विदेश मंत्री जयशंकर ने चीनी विदेशी मंत्री से बात कर जताया कड़ा प्रतिरोध, घटना पूर्वनियोजित व योजनाबद्ध

दो दिन पूर्व लद्दाख के गलवान घाटी में भारत व चीन की सेना के बीच हुए टकराव पर आज दिन भर कूटनीतिक गतिविधियां तेज रहीं। इसी क्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के अपने समकक्ष से बात कर नाराजगी व प्रतिरोध जताया...

Update: 2020-06-17 13:36 GMT

नई दिल्ली, जनज्वार। लद्दाख के गलवान घाटी में दो दिन पूर्व लद्दाख के गलवान घाटी में भारत व चीन की सेना के बीच हुए टकराव पर आज दिन भर कूटनीतिक गतिविधियां तेज रहीं। इसी क्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के अपने समकक्ष से बात कर नाराजगी व प्रतिरोध जताया...लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच दो दिन पहले हुए सैन्य टकराव को लेकर आज भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बात की। इस बातचीत के दौरान जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष से कहा कि गलवान में जो हुआ वह चीन द्वारा पूर्व नियाजित और योजनाबद्ध कार्रवाई थी, जो घटनाओं के अनुक्रम के लिए जिम्मेवार है।

भारतीय विदेश मंत्री की ओर से चीनी विदेश मंत्री को कहा गया कि गलवान में जो हुआ, वह पूर्वनियोजित व योजनाबद्ध था, इसी की वजह से सारी घटनाएं हुईं।

जयशंकर की चीनी विदेश मंत्री से बातचीत को लेकर विदेश मंत्रालय की ओर से बयान आया है। इसमें कहा गया है कि बातचीत में इस बात पर जोर दिया गया कि अभूतपूर्व घटनाओं का द्विपक्षीय रिश्तों पर गंभीर असर होगा। भारत ने चीनी पक्ष को अपनी कार्रवाई की समीक्षा करने और सुधारात्मक कदम उठाने को कहा है।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों पक्षों को ईमानदारी और गंभीरता से छह जून को कमांडरों की बैठक में हुए समझौते को लागू करना चाहिए। दोनों पक्षों के जवानों को द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकाॅल का पालन करना चाहिए और वास्तविक नियंत्रण रेखा का सख्ती से सम्मान करना चाहिए और किसी भी प्रकार की एकपक्षीय कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष से स्पष्ट किया है चीन यथास्थिति में परिवतर्न नहीं करने को लेकर हमारे बीच बनी सभी सहमतियों का उल्लंघन कर जमीनी हकीकत बदलने का इरादा रखता है। विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस अनचाही गतिविधि से द्विपक्षीय रिश्तों पर गंभीर असर पड़ेगा। चीन फिर से अपनी कार्रवाई पर विचार करे और सुधार की दशिा में कदम बढाए।

चीनी समकक्ष की ओर से यह कहा गया कि मतभेदों से उबरने के लिए दोनों पक्षों को मौजूदा तंत्रों के जरिए बातचीत और समन्वय का रास्ता और दुरुस्त करना चाहिए।

इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन का बयान आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि हम कूटनीतिक व मिलिट्री चैनल के जरिए संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि इस मामले में सही और गलत बिल्कुल साफ है। उन्होंने यह आरोप लगाया था कि यह घटना नियंत्रण रेखा के चीन की तरफ हुई और इसके लिए चीन को दोष नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन की ओर से हम और अधिक झड़प नहीं देखना चाहते हैं।

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