10 हजार में बनता है उत्तराखंड में फर्जी आधार कार्ड, देशी हो या विदेशी नागरिक किसी भी कागज की नहीं पड़ेगी जरूरत

26 दिसंबर की देर शाम को सीएससी सेन्टर में नेपाली नागरिक दिल बहादुर को भेजा गया तो लक्ष्मण सैनी ने पौड़ी के किसी गांव का उसका वोटर कार्ड बना दिया था, साथ ही आधार कार्ड के लिए फॉर्म भर दिया गया...

Update: 2022-12-27 11:10 GMT

10 हजार में बनता है उत्तराखंड में फर्जी आधार कार्ड, देशी हो या विदेशी नागरिक किसी भी कागज की नहीं पड़ेगी जरूरत

Dehradun news : उत्तराखंड एसटीएफ ने दस हजार रुपए में बिना किसी कागज के फर्जी आधार और वोटर कार्ड बनाने वाले एक आधार सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। यहां लोगों से पैसों की वसूली कर उनके फर्जी आधार और वोटर कार्ड बनाए जा रहे थे। इस मामले में व्यक्ति के भारतीय या गैर भारतीय होने की कोई पाबंदी नहीं थी। पैसे देकर कोई भी अपना कोई भी दस्तावेज बनवा सकता था।

इसी के चलते विदेशी नागरिकों में नेपाल के लोगों को उत्तराखंड के गढ़वाल का निवासी बताकर उनके कार्ड भी बना दिए गए। इस मामले में जिन तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया है, उनके पास से 640 ब्लैंक प्लास्टिक कार्ड, 200 लैमिनेशन कवर (कार्ड), 28 वोटर आईडी, 68 आधार कार्ड, 17 पैनकार्ड, 07 आयुष्मान कार्ड, 01 स्टैम्प, 01 स्टैम्प पैड व 12500 रूपये नकद के साथ इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किया गया।

इन लोगों की गिरफ्तारी की बाबत पूरा ब्यौरा देते हुए उत्तराखंड एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि थाना ऋषिकेश क्षेत्र में एसटीएफ उत्तराखंड ने छापा मारकर ये कामयाबी हासिल की है। यहां तीन लोग अवैध तरीके से बगैर किसी डॉक्यूमेंट प्रूफ के लोगों का आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पेन कार्ड व अन्य पहचान पत्र बना रहे थे। ऐसे लोगों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जिनके फर्जी वोटर कार्ड व आधार कार्ड बनाये गये हैं।

इन लोगों के बारे में एसटीएफ को एक गोपनीय इनपुट मिलने के बाद एसटीएफ की ओर से इनकी निगरानी की गई तो पता चला कि फर्जी आधार और अन्य आईडी एक व्यक्ति लक्ष्मण सैनी की ओर से अपने साथियों के साथ मिलकर बनाए जाते हैं। लक्ष्मण सैनी अपनी दुकान में (कॉमन सर्विस सेंटर) सीएससी सेन्टर चलाता है। एसटीएफ ने सारे तथ्य तो जुटा लिए थे, लेकिन इनको रंगे हाथ गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ ने ट्रेपिंग का सहारा लिया।

इसके तहत कुछ दिन पूर्व एक नेपाली नागरिक को काल्पनिक नाम दिलबहादुर नाम देते हुए इस ट्रेप के लिए तैयार करते हुए उस नेपाली नागरिक को इन लोगों के ठिकाने सीएससी, एपेटाईड सेन्टर, एम्स रोड, ऋषिकेश पर आधार कार्ड बनवाने भेजा गया, जहां पर इस व्यक्ति के साथ बातचीत के बाद सीएससी सेन्टर का मालिक लक्ष्मण कुमार सैनी दस हजार रुपये में दिलबहादुर नेपाली नागरिक का फर्जी आधार कार्ड और फर्जी वोटर आईडी कार्ड किसी भी भारतीय/उत्तराखंड के वैध दस्तावेज के बिना बनाने के लिये तैयार हो गया। इस काम के लिए एडवान्स में तीन हजार रूपया ले लिया तथा दिनॉक 26 दिसंबर को वोटर आईकार्ड और कुछ दिनो बाद आधार कार्ड देने का वादा किया।

इसके बाद 26 दिसंबर की देर शाम को सीएससी सेन्टर में नेपाली नागरिक दिल बहादुर को भेजा गया तो लक्ष्मण सैनी ने पौड़ी के किसी गांव का उसका वोटर कार्ड बना दिया था। साथ ही आधार कार्ड के लिए फॉर्म भर दिया गया। इसी दौरान एसटीएफ ने छापा मारकर आधार सेंटर में लक्ष्मण सिंह सैनी पुत्र छोटे लाल सैनी निवासी मीरानगर मार्ग गली 11 ऋषिकेश वीरभद्र देहरादून के साथ दो अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। उसके दो साथियों में बाबू सैनी पुत्र छोटे लाल सैनी निवासी मीरानगर मार्ग गली 11 ऋषिकेश, वीरभद्र, देहरादून और भरत सिंह उर्फ भरदे दमई पुत्र टीकाराम निवासी गेहतमा जिला रूकुम दाबिश ऑचल राफल, नेपाल, हाल निवासी धारीदेवी कलियासौड़ हैं।

इन लोगों की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ अब गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में अब तक इनके द्वारा कितने लोगों का कार्ड बनाया गया है, इसकी जानकारी इकट्ठा कर रही है। एसटीएफ को आशंका है कि कई अपराधियों ने इनकी इस सेवा का लाभ उठाकर और भी कई जघन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया होगा। हो सकता है कि इसी कड़ी में आने वाले दिनों में कोई और सनसनीखेज खुलासा हो।

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