Exclusive : गरीब लड़की को प्रेमजाल में फंसाकर दी मौत फिर दफना दी लाश, पुख्ता साक्ष्यों के बावजूद परिवार को गुमराह कर रही बलिया पुलिस
Exclusive : युवक ने लड़की को दुनिया से हटाने का फैसला किया और बाजार से ज़हर खरीद कर लाया। इस जहर के उसने दो ग्लास बनाये। एक में जहर और दूसरे में हल्का रंग। एक जहर भरा और एक बिना जहर का...
Ballia Crime News (जनज्वार) : उत्तर प्रदेश के बलिया में लगभग 15-16 साल पहले हुआ एक मर्डर मिस्ट्री में तब्दील हो गया है। इस घटना में मौत के घाट उतारी गई गरीब परिवार की एक लड़की जिसकी उम्र मात्र 15 साल थी। इस वारदात को लेकर सभी साक्ष्य मौजूद हैं लेकिन हराम की खाने वाली पुलिस देख जानकर भी अंधी बनी हुई है। एक गरीब परिवार न्याय के लिए भटक रहा है और यूपी की जांबाज पुलिस सभी को गुमराह कर रही है।
सबदलपुर एक छोटी सी चट्टी है जहां दूसरे मौजे का रहने वाला लड़का इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं व वीडियो वगैरह किराये पर चलाता था। मृतका उसके प्रेमजाल में फंस गई और कुछ दिन बाद लड़का-लड़की को बहला फुसला कर भगा ले गया। कुछ दिन तक तो गांव में ही अपने ट्यूबवेल पर रखा और बाद में पंजाब लेकर चला गया। दो तीन महीने बाद वापस आकर, लड़की को ट्यूबवेल पर ही रखता था।
इस बीच लड़के की भतीजी के रिश्ते के सम्बंध में लड़के वाले देखने आये। लेकिन उसका रिश्ता हर बार सिर्फ इसलिए टूट जाता कि लड़का किसी दूसरे जाति की लड़की को रखे हुए है, घरवालों ने लड़के को दबाव बनाया की लड़की को यहां से हटाओ नहीं तो हमारी लड़की की शादी नहीं होगी।
युवक ने लड़की को दुनिया से हटाने का फैसला किया और बाजार से ज़हर खरीद कर लाया। इस जहर के उसने दो ग्लास बनाये। एक में जहर और दूसरे में हल्का रंग। एक जहर भरा और एक बिना जहर का। युवक ने लडक़ी को बोला कि दुनिया हमें जीने नहीं देगी अब हम साथ ही मर जाते हैं। साथ ही उसने बोला कि मैं तो जहर पीकर मर जाता हूँ तुम आज़ाद हो अपने घर जा सकती हो या ये जहर का ग्लास पी सकती हो। इतना कहकर रंगीन पानी वाला ग्लास पी गया और तड़पने का नाटक करने लगा।
यह देखकर लड़की घबरा गई और उसने जहर वाला ग्लास उठाकर पी लिया। थोड़ी देर में उसकी जीवनलीला समाप्त हो गयी। मरी लड़की को देखकर युवक होश उड़ गए उसने लड़की को पास के ही एक सूखे हुए नाले में दफन कर दिया, मगर वो लड़की को पूरी तरह ढक नहीं सका। लड़की का एक पांव थोड़ा नज़र आ रहा था। इसके बाद यह लोग गांव के ही एक बुजुर्ग आदमी के पास गए और उसको गड्ढा खोदने के लिए बोले कि 100 रू. लेलो और गड्ढा खोद दो।
इस दौरान बुजुर्ग ने गड्ढा खोदे जाने का कारण पूछा, और सच्चाई जानकर उल्टा गाली देकर भगा दिया। उसी समय पावर ग्रिड के हाई टेंशन पोल लग रहे थे, एक पोल का फाउंडेशन हो गया था उसके ऊपर मिट्टी डालनी बाकी थी उन्होंने लड़की की लाश को फाउंडेशन के ऊपर रखकर मिट्टी से ढक दिया अगले दिन JCB मशीन ने पूरा फाउंडेशन मिट्टी से भर दिया। लोग इस घटना को भूल चुके थे।
इस घटना का खुलासा तब हुआ जब बलिया के रहने वाले RTI एक्टिविस्ट व सोशल वर्कर सिंहासन चौहान से उनकी पत्नी ने 2018 में इस बात का जिक्र किया। सिंहासन चौहान को पता चला तो उन्होने दो दिन तक गांव में घूम-घूमकर लोगों से इस बाबत पड़ताल की। जितने लोगों से बात हुई तो पाया गया यह घटना सत्य है। लेकिन यह पता नहीं चला कि लड़के ने लड़की का क्या किया? सभी ने महज शक ही जाहिर किया कि उसने शायद लड़की को मारकर खम्बे में गाड़ दिया है, लेकिन इसकी हकीकत अगर कोई जानता था तो वह सिर्फ लग्गन चौहान था, जिसके पास वो खुदाई के लिए गए थे।
सिंहासन चौहान, लग्गन से मिले और उससे घटना की जानकारी ली। लग्गन चौहान ने घटना को सत्य बताया और वो खम्बा भी दिखाया जिसमें लड़की को दफन किया गया था, सिंहासन चौहान ने सारी बातों को मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया। उसके बाद सिंहासन ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत कर दी साथ ही घटना को फेसबुक पर अपलोड कर दिया। पुलिस ने जांच शुरू की तो मुजरिम उस महिला के पास दौड़ने लगे जिसकी लड़की गायब कर दी गई थी। वो सुलह का दबाव बनाने लग गए उनसे परेशान होकर महिला ने सिंहासन चौहान को फोनकर सारी बात बताई की मुझे सुलह के लिए दबाव बना रहे हैं।
सिंहासन चौहान अपनी पत्नी के साथ उस महिला के घर गया और वहीं ग्राम प्रधान को भी बुलवाया। उस महिला ने पूरी कहानी बताई और कहा कि ये लोग मेरे पास रोज आ रहे सुलह का दबाव बनाने। सिंहासन ने पूछा तुम क्या चाहती हो? उस महिला ने कहा कि उसने मेरी लड़की को मारा है, उसे कानूनन सज़ा मिलनी चाहिए नहीं तो जैसे उसने मेरी लडक़ी को मारा है वैसे ही अपनी लड़की वो मेरे घर कर दे। सिंहासन ने पूछा क्या तुमने थाने में उस समय कोई एप्लीकेशन दी थी जिसपर महिला ने कहा हम गरीब लोग हैं पति जब काम करके शाम को पैसे लाते हैं तब हमारा चूल्हा जलता है।
कैसे क्या करना है हमें मालूम भी नहीं था और गरीब आदमी की मदद कौन करता है। सिंहासन चौहान ने महिला की मदद के इरादे से पूछा की क्या वह एक एप्लीकेशन दे सकती हो, महिला ने कहा हां। इसके अगले दिन यानी 4 जुलाई 2018 को महिला द्वारा थाना-भीमपुरा में एक एप्लीकेशन दी गई। कुछ दिन के बाद पुलिस ने दोनों पक्ष को थाने में बुलाया बातें सुनी। जब सिंहासन चौहान ने लग्गन चौहान का ऑडियो पुलिस को सुनाया तो पुलिस ने तुरत दो आदमियों को बंद कर दिया। बाद में शाम को कुछ माफिया व दलाल किस्म के लोगों ने उन दोनों को पैसे खाकर छोड़ दिया।
पुलिस ने जब मुकदमा नहीं लिखा तो महिला ने 156(3) के तहत न्यायालय में अपील की। न्यायालय ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश पारित कर दिया। बिकी हुई पुलिस ने पैसे व माफियाओं के दबाव में FR लगाकर केस को बंद कर दिया कि घटना का कोई साक्ष्य नहीं मिला। जबकि इससे पहले 15 लोग घटना की सत्यता की गवाही कर चुके थे। सिंहासन चौहान ने पुलिस को वो खम्बा भी दिखाया जिसमें लड़की की लाश दफन की हुई थी। पुलिस ने बाकायदा उस पोल का नक्शा नज़ीर भी बनाया था बावजूद इसके बिकी हुई पुलिस ने FR लगा दिया।
इसकी जानकारी जब सिंहासन चौहान को हुई तो सिंहासन चौहान ने एक बहुत ही तल्ख लेटर पुलिस महानिदेशक को लिखा जिसमें यहां तक लिखा कि अगर पुलिस का सरकार की दी हुई तनख्वाह से पेट नहीं भरता तो कटोरा लेकर चौराहे पर बैठ जाये इससे ज्यादा पैसे मिल जाएंगे। पुलिस ने उस लेटर को संज्ञान में लिया और दुबारा विवेचना के आदेश कर दिए।
मार्च 2021 में SP बलिया से दुबारा विवेचना के आदेश के बाद भी जब कोई जांच नहीं हुई तो सिंहासन चौहान ने लगातर ट्वीट करके पुलिस के उच्चाधिकारियों को घटना व जांच ना होने के सम्बंध में बताया, ट्वीट के वजह से CO रसड़ा 15 अगस्त, 23 अगस्त व 7 सितंबर को जांच के लिए आये व पीड़ित महिला से भी मिले व 13 लोगों ने घटना की सच्चाई का बयान दिया उसके बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। मुजरिम आज़ाद घूम रहा है। सिंहासन चौहान बराबर ट्वीट कर पुलिस की नाकामी व लापरवाही से अवगत कराया।
12 सितंबर 2021 को SO भीमपुरा मुजरिम के पास गए और कुछ पूछताछ की। उसके बाद सिंहासन चौहान के घर गए मगर सिंहासन चौहान घर पर नहीं मिले, पुलिस ने सिंहासन चौहान को फोन कर कहा कि हम आपके घर पर है और आपसे मिलना चाहते हैं। जिसपर सिंहासन ने बोला कि अभी मैं बाहर हूँ शाम को आपसे थाने में मिल लूंगा। शाम को SO भीमपुरा ने सिंहासन को फोन किया और कहा कि मैं थाने आ गया हूँ, आप आ जाइये।
सिंहासन थाने गये, थाने से थोड़ा पहले SO भीमपुरा अपनी गाड़ी के साथ खड़े थे, सिंहासन ने अपना परिचय दिया तो SO बोले खान आपने लाश को गाड़ते देखा है, सिंहासन ने कहा मैंने देखा नहीं मुझे बताया गया है। SO ने आगे कहा आप दूसरे की मर्जी के खिलाफ फेसबुक और ट्विटर पर डालते रहते हो तुम्हारे खिलाफ मुकदमा लिखूंगा। सिंहासन ने कहा अगर मेरी पोस्ट आपत्तिजनक है तो आप मुकदमा लिखिये, मेरा नंबर आपके पास है ही आप जब बुलाएंगे में थाने आ जाऊंगा।
जिसपर SO ने आगे कहा क्या आप ही एक समझदार आदमी हो इस गांव में? सिंहासन ने कहा हां हूँ। उसके बाद SO ने कहा जाइये आपका बयान हो गया। सिंहासन ने कहा सर ये कैसा बयान आप थाने में बैठकर लिखिये मेरा सिग्नेचर करवाइये। इस बातचीत के बाद सिंहासन चौहान अपने घर आ गये।
अगले दिन पीड़ित महिला ने सिंहासन को फोन किया और बताया कि SO भीमपुरा उसके घर आया था और सुलह समझौते का दबाव बना रहा था। सिंहासन ने ये सारे बातें रेकॉर्ड कर लिया और ये रिकॉर्डिंग पुलिस को ट्वीट कर दी। पुलिस द्वारा लिखा गया मुकदमा जिसकी संख्या 108/19 थाना-भीमपुरा, जनपद-बलिया, घटना की जगह शाहपुर टिटिहा, सबदलपुर जिसके सभी साक्ष्य जनज्वार के पास भी उपलब्ध हैं।
ये कहानी जो किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। पुलिस ने पैसे के लिए अपना कर्म और धर्म सब कुछ बेच दिया है। अगर इस केस का खुलासा होता है तो सच में एक अजूबा होगा और समाज में एक पॉजिटिव संदेश जाएगा कि मुजरिम कितना भी चालक हो एक दिन उसे कानून की गिरफ्त में आना ही है। लेकिन पुलिस की अंधेरगर्दी के आगे सच वो भी इतनी जल्दी सामने आ पाए लगता नहीं।