डेढ़ साल के अथक प्रयासों के बाद भी मोदी सरकार सिर्फ 5 प्रतिशत लोगों को ही दे पाई वैक्सीन की दोनों डोज
देश की जनसंख्या के महज 5 प्रतिशत आबादी को ही वैक्सीन की दोनों डोज मिली है। यानी देखा जाये तो तकरीबन 136 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में करीब 6।8 करोड़ लोग ही इस महामारी से पूरी तरह सुरक्षित है। ऐसे में तो भारत को अभी लम्बा सफर तय करना है...
जनज्वार, ब्यूरो। देश में कोरोना महामारी के खिलाफ जंग जारी है। तीसरी लहर की आशंका के बीच इसके रोकथाम के लिए प्रयास भी हो रहे हैं। कोविड के खिलाफ लड़ाई में हमारा सबसे बड़ा हथियार है, वैक्सीन। वैक्सीनेशन, मास्क औऱ सोशल डिस्टेंसिंग के बल पर ही हम इस महामारी को मात दे सकते हैं। कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन अभियान भी तेज हुआ है। सरकार ने नई टीकाकरण नीति के साथ इसे लागू किया है। 21 जून को शुरू हुई नई नीति के तहत देश में 85 लाख से भी ज्यादा लोगों को वैक्सीन की डोज पड़ी, जो एक विश्व रिकॉड है।
लेकिन आंकड़ों में देखें तो देश में कोविड के खिलाफ वैक्सीनेशन की रफ्तार अभी भी बहुत धीमी है। देश में अब तक 29 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी गयी है। जो भारत की आबादी का करीब 21 प्रतिशत है। लेकिन इतनी अबादी को टीके की दोनों डोज नहीं पड़ी है। जानकारी के मुताबिक, देश की जनसंख्या के महज 5 प्रतिशत आबादी को ही वैक्सीन की दोनों डोज मिली है। यानी देखा जाये तो तकरीबन 136 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में करीब 6।8 करोड़ लोग ही इस महामारी से पूरी तरह सुरक्षित है। ऐसे में तो भारत को अभी लम्बा सफर तय करना है।
29 करोड़ से ज्यादा का टीकाकरण
देश में बीते दिनों से वैक्सीनेशन को रफ्तार दी गयी है। कोरोना के तीसरी लहर के खतरे के बीच केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो देश में अब तक 29 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका दिया गया है। जो अपने में एक रिकॉड है। लेकिन 29 करोड़ लोगों को टीके की दोनों डोज नहीं मिली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इसे लेकर देशवासियों को बधाई देते हुए ट्वीट भी किया है।
इससे पहले 21 जून को देश में नई टीकाकरण नीति के साथ वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत की गयी। जिसमें एक दिन में टीकाकरण का नया कीर्तिमान भी बनाया गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 21 जून को रिकॉर्ड 88.09 लाख वैक्सीन डोज़ लगाकर भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट भी किया। पीएम ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर वेलडन इंडिया लिखा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वैक्सीनेशन ड्राइव के दूसरे दिन मंगलवार रात 10 बजे तक देशभर में सिर्फ 53 लाख 40 हजार वैक्सीन डोज ही लगाई जा सकीं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार को 18-44 वर्ष की आयु वर्ग में वैक्सीन की 32,81,562 से अधिक डोज पहली खुराक के रूप में और 71,655 दूसरी खुराक के रूप में दी गई। टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से कुल मिलाकर, 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस आयु वर्ग के 6,55,38,687 से अधिक लोगों ने अपनी पहली खुराक प्राप्त की है और 14,24,612 से अधिक लोगों ने अपनी दूसरी खुराक मिली है।
महज 5 प्रतिशत आबादी ही सुरक्षित
सरकार वैक्सीनशन ड्राइव को लेकर भले ही अपनी पीठ थपथपा ले। लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। और इस महामारी से लड़ाई में हमें अभी लम्बा सफर तय करना है। बीते साल कोरोना का अटैक भारत पर हुआ। औऱ करीब सरकार के डेढ़ साल के प्रयास के बाद भी देश की महज 5 प्रतिशत जनसंख्या ही इस महामारी से पूरी तरह सुरक्षित है। यानी 5 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगी है।
वहीं न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार ये आंकड़ा तकरीबन 4 फीसदी ही है। न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार, भारत में करीब 17 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की सिंगल डोज और 3।7 फीसदी को दोनों डोज लगी है। आकड़ों के मुताबिक, देश में 100 में से 21 लोगों को वैक्सीन दी गयी, लेकिन इनमें टीके के दोनों डोज शामिल नहीं है। न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार, विश्व की 2।7 बिलियन आबादी को वैक्सीन की डोज पड़ी है। जिसका मतलब है 100 में से 35 लोग को टीके दिये गये हैं। लेकिन इसमें भी दोनों डोज शामिल नहीं है।