Employment in India : सड़क पर भले ही लोग रोजगार के लिए भटक रहे हों पर श्रम मंत्रालय के आंकड़ों में अक्टूबर-दिसंबर 21 में 4 लाख नौकरियां बढ़ी, जानिए क्या कहती है रिपोर्ट?

Employment in India : श्रम मंत्रालय (Ministry of Labouor) की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर से दिसंबर 2021 (October to December 2021) के दौरान देश के नौ सेक्टरों में 10 या अधिक कामगार वाली फर्मों में चार लाख से अधिक नौकरियां बनी है...

Update: 2022-04-29 11:30 GMT

Employment in India : सड़क पर भले ही लोग रोजगार के लिए भटक रहे हों पर श्रम मंत्रालय के आंकड़ों में अक्टूबर-दिसंबर 21 में 4 लाख नौकरियां बढ़ी, जानिए क्या कहती है रिपोर्ट?

Employment in India : देश में मंदिर-मस्जिद (Mandir-Masjid), लाडस्पीकर-बुल्डोजर (Loudspeaker-Bulldozer) और ​अजान-हनुमान चालीसा (Ajan-Hanuman Chalisa) पर जारी बहस के बीच बेरोजगारी (Unemployment) कभी गंभीर मुद्दा नहीं बन पाता है। पर यह एक स्याह सच्चाई है कि हमारे देश में 21वीं सदी में भी बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर एक अदद नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं। पर इस सच्चाई की तस्दीक करने से सरकारी आंकड़े अक्सर कतराते हैं। बीते कई महीनों में खासकर कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भी बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी नौकरी गंवायी थी। कई लोग ऐसे भी हैं जो आज तक अपने लिए एक दूसरी नौकरी नहीं ढूंढ़ पाए हैं। पर सरकार के आंकड़ों की मानें तो सब कुछ सामान्य होने की राह पर है, और देश में बीते साल अक्टूबर से दिसंबर के बीच 4 लाख नई नौकरियां बढ़ी है।

श्रम मंत्रालय (Ministry of Labouor) की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर से दिसंबर 2021 (October to December 2021) के दौरान देश के नौ सेक्टरों में 10 या अधिक कामगार वाली फर्मों में चार लाख से अधिक नौकरियां बनी है। केन्द्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment)  के तीसरी तिमाही के रोजगार सर्वे (Employment Survey) की गुरुवार को जारी रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आयी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक नौकरियों की संख्या तिमाही आधार पर 1.45 प्रतिशत बढ़कर 3.14 करोड़ हो गयी है। जबकि जुलाई से सितंबर महीने में यह संख्या 3.10 करोड़ ही थी।

सर्वे में 10834 फर्मों के रोजगार के आंकड़े जुटाए गए। इसमें मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing), कंस्ट्रक्शन (Construction), ट्रेड (Trade), ट्रांसपोर्ट (Transport), शिक्षा (Education) , स्वास्थ्य (Health), आवास और रेस्तरा (Housing and Restaurant), आईटी/बीपीओ (IT/BPO) व फाइनेंशियल सर्विसेज (Financial Services) को शामिल किया गया है।

सर्वे के अनुसार कुल-मिलाकर 23.55 प्रतिशत फर्मों ने कमगारों को आॅन जॉब ट्रेनिंग दी। जबकि इस मामले में हेल्थ सेक्टर की फर्म 34.87 प्रतिशत की संख्या अधिक रही। इन नौ क्षेत्रों में 1.85 लाख वैकेंसी थी। इसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 81846, हेल्थ सेक्टर में 47076 और शिक्षा के क्षेत्र में 39014 पद खाली थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 86.5 प्रतिशत वैकेंसी भरने की प्रक्रिया में थी।

लगभग 4 प्रतिशत वैकेंसी जरूरी स्किल्ड श्रमिक (Skilled Labour) नहीं मिलने के कारण बनी रहीं। आपको बता दें कि इस सर्वे में 2013—14 के बाद स्थापित यूनिट्स को शामिल नहीं किय गया है। सर्वे रिपोर्ट श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने जारी की है। उन्होंने कहा है कि ताजा आंकड़े संगठित क्षेत्र में नौकरियां बढ़ने के रुझान दर्शाते हैं। 

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