश दिया था कि तब तक उन्हें गिरफ्तार न किया जाए। इस दौरान वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर सकते हैं। साथ ही मजीठिया को हिदायत दी कि इस अवधि के अंदर अपील दाखिल कर दी जाए नहीं तो यह अवधि खत्म होते ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
बता दें कि केंद्र सरकार बनाम मोहम्मद नवाज खान और स्टेट ऑफ केरल बनाम राजेश व अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि एनडीपीएस की धारा 37 की स्थिति में जमानत नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि नशे के कारोबार मामले में एसआईटी ने सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट में रखी है। इस मामले में कार्रवाई पर कोई रोक नहीं थी। ऐसे में यह दलील की सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट में रहते एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती पूरी तरह से आधारहीन है।
पंजाब पुलिस की एक टीम ने विगत सोमवार को उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम अग्रिम जमानत खारिज करने के बाद अमृतसर में मजीठिया ( Bikram Majithia ) के आवास पर छापेमारी की थी। वहीं 20 दिसंबर 2021 को दर्ज नारकोटिकस ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस ( NDPS ) अधिनियम के तहत एक मामले में मोहाली की एक अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद मजीठिया ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।